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पवित्र क़ुरआन पार्ट-46 : नमाज़, इंसान को गुनाहों से पाक करने और ईश्वर की ओर से क्षमा दिलाने का साधन है?!
सूरे रूम पवित्र क़ुरआन का तीसवां सूरा है। यह सूरा मक्के में उतरा है। जिस वक़्त पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम मक्के में थे और वहां पर ईश्वर पर आस्था रखने वाले मोमिन बंदे अल्पसंख्या में थे, उस वक़्त ईरानियों और रोमियों के बीच जंग हुयी जिसमें ईरानी विजयी हुए। मक्के […]
तौहीद और शिर्क : सूरए साफ़्फ़ात आयतें 102-105 : पार्ट-38
सूरए साफ़्फ़ात आयतें 102-105 فَلَمَّا بَلَغَ مَعَهُ السَّعْيَ قَالَ يَا بُنَيَّ إِنِّي أَرَى فِي الْمَنَامِ أَنِّي أَذْبَحُكَ فَانْظُرْ مَاذَا تَرَى قَالَ يَا أَبَتِ افْعَلْ مَا تُؤْمَرُ سَتَجِدُنِي إِنْ شَاءَ اللَّهُ مِنَ الصَّابِرِينَ (102) फिर जब इस्माईल उनके साथ दौड़-धूप करने की उम्र को पहुँच गए तो (एक दिन) इब्राहीम ने कहाः हे मेरे लाल! मैं […]
अल्लाह को केवल सख़्ती में नहीं बल्कि आराम के दिनों में भी याद करना चाहिये!
एक शोध व अध्ययनकर्ता का कहना है कि इंसानों को जब आघात पहुंचता है तो उनकी समझ में आता है कि केवल अल्लाह निर्धारित व फ़ैसला करने वाला है, सब कुछ उसी के हाथ में है तो वे सब अल्लाह की शरण में जाना चाहते हैं परंतु जब वे आराम और नेअमत में होते हैं […]