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हज़ारों ज़ायोनियों हिज़बुल्ला के हमलों के डरे से अपने घरों को छोड़कर भाग रहे हैं, हिज़बुल्ला ने अबतक इसराईल पर 4000 मिसाइलों की बारिश की है : रिपोर्ट

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आन्दोलन हिज़बुल्ला ने इस्राईल द्वारा फ़िलिस्तीनियों के अधिक क़त्लेआम को एक तरह से रोके रखा है।

ग़ज़्ज़ा युद्ध को आरंभ हुए सात महीनों से अधिक का समय गुज़र चुका है। यह वह युद्ध है जिमसें हिज़बुल्ला पहले ही दिन से एक महत्वपूर्ण प्रतिरोधी गुट के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है। उसने अवैध ज़ायोनी शासन के उत्तरी भाग में कई कार्यवाहियां अंजाम दी हैं। अपने इस काम से हिज़बुल्ला ने ग़ज़्ज़ा की ओर जाने से इस्राईल सेना के बहुत बड़े हिस्से को रोक रखा है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हिज़बुल्ला का मुक़ाबला करने के लिए इस्राईली सेना की बहुत सी टुकड़ियां, उसके उत्तरी क्षेत्र में लगी हुई हैं। इन सैनिकों के यहां पर उलझ जाने की वजह से ग़ज़्ज़ा की ओर वह नहीं जा पा रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप वहां पर इस्राईल के हमले किसी एतबार से कम रहे हैं।

ज़ायोनी सूत्रों ने बताया है कि लेबनान के हिज़बुल्ला ने अबतक अवैध ज़ायोनी शासन के उत्तरी क्षेत्र पर लगभग 4000 मिसाइलों की राकेटों की बारिश की है। यह हमले वहां से दो लाख से अधिक ज़ायोनियों के पलायन का कारण बने हैं। हिज़बुल्ला के इन हमलों से ज़ायोनियों को बहुत अधिक आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक नुक़सान हुआ है।

 

हालिया दिनों में अवैध ज़ायोनी शासन ने दक्षिणी लेबनान के विभिन्न क्षेत्रों में बमबारी के साथ ही हिज़बुल्ला के कमांडरों की हत्या के कार्यक्रम को अपनी कार्यसूचि में शामिल कर रखा है। इसपर हिज़बुल्ला की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया आई है और उसने अवैध ज़ायोनी शासन के भीतर कई हमले किये हैं। अवैध ज़ायोनी शासन में हिज़बुल्ला के हमलों को रोकने के लिए इस्राईल ने अपनी पूरी ताक़त लगा दी लेकिन उसको इसका कोई लाभ नहीं मिला।

इसी संदर्भ में अवैध ज़ायोनी शासन के भूतपूर्व प्रधानमंत्री एहूद ओलमर्ट ने कहा है कि हिज़बुल्ला ने अवैध ज़ायोनी शासन की पहल को तो समाप्त कर ही दिया और अब वह तेलअवीव पर अपनी बात लाद रहा है।

तनाव में बढ़ोत्तरी के साथ ही हिज़बुल्ला, सैन्य रणनीति में आश्चर्य जनक काम कर रहा है। इस बात ने अवैध ज़ायोनी शासन के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा कर दी हैं।

हिज़बुल्ला की ओर से इस्राईल पर किये गए एक हमले में उसके 20 से अधिक कमांडर या तो मार दिये गए या फिर घायल हो गए। इस विषय के दृष्टिगत ज़ायोनी सैन्य विशेषज्ञ, हिज़बुल्ला की ओर से वहां की सैन्य जानकारियां प्राप्त करने को लेकर बहुत ताअज्जुब में हैं।

इन सारी बातों के बावजूद हिज़बुल्ला को लेकर इस्राईल के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ग़ज़्ज़ा युद्ध को आरंभ हुए सात महीने गुज़र जाने के बावजूद यह अवैध शासन ग़ज़्ज़ा के भीतर अपने लक्ष्यों को हासिल कर पाया। इसी के साथ वह हिज़बुल्ला के मुक़ाबले में अक्षम साबित हुआ है। ज़ायोनी शासन के उत्तरी क्षेत्रों में रहने वाले उन हज़ारों ज़ायोनियों के लिए भी वह कुछ नहीं कर पाया जो हिज़बुल्ला के हमलों के डरे से अपने घरों को छोड़कर भाग खड़े हुए हैं।

इस बात को अवैध ज़ायोनी शासन के लिए बहुत बुरी हार के रूप में देखा जा रहा है।

इसका मुख्य कारण यह है कि हिज़बुल्ला के शस्त्रागारों में डेढ लाख से अधिक मिसाइल और विभिन्न प्रकार के ड्रोन हैं। उसके पास कुछ अति दक्ष विशेष सैन्य कमांडर मौजूद हैं। इसी के साथ वह पिछले कुछ वर्षों के दौरान बक्तरबंद गाड़ियों और वायुरक्षा इकाइयां बनाने में कामयाब रहा है। यह सारी चीज़ें इस्राईल के साथ किसी बड़े युद्ध में अवैध ज़ायोनी शासन को नाकों चने चबवा सकती हैं।

 

Hezbollah’s operations on May 14:

🔻 The Islamic Resistance Mujahedin, after constantly tracking the movement of the espionage balloon that they raised over the Admit colony to monitor and spy on Lebanon and determining the place where it was controlled, targeted three targets of the unit with missiles: the launch base of the balloon, the control mechanism and the management team, with full accuracy. was hit and its members were killed and wounded.

🔻 Spokesman of the Israeli occupation army: Recently, a large number of shots were observed from Lebanese territory towards Arab al-Aramsha and Admit in the Western Galilee.

🔻 Hebrew newspaper Yediot Ahronot: A missile launched from Lebanon towards Western Galilee made a direct hit.

🔻 Israeli media: Two houses in Metulla were directly hit by anti-tank missiles launched from Lebanon.