स्वेडन के चरमपंथी राजनेता के हाथों क़ुरआन के अनादर की ख़बर से अफ़ग़ानिस्तान के लोगों में भारी आक्रोश है। अफ़ग़ान नागरिकों का कहना है कि इस ख़बर से हर मुसलमान दुखी होगा, हम मुसलमान हैं इस घटना से हमें तकलीफ़ पहुंची है।
उनका कहना है कि सारे मुसलमान इस अपराध की निदां करें और उनका कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं इस अनादर के सिलसिले में तत्काल कार्यवाही करें।…..हम सारे मुसलमानों से अपील करते हैं कि इस व्यक्ति की निंदा करें और उसे सज़ा दिलवाएं।….. एक अन्य अफ़ग़ान नागरिक का कहना है कि विश्व संस्थाएं इसकी निंदा करें। अगर कोई तौरैत इंजील या ज़बूर को आग लगाए तो मुसलमान उसकी भी निंदा करेंगे। इस्लाम किसी को भी अनुमति नहीं देता कि किसी दूसरे व्यक्ति के धर्म का अपमान किया जाए। जो क़ुरआन की तौहीन करे उसके ख़िलाफ़ लड़ना हमना फ़र्ज़ है हम क़ुरआन के लिए अपनी जान भी दे सकते हैं।…एक अफ़ग़ान नागरिक कहते हैं कि इस्लाम का परचम हमेशा ऊंचा रहेगा, हमें मुसलमान होने पर फ़ख़्र है और क़ुरआन पर हमारा ईमान है।
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अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि क़ुरआन का अपमान करने वाले को ज़रूर सज़ा मिलनी चाहिए।…..प्रवक्ता हाफ़िज़ ज़िया अहमद ने कहा कि हम स्वेडन की सरकार से मांग करते हैं कि यह अपराध करने वाले व्यक्ति को सज़ा दे और भविष्स में इस तरह के लोगों को अनुमति न दे कि क़ुरआन के अनादर जैसी कोई हरकत करें और मुसलमानों या इस्लाम के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही करें।….क़ुरआन मुसमलमानों की एकता का केन्द्र है। इस घटना पर अफ़ग़ान नेताओं ने प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने भी जो अफ़ग़ानिस्तान से बाहर चले गए हैं और उन्होंने भी जो अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद हैं।
अफ़ग़ान नेताओं ने कहा है कि सरकारें यह अनुमति न दें कि आज़ादी के नाम पर यह गुस्ताख़ियां की जाएं और समाजों में मौजूद समरसता ख़तरे में पड़ जाए। अफ़ग़ानिस्तान के मशहूर राजनेताओं ने कहा कि अगर आज़ादी पूरी तरह निरंकुश हो गई तो कोई भी आज़ाद नहीं रह पाएगा। अफ़ग़ानिस्तान के लोगों का मनना है कि इस्लामी जगत की एकता उन लोगों और देशों का सबसे अच्छ जवाब है जो इस्लाम को निशाना बनाते हैं और इस्लामोफ़ोबिया फैलाने की कोशिश करते हैं।
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