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हमास-इस्राईल जंग के 76वे दिन की ख़ास ख़बरें : तेलअवीव में मच गया हाहाकार : रिपोर्ट

 

 

 

 

 

पिछले 72 घंटों में ऐसा क्या हुआ जो तेलअवीव में मच गया हाहाकार!

फ़िलिस्तीन के लोकप्रिय प्रतिरोध आंदोलन हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन क़स्साम ब्रिगेड के प्रवक्ता ने बुधवार रात घोषणा की कि पिछले 72 घंटों में आतंकी ज़ायोनी दुश्मन के 41 बख़्तरबंद वाहन उनके लिए उनकी क़ब्र में बदल गए हैं।

समाचार एजेंसी इर्ना की रिपोर्ट के मुताबिक़, इज़्ज़ुद्दीन क़स्साम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू उबैदा ने एक टेलीग्राम संदेश में 25 आतंकी इस्राईली सैनिकों की मौत और दर्जनों अन्य सैनिकों के घायल होने की सूचना दी है। क़स्साम ब्रिगेड के प्रवक्ता ने बताया है कि पिछले 72 घंटों में आतंकी ज़ायोनी सेना के 41 बख़्तरबंद वाहन पूरी तरह तबाह कर दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के उत्तरी इलाक़े में स्थित किरयात शमूना शहर को फ़िलिस्तीनी जियालों ने मिसाइलों से निशाना बनाया है।

इस बीच आतंकी इस्राईली सेना ने बुधवार रात को घोषणा की कि पिछले 24 घंटों में ग़ज़्ज़ा पट्टी में हुई झड़पों में 29 ज़ायोनी सैनिक मारे गए और घायल हुए हैं। अल-अक़्सा तूफ़ान ऑपरेशन के बाद से आरंभ हुए युद्ध की शुरुआत के बाद से, ज़ायोनी सेना हर दिन अपने आतंकी सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार कर रही है और कभी-कभी उनके नामों का भी एलान करती रहती है। यह कार्यवाही ग़ज़्ज़ा युद्ध में बड़ी संख्या में ज़ायोनी सैनिकों के हताहत होने और अवैध अधिकृत क्षेत्रों में घरेलू स्तर पर आगे की प्रतिक्रियाओं की आशंका के कारण की गई है। ज़ायोनी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, इस्राईली सेना द्वारा घोषित घायलों के आंकड़े इस शासन के अस्पतालों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से बहुत ही अलग हैं।

यमन ने अमरीका और उसके नये गठबंधन को खुली धमकी दे दी, जवाबी कार्यवाही हैरान करने वाली होगी

यमन की उच्च राजनीतिक परिषद का कहना है कि हम अमेरिका के संभावित हमलों का करारा और आश्चर्यजनक जवाब देंगे।

इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार, यमन की उच्च राजनीतिक परिषद ने यमन के ख़िलाफ़ नौसैनिक गठबंधन के गठन के जवाब में एक बयान में घोषणा की कि लाल सागर में व्यापार संरक्षण की आड़ में नौसैनिक गठबंधन बनाने की अमेरिकी पहल एक दुश्मन की चाल है और यमनी सेना अमेरिका के संभावित हमलों का करारा और आश्चर्यजनक जवाब देगी।

यमन की उच्च राजनीतिक परिषद के बयान में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के समर्थन की आड़ में बहुराष्ट्रीय ताक़त स्थापित करने का अमेरिकी उद्देश्य, इस्राईल का समर्थन करना और लाल सागर और अदन की खाड़ी का सैन्यकरण करना है।

यमन की उच्च राजनीतिक परिषद ने इस बयान में कहा है कि अमेरिका की शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों के बाद होने वाली सभी घटनाओं के लिए वाशिंग्टन ज़िम्मेदार होगा।

यमन की उच्च राजनीतिक परिषद के बयान में कहा गया है कि ज़ायोनी जहाज़ों या अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के क्षेत्रों की बंदरगाहों के लिए जाने वाले जहाजों को छोड़कर, यह मार्ग अन्य जहाज़ों के लिए सुरक्षित है।

दक्षिणी लेबनान पर इस्राईल का हवाई और तोपख़ानों से हमला

इस्राईल ने एक बार फिर दक्षिणी लेबनान के कुछ क्षेत्रों पर हवाई और तोपख़ाने से हमला किया है।

समाचार सूत्रों ने दक्षिणी लेबनान के कई क्षेत्रों पर ज़ायोनी सेना के भीषण तोपखाने और हवाई हमलों की सूचना दी है। लेबनानी समाचार एजेंसी के अनुसार गुरुवार को ज़ायोनी सेना ने दक्षिणी लेबनान में “बिन्ते जुबैल, यारून, मारुन अल-रास, “एतरून और एइता अल-शाब शहरों के इलाकों को तोपख़ानों से निशाना बनाया।

लेबनानी समाचार एजेंसी ने इस बात पर जोर दिया कि ज़ायोनी दुश्मन ने दक्षिणी लेबनान में जबल अल-लबुना, अल-अल्लाम और “ओलमा अल-शाब के जंगलों की तरफ़ आग लगाने वाले बम फ़ायर किए।

लेबनानी मीडिया ने कफ़रकला शहर के आसपास ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों के हमलों और रामिया क्षेत्र पर तोपखाने के हमलों की भी रिपोर्ट दी है।

दक्षिणी लेबनान में नागरिक सुरक्षा ने यह भी बताया कि मारून अल-रास शहर में एक घर पर इस्राईल के हवाई हमले में एक महिला शहीद और उसका पति घायल हो गए।

इस्राईली हेलीकाप्टरों पर हिज़्बुल्लाह का बड़ा हमला, कई और कामयाब आप्रेशन

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह ने घोषणा की है कि उन्होंने दो इस्राईली हेलीकॉप्टरों पर मिसाइलों से हमला किया है और उन्हें क्षेत्र से भागने पर मजबूर कर दिया।

हिज़्बुल्लाह ने एक बयान में इस्राईली हेलीकॉप्टरों पर मिसाइलें दाग़ने की घोषणा की है।

हिज़्बुल्लाह ने घोषणा की है कि बुधवार की शाम सतह से हवा में मार करने वाली दो मिसाइलों से उत्तरी क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन के शतूला, शोमीरा और एवन मेनाख़िम इलाकों में इस्राईली सेना के दो हेलीकॉप्टरों को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप इस्राईली हेलीकॉप्टर क्षेत्र छोड़कर फरार हो गये।

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह ने अपने बयान में कहा कि उसने उचित सैन्य हथियारों से ज़ायोनी शासन के ठिकानों को निशाना बनाया है।

हिज़्बुल्लाह ने यह भी घोषणा की है कि फिलिस्तीनियों के समर्थन में उसने अल-रेहाब सैन्य अड्डे पर बुर्कान मिसाइलों से हमला किया है।

हिज़्बुल्लाह ने ख़रबा माएर क्षेत्र में इस्राईली टैंकों और बरका रेशा नामक सैन्य अड्डे के आसपास के क्षेत्रों में इस्राईली की पैदल सेना पर उचित हथियारों से हमला किया है।

फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की हत्याओं पर चीख़ पड़ा एमनेस्टी इन्टरनेश्नल

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई और हिरासत में कुछ फ़िलिस्तीनी कैदियों की शहादत की जांच करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने घोषणा की है कि इस्राईल को ग़ज़्ज़ा में बंदी बनाए गए सभी फ़िलिस्तीनियों को रिहा करना होगा और फ़िलिस्तीनी कैदियों और कुछ लापता फ़िलिस्तीनियों की शहादत के लिए स्पष्टीकरण देना होगा।

एमनेस्टी इंटरनेशनल के क्षेत्रीय मामलों के प्रमुख हिबा मिराइफ़ ने ग़ज़्ज़ा में इजरायली सेना द्वारा नागरिकों को हिरासत में लिए जाने को युद्ध अपराध बताया।

इससे पहले, एक इस्राईली अखबार ने लिखा था कि ग़ज़्ज़ा के हिरासत में लिए गये कुछ कैदियों को जिन्हें बेर अल-सबा के पास सादिया तिमान डिटेंशन सेंटर में रखा गया था, कठोर परिस्थितियों और गंभीर यातनाओं के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी।

इस्राईली सेना प्रमुख ने भी कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि ग़ज़्ज़ा युद्ध शुरू होने के बाद, इस्राईली सैनिकों ने ग़ज़्ज़ा में लगभग 1 हज़ार फिलिस्तीनी नागरिकों को हिरासत में लिया है।

@Misra_Amaresh
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BREAKING!

#Palestinian resistance ने #WestBank, #Bethlehem मे Beitar Illit #Israeli settlement पर हमला किया है। ये अपनी तरह की अनोखी कार्यवाही है। Settlements illegal हैं। दूसरा, settlers नागरिक नही, बल्कि #IDF की paramilitary है! अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे!

@Misra_Amaresh
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21-12-2023! #Hamas #Gaza!

#Palestinian resistance ने Khan Yunis, Dar-Al-Salamअस्पताल के पास, #IDF वाहनों और सैनिकों का सामना किया। IDF को नुकसान हुआ।

लड़ाके मोर्टार फायर की आड़ में, मिशन के बाद, सफलतापूर्वक base camp लौट आये।

@Misra_Amaresh
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BREAKING!

एक संयुक्त अभियान में, #Hamas #Palestinian resistance ने मध्य #Gaza पट्टी, Al Mughraqa क्षेत्र में #IDF मर्कवा टैंक को एक landmine से उड़ाया!

Land mines का प्रयोग resistance ने हाल ही मे शुरु किया है!

@Misra_Amaresh
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21-12-2023!

#AlQassam लड़ाकों ने मध्य #Gaza, Al Mughraqa क्षेत्र में एक #IDF टैंक के ऊपर sniper हमला किया और फिर उसे Tandem गोले से निशाना बनाया।


@Misra_Amaresh
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21-12-2023! #Hamas #Gaza

Resistance ने उत्तरी गाजा पट्टी में एक #IDF “स्काई रेसिंग” ड्रोन – नंबर 528 – को मार गिराया।

@Misra_Amaresh
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BREAKING! #Palestinian RESISTANCE STRIKES AGAIN!

आज सुबह, Sheik Radwan अक्ष में, एक घर में छिपे #IDF सैनिको पर #फिलीस्तीनी resistance ने मशीनगनों और एंटी-कार्मिक गोले से हमला किया। भीषण झड़पों के दौरान #Israeli सैनिकों मे कुछ मारे गये और कुछ घायल हो गये।

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh

#Gaza मे #Hamas और #Palestinian resistance का upper hand हो गया है। जमीन पर लड़ाई के अलावा, resistance वहीं से, जहां #IDF टैंक पागल कुत्तों की तरह ‘हमास को ढूंढ़ रहा है’, #Israel के अंदर rockets की मार कर रहा है (video)।
@netanyahu
की क्या इज्जत रह गयी?

20-12-2023!

In the last 72 hours,

1. #Hamas fighters destroyed 41 #IDF vehicles and killed 25 soldiers in #Gaza. Dozens were injured.
2. Fighters targeted the infiltrating IDF forces with anti-fortification shells and anti personnel devices,
engaging in close-quarter combat, firing at their rescue teams.
3. Fighters rigged two tunnels and a house and detonated them on advancing #Israeli soldiers. Sniping operations were carried out.
4. Fighters bombarded the headquarters, field command rooms, and military gatherings with mortar shells and short-range missiles on all fronts of the fighting in the Gaza Strip.
5. Fighters showered the city of “Tel Aviv” with a barrage of rockets, in addition to launching a volley towards the settlement of “Kiryat Shmona” in the north of occupied Palestine (Israel)!

इस्राईल के दुस्साहस का कारण क्या है? 

फ़िलिस्तीन में जायोनी सरकार के पाश्विक हमले जारी हैं। आज जबालिया और खान युनूस में अतिग्रहणकारी जायोनी सरकार के हमलों में कम से कम 55 फिलिस्तीनी शहीद हो गये। इस प्रकार जायोनी सरकार के पाश्विक हमलों में शहीद होने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या 20 हज़ार से अधिक हो गयी है।

सवाल यह पैदा होता है कि इन अपराधों के जारी रहने के कारण क्या हैं? इसके जवाब में जानकार हल्के विभिन्न कारणों का उल्लेख करते हैं। उनमें से एक कारण इस्राईल का दुस्साहस है। इस्राईल के दुस्साहस में वृद्धि का एक कारण यह है कि कुछ अरब देशों में फिलिस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन मना है।

इसी तरह कुछ इस्लामी देश एक ओर इस्राईल पर टीका- टिप्पणी करते हैं और दूसरी ओर उसके साथ व्यापार भी जारी रखे हुए हैं और आज इतना सब कुछ होने के बावजूद इस्राईल से संबंध विस्तार और व्यापार के इच्छुक हैं। अभी हाल ही में इस्राईल के राष्ट्रपति की संयुक्त अरब इमारत की यात्रा को इसी परिप्रेक्ष्य में देखी जा सकता है।

कुछ अरब देश एक दूसरे से इसलिए संबंधों को तोड़ लिये हैं कि सामने वाले देश ने उनके राजा या शासक को बुरा भला कहा है और एक दूसरे के खिलाफ काम करते हैं परंतु मज़लूम फिलिस्तीनियों के हक में चुप्पी साधे और मूकदर्शक बने हुए हैं।

यही नहीं कुछ इस्लामी देशों के धर्मगुरू फिलिस्तीनियों के समर्थन के बजाये उन्हें और हमास को बुरा भला कह रहे हैं जबकि अत्याचारी व अतिग्रहणकारी को बुरा भला कहना चाहिये।

जब सीरिया में विद्रोहियों ने इस देश के कानूनी राष्ट्रपति बश्शार असद के खिलाफ उत्पात व तांडव मचा रखा था तो कुछ धर्मगुरूओं ने जेहाद के वाजिब होने का फत्वा दिया था और 76 दिनों का समय बीत गया मगर फिलिस्तीनियों की मदद के लिए जेहाद के वाजिब होने का फत्वा नहीं आ रहा है।

दाइश और अलकायदा जैसे आतंकवादी गुटों ने हज़ारों निर्दोष मुसलमान महिलाओं, बच्चों और लोगों का खून बहाया और उनके साथ किसी प्रकार की बर्बरता में संकोच से काम नहीं लिया परंतु आज इन आतंकवादी गुटों को सांप सूंघ गया है और कहीं से कोई आवाज़ नहीं आ रही है। रोचक बात यह है कि यह आतंकवादी गुट स्वयं को सच्चा मुसलमान भी कहते व समझते हैं।

सवाल यह है कि यह आतंकवादी गुट अब कहां हैं? क्या उन्हें अभी तक पता नहीं चल पाया है कि फिलिस्तीन में क्या हो रहा है? जानकार हल्कों का मानना है कि आतंकवादी गुटों को बहुत अच्छी तरह पता है कि फिलिस्तीन में क्या हो रहा है, वहां इस्राईल ने बर्बरता की सारी हदें व सीमायें पार कर दी हैं।

आखिर ये आतंकवादी क्यों बोलें? यह आतंकवादी और तथाकथित मुसलमान अमेरिका और इस्राईल के हथकंडे और एजेन्ट हैं और उन्हीं के इशारे पर काम करते हैं। अमेरिका और इस्राईल उनके अन्नदाता हैं। अगर ये गुट उनके खिलाफ आवाज़ बुलंद करेंगे तो न केवल उनकी रोज़ी रोटी बल्कि जान भी खतरे में पड़ सकती है। इसलिए इन आतंकवादी गुटों ने अर्थपूर्ण चुप्पी साधी रखी है।

यह आतंकवादी गुट स्वयं को सच्चा मुसलमान कहते हैं और दूसरों को गुमराह कहते हैं। सवाल यह पैदा होता है कि अगर वास्तव में यह सच्चे मुसलमान हैं तो फिलिस्तीन के मज़लूम मुसलमानों की मदद क्यों नहीं कर रहे हैं? जबकि हम देख रहे हैं कि दक्षिणी लेबनान का हिज्बुल्लाह आंदोलन अपने फिलिस्तीनी भाइयों की मदद कर रहा है और इस्राईल के एक तिहाई सैनिकों को उसने व्यस्त कर रखा है और हिज्बुल्लाह के 100 से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं।

आतंकवादी गुटों और इस्लामी व अरब देशों से पूछा जाना चाहिये कि तुम अस्ली व सच्चे मुसलमान हो या हिज्बुल्लाह? हदीसों में है कि अगर कोई मुसलमान दूसरे मुसलमानों को अपनी मदद के लिए बुलाये तो जो मुसलमान उनकी आवाज़ पर लब्बैक न कहे तो वह मुसलमान नहीं है।

बहरहाल फिलिस्तीन के मज़लूम लोग अपनी मातृभूमि की आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं और 76 दिनों का समय बीत गया है परंतु इस्राईल और उसके समर्थक विशेषकर अमेरिका अब तक अपनी न अपनी कोई मांग मनवा सकें हैं और न अपना कोई लक्ष्य हासिल कर सकें और प्रतीत यही हो रहा है कि वे अपना कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं कर पायेंगे और युद्ध विराम और बंदियों के आदान- प्रदान के लिए हमास की शर्तों को मानने पर बाध्य हो जायेंगे।