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हमने अपने रिश्ते को बर्बाद होने से बचा लिया

हमारी कहानियाँ
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सेक्स की अहमियत तब समझ आती है जब दो लोगों के बीच रिश्ते खत्म होने लगते हैं फिर पुराना वाला प्यार रोमांस वापस आना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन हो जाता है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, मेरी शादी को छह साल हो चुके हैं। मेरे पति रोहित मेरे लिए हमेशा एक सच्चे साथी और दोस्त रहे हैं। हमारी शादी के शुरुआती दिन बेहद खूबसूरत थे। मैं खुद को भाग्यशाली मानती थी कि मुझे रोहित जैसा जीवनसाथी मिला। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब हमारी शादी बिखरने की कगार पर थी। यह मेरी कहानी है—हमारे रिश्ते को टूटने से बचाने और एक नई शुरुआत करने की।
जब मेरी शादी हुई थी, तब मैं और रोहित एक-दूसरे के बिना रह ही नहीं पाते थे। हम लंबी-लंबी बातें करते, साथ में खाना बनाते, और हर छोटे-छोटे पलों का आनंद लेते।

मुझे अब भी याद है, शादी के कुछ महीनों बाद हमने अपनी पहली सालगिरह मनाने के लिए शिमला की यात्रा की थी। वह ठंडी रातें, गुनगुने कॉफी कप, और हमारा बेफिक्र हंसना। रोहित की मुस्कान मेरे लिए सब कुछ थी।

लेकिन मुझे यह अहसास नहीं था कि यह सब हमेशा ऐसा नहीं रहेगा।तीन साल बाद, सब कुछ धीरे-धीरे बदलने लगा। मैं काम और घरेलू जिम्मेदारियों में उलझने लगी। मेरी अपनी ऊर्जा खत्म होती सी महसूस हुई। और फिर, मुझे लगा कि मैं शारीरिक संबंधों में रुचि खो रही हूं।शुरुआत में मैंने इसे नजरअंदाज किया। मैंने सोचा, शायद यह काम का दबाव है। लेकिन वक्त के साथ यह समस्या और बढ़ने लगी। मैं अक्सर बहाने बनाने लगी।

“आज थक गई हूं, रोहित।”
“अभी मूड नहीं है।”
ऐसे शब्द मेरी दिनचर्या का हिस्सा बन गए।

शुरुआत में रोहित ने धैर्य दिखाया। लेकिन धीरे-धीरे वह भी चुप रहने लगे। पहले वे मुझसे बातें करने की कोशिश करते थे, लेकिन अब वह भी बंद हो गया।
एक दिन, जब हमने इस बारे में झगड़ा किया, रोहित ने कुछ ऐसा कहा जिसने मेरी आत्मा को झकझोर दिया।
“प्रीति, क्या तुमने कभी सोचा है कि मैं कैसा महसूस करता हूं? तुम्हारी इस दूरी ने मुझे एक अजनबी बना दिया है।”

उस रात मैंने पहली बार खुद को आईने में देखा। क्या मैं रोहित के साथ अन्याय कर रही हूं? क्या यह समस्या मेरी वजह से है

अगले दिन मैंने अपनी सबसे करीबी दोस्त नेहा को फोन किया। नेहा मेरी स्कूल की दोस्त थी और अब एक डॉक्टर थी। मैंने उससे अपने दिल की सारी बातें शेयर कीं।
नेहा ने मुझे ध्यान से सुना और कहा,
“प्रीति, यह समस्या सामान्य है, लेकिन इसे अनदेखा करना ठीक नहीं। तुम्हें सबसे पहले रोहित के साथ खुलकर बात करनी होगी और डॉक्टर से मदद लेनी होगी।”
उसकी बात ने मुझे हिम्मत दी।उस रात मैंने रोहित को अपने डर और परेशानियों के बारे में बताया। “रोहित, मुझे लगता है कि मैंने तुम्हें और हमारे रिश्ते को नजरअंदाज किया है। लेकिन अब मैं इसे ठीक करना चाहती हूं। क्या तुम मेरे साथ रहोगे?”
रोहित ने मेरी आंखों में देखा और कहा, “हम इसे साथ मिलकर ठीक करेंगे, प्रीति। बस इतना कि अब हम एक-दूसरे से झूठ नहीं बोलेंगे।” उनकी यह बात सुनकर मेरा दिल हल्का हो गया।
नेहा ने हमें एक गाइनाकोलॉजिस्ट से मिलने की सलाह दी। डॉक्टर ने मेरी शारीरिक और मानसिक स्थिति का मूल्यांकन किया। जांच में पता चला कि मेरी समस्या का कारण हार्मोनल असंतुलन और तनाव था।

डॉक्टर ने मुझे दवाइयों के साथ एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह दी। “योग, मेडिटेशन, और समय पर खाना खाने से आप जल्दी ठीक हो जाएंगी।”
साथ ही, उन्होंने हमें कपल काउंसलिंग का सुझाव दिया। काउंसलिंग के दौरान, हमने कई नई बातें सीखीं। काउंसलर ने हमें हर दिन एक-दूसरे के लिए “थैंक यू” नोट लिखने और छोटी-छोटी खुशियां बांटने के लिए कहा।

हमने अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव करने शुरू किए।मैं और रोहित सुबह की सैर पर जाने लगे।
हम साथ में खाना बनाते और बैठकर पुराने मजेदार किस्से याद करते।
एक दिन रोहित ने मेरे लिए एक गुलाब लाते हुए कहा, “तुम्हारी मुस्कान मेरी दुनिया है, प्रीति।”

उस पल मैंने महसूस किया कि हम फिर से करीब आ रहे थे।
योग और मेडिटेशन ने मेरी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाया। मैं अधिक ऊर्जावान और खुश महसूस करने लगी।
मुझे एहसास हुआ कि शारीरिक संबंध सिर्फ एक शारीरिक जरूरत नहीं है, यह भावनात्मक जुड़ाव का भी हिस्सा है।

आज हमारा रिश्ता पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है। हमने अपने रिश्ते को बर्बाद होने से बचा लिया।

प्रीति की इस कहानी से मैंने सीखा कि किसी भी समस्या को छिपाने की बजाय उसे हल करने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि प्यार और विश्वास से हर मुश्किल को दूर किया जा सकता है।

अगर आप भी किसी रिश्ते में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो संवाद करें। मदद मांगने में कोई शर्म नहीं है। एक मजबूत रिश्ता हमेशा दो लोगों की समान कोशिशों से बनता है।