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हमास-इसराइल जंग के 80वे दिन की ख़ास ख़बरें : यहया सिनवार का बयान-हम ने 5 हज़ार इस्राईली सैनिकों को निशाना बनाया, नेतनयाहू ने कहा-जंग की बहुत भारी क़ीमत चुकानी पड़ रही है!

रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ की भारी सफलताओं के बारे में यहया अलसिनवार का बड़ा अहम संदेशः हम ने 5 हज़ार इस्राईली सैनिकों को निशाना बनाया

हमास आंदोलन के प्रमुख यहया अलसिनवार ने संगठन के पोलित ब्योरो के प्रमुख इस्माईल हनीया और अन्य सदस्यों को बहुत अहम संदेश भेजकर बताया है कि सैनिक शाखा क़स्साम ब्रिगेड इस्राईली सेना के मुक़ाबले में बेमिसाल जंग लड़ रही है और इस्राईली सेना को बहुत बड़े पैमाने पर सैनिकों और टैंकों व सामरिक उकपरणों का नुक़सान उठाना पड़ा है।

क़रीबी सूत्रों के हवाले से अलजज़ीरा को मिली रिपोर्ट के अनुसार यहया अलसिनवार ने कहा कि ज़मीनी आप्रेशन के दौरान क़स्साम ब्रिगेड ने कम से कम 5 हज़ार इस्राईली सैनिकों और कमांडरों को निशाना बनाया है जिनमें एक तिहाई निश्चित तौर पर मारे गए हैं और एक तिहाई बहुत गंभीर रूप से घायल हुए हैं जबकि एक तिहाई इतने घायल हुए हैं कि वे जंग में वापस नहीं आ सकते।

यहया अलसिनवार के अनुसार ज़ायोनी सेना के 750 से अधिक टैंक, बुल्डोज़र, बक्तरबंद गाड़ियां पूर्ण या आंशिक रूप से ध्वस्त कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि हमारे संघर्षकर्ताओं ने इस्राईली सेना को छिन्न भिन्न कर दिया है और हम इस्राईल की शर्तों के सामने झुकने वाले नहीं हैं।

सिनवार ने ग़ज़ा के अवाम की दृढ़ता और प्रतिरोध की सराहना की और कहा कि ग़ज़ा के अवाम ने साहस और क़ुरबानी की मिसाल पेश की है, राजनैतिक शाखा की ज़िम्मेदारी यह है कि लोगों के दुखों का इलाज करे और उनके प्रतिरोध को मज़बूत बनाए।

सिनवार का यह बयान तब आया है कि जब इस्राईल ने सीमित समय के संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया है जबकि हमास का कहना है कि सीमित संघर्ष विराम के लिए वह तैयार नहीं है बल्कि स्थायी संघर्ष विराम चाहता है।

ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम के लिए यूएई, जार्डन और मिस्र हुए सक्रिय

ग़ज़्ज़ा की वर्तमान स्थिति को देखते हुए वहां पर तत्काल संघर्ष विराम के लिए कोशिशें की जा रही हैं।

ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम के लिए जार्डन और संयुक्त अरब इमारात ने इस विषय की गहन समीक्षा की।

यूएई और जार्डन के विदेश मंत्रियों ने अबुधाबी में इस विषय की समीक्षा की है कि ग़ज़्ज़ा में किस तरह से संघर्ष विराम करवाया जाए और वहां पर किस प्रकार से मानवीय सहायता भेजी जा सके।

रायुलयौम के अनुसार एमन अस्सफदी और अब्दुल्ला बिन ज़ाएद ने अबूधाबी में फ़िलिस्तीन विशेषकर ग़ज़्ज़ा के परिवर्तनों पर विचार-विमर्श किया। जार्डन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अस्सफ़दी और बिन ज़ाएद ने ग़ज़्ज़ा में तत्काल संघर्ष विराम कराने की आवश्यकता पर बल दिया।

दोनो ही विदेश मंत्रियों ने ग़ज़्ज़ा वासियों को पलायन पर विवश करने का विरोध करते हुए कहा है कि फ़िलिस्तीन संकट का समाधान, क्षेत्र में सुरक्षा, स्थिरता और और स्थाई शांति का मार्ग दो सरकारों का गठन है।

वैसे मिस्र भी संघर्ष विराम के लिए मध्यस्था की भूमिका निभा रहा है। उसने हमास को एक प्रस्ताव पेश किया है। हमास ने इस प्रस्ताव को ख़ारिज तो नहीं किया है लेकिन यह कहा है कि वह इस बारे में ग़ज़ा के भीतर मौजूद नेतृत्व से विमर्श करेगा।

याद रहे कि इससे पहले कुछ दिनों के लिए ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम हो चुका है। बहुत ही कम समय में संघर्ष विराम के बाद अवैध ज़ायोनी शासन के सैनिकों को ग़ज़्ज़ा में पूरी शक्ति के साथ हमले बढ़ा दिये जो आजतक जारी हैं। अलबत्ता हमास ने साफ कर दिया है कि क़ैदियों की रिहाई के बारे में कोई भी समझौता तभी होगा जब ग़ज़ा पट्टी से सारे इस्राईली सैनिक बाहर निकल जाएंगे।

जंग की बहुत भारी क़ीमत चुकानी पड़ रही हैः नेतनयाहू

ज़ायोन शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू ने कहा कि इस्राईल को ग़ज़ा में जारी जंग की बहुत भारी क़ीमत चुकानी पड़ रही है।

नेतनयाहू ने यह बयान रविवार को तब दिया जब शुक्रवार से रविवार तक ज़ायोनी शासन ने अपने 15 सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की। हालांकि इस्राईली सेना इस युद्ध में मारे जाने वाले अपने सैनिकों की सही संख्या नहीं बता रही है और वास्तविक संख्या उससे कहीं ज़्यादा है जो सेना की ओर से मीडिया को बताई जा रही है।

नेतनयाहू ने मंत्रिमंडल की बैठक के आरंभ में कहा कि यह दिन हमारे लिए बहुत कठिन है, हमें युद्ध की बहुत भारी क़ीमत चुकानी पड़ी है लेकिन हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है।

नेतनयाहू ने दावा किया कि हम अपने सारे लक्ष्य पूरे करेंगे, हमास को ख़त्म कर देंगे और अपने क़ैदियों को आज़ाद कराएंगे। नेतनयाहू ने कहा कि यह जंग लंबी है और सारे लक्ष्य पूरे कर लेने तक यह जंग जारी रहेगी।

ज़ायोनी प्रधानमंत्री ने रविवार को एक अलग बयान में कहा कि इस्राईल अपने सैनिकों की रक्षा के लिए जो भी संभव है कर रहा है।

संघर्ष विराम प्रस्ताव का मसौदा जो हमास के सामने पेश किया गया

हमास के सामने मिस्र की ओर से संघर्ष विराम के प्रस्ताव का एक मसौदा पेश किया गया है, मसौदा मिस्र के इंटैलीजेंस अधिकारियो ने पेश किया है जो हमास और ज़ायोनी शासन के बीच मध्यस्थता कर रहा है।

यह मसौदा क़ाहेरा की यात्रा करने वाले हमास की सैनिक शाखा के प्रमुख इस्माईल हनीया और संगठन के अन्य नेताओं के सामने पेश किया गया।

मसौदे के तीन मुख्य बिंदु हैं पहले बिंदु में कहा गया है कि 7 से 10 दिन के लिए संघर्ष विराम किया जाए जिसके दौरान हमास अपने पास क़ैद महिलाओं, बीमारों और बूढ़ों को रिहा करे जबकि इसके बदले में इस्राईल उन फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को रिहा करेगा जिनके बारे में सहमति बनेगी। संघर्ष विराम के दौरान ग़ज़ा पट्टी में पूरी तरह शांति रहेगी, इस्राईली फ़ोर्सेज़ आवासीय इलाक़ों से पीछे हट जाएंगी और फ़िलिस्तीनियों को ग़ज़ा पट्टी में एक इलाक़े से दूसरे इलाक़े में जाने की छूट होगी। इस दौरान हमास भी इस्राईल पर कोई हमला नहीं करेगा। इस दौरान इस्राईल के किसी भी तरह के विमान ग़ज़ा पट्टी पर उड़ान नहीं भरेंगे जबकि ग़ज़ा पट्टी के भीतर बड़ी मात्रा में सहायता सामग्री दवाएं और ईधंन की सप्लाई की जाएगी।

संघर्ष विराम के प्रस्ताव का दूसरा बिंदु इस्राईली सैनिकों की रिहाई के बारे में है यानी हमास इस्राईली सैनिकों को रिहा करेगा जबकि इसके बदले में इस्राईल फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को रिहा करेगा जबकि दोनों पक्षों के पास मौजूद क़ैदियों के शव भी लौटाए जाएंगे।

तीसरे बिंदु में यह कहा गया है कि हमास और इस्राईल के बीच एक महीने की बातचीत होगी जिसके दौरान हमास सारे इस्राईली क़ैदियों को रिहा करेगा और इस्राईल उस संख्या में फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को रिहा करेगा जिसके बारे में सहमति होगी। इस चरण में सारे इस्राईली सैनिक ग़ज़ा पट्टी की सीमा से बाहर निकल जाएंगे, ग़ज़ा पट्टी पर कोई भी इस्राईली विमान उड़ान नहीं भरेगा और हमास भी इस्राईली इलाक़ों पर हमला नहीं करेगा।

बताया जाता है कि हमास ने इस प्रस्ताव को ख़ारिज नहीं किया है और कहा है कि वह इस बारे में ग़ज़ा के भीतर मौजूद नेतृत्व से विमर्श करेगा अलबत्ता हमास ने कह दिया है कि क़ैदियों की रिहाई के बारे में कोई भी समझौता तभी होगा जब ग़ज़ा पट्टी से सारे इस्राईली सैनिक बाहर निकल जाएंगे।

मिस्री इंटैलीजेंस ने इस बारे में इस्राईल और अमरीका के अधिकारियों से बातचीत की है।

हमास की राजनैतिक शाखा के चीफ़ इस्माईल हनीया ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मिस्र का दौरा किया था जहां उनकी मुलाक़ात मिस्री अधिकारियों से हुई थी।

मग़ाज़ी शरणार्थी कैंप में इस्राईली सेना के हाथों नरसंहार के बाद हमास का बयानः दुश्मन जब मैदान में भारी शिकस्त खाता है मासूमों का नरसंहार करता है

हमास के बड़े नेता इज़्ज़त रशक़ ने कहा है कि ज़ायोनी सेना ग़ज़ा पट्टी में रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ के हाथों हर बड़ी शिकस्त के बाद आम नागरिकों को अपने आतंकवाद का निशाना बनाती है।

रशक़ ने सोमवार को इस्राईली हमले में 70 फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मग़ाज़ी शरणार्थी शिविर का नाम प्रकाश, ख़ून और शहादत के साथ लिखा जाएगा और यह हमारी विजय का अहम स्तंभ साबित होगा।

हमास के नेता ने कहा कि विजय सब्र और क़ुरबानियों से मिलती है क़ुरबानियां जितनी बड़ी होती हैं विजय भी उतनी बड़ी हासिल होती है।

रविवार की शाम ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एलान किया कि मध्य ग़ज़ा पट्टी में मग़ाज़ी शिविर पर ज़ायोनी सेना के हमले में 70 फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए।

मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ़ क़ुदरह ने कहा कि ज़ायोनी सेना ने जो किया है वो खुला हुआ नरसंहार है, ज़ायोनी सेना ने उस इलाक़े को निशाना बनाया जहां दूसरे इलाक़ों से आकर परिवारों ने शरण ली थी।

फ़िलिस्तीनियों का प्रतिरोध दिखाने लगा रंग, ज़ायोनियों ने स्वीकार की अपने सैकड़ों सैनिकों के मरने की बात

हमास का कहना है कि हम कभी भी ज़ायोनियों के सामने झुकने वाले नहीं हैं।

ज़ायोनी सेना ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में बताया है कि ग़ज़्ज़ा युद्ध के आरंभ से लेकर अबतक उसके 489 सैनिक मारे जा चुके हैं।

ग़ज़्ज़ा युद्ध के 80वें दिन ज़ायोनी सेना ने इस बात को स्वीकार किया है कि फिलिस्तीनियों से मुक़ाबले में उसके बहुत से सैनिक मारे जा रहे हैं। उसने बताया है कि अबतक उसके 489 सैनिकों की मौत हो चुकी है और 1998 अन्य घायल हुए हैं।

बहुत ही सोच-समझकर और कई बातों को दृष्टिगत रखते हुए इस्राईल की सेना ने फ़िलिस्तीनियों के साथ युद्ध में अपने मारे जाने वाले सैनिकों की जो संख्या पेश की उसके बारे में बहुत से जानकार कहते हैं कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है। इसी बीच ज़ायोनी सूत्रों ने बताया है कि हमास के हाथों मारे जाने वाले ज़ायोनी सैनिकों में 27 प्रतिशत सैन्य अधिकारी हैं।

दूसरी ओर हमास के प्रमुख यहया अलसिनवार ने बताया है कि ज़मीनी आप्रेशन के दौरान क़स्साम ब्रिगेड ने कम से कम 5 हज़ार इस्राईली सैनिकों को निशाना बनाया है। जिन सैनिकों को हमास ने निशाना बनाया है उनमें से एक तिहाई निश्चित तौर पर मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि इनमे से एक तिहाई ज़ायोनी सैनिक, बहुत गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

रिपोर्टों में बताया गया है कि हमास के विरुद्ध युद्ध में जो इस्राईली सैनिक घायल हुए हैं उनमें से एक तिहाई तो इतनी बुरी तरह सेक घायल हो चुके हैं कि वे अब युद्ध में वापस नहीं आ पाएंगे। इसी के साथ हमास ने युद्ध के दौरान ज़ायोनियों के सैकड़ों टैंकों, बक्तरबंद गाड़ियों, बुल्डोज़रों और सैन्य वाहनों को भी नष्ट किया है। यहया अलसिनवार ने कहा है कि हम इस्राईल के सामने झुकने वाले नहीं हैं।