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स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा….

रविवार को गुजरात के मोरबी जिले में अपने जन्म स्थान टंकारा में आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा समय की मांग है।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम ने कहा, “स्वामी दयानंद सरस्वती ने बहुत पहले हमें दिखाया कि कैसे हमारी रूढ़िवादिता और सामाजिक बुराइयों ने हमें नुकसान पहुंचाया है।”

उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटिश शासकों ने “हिंदू समाज की रूढ़िवादिता और सामाजिक बुराइयों के कारण हमारे समाज को खराब रोशनी में दिखाने की कोशिश की।”

पीएम ने कहा, स्वामी दयानंद सरस्वती ने समाज में महिलाओं के लिए समान अधिकारों की वकालत की थी।

उन्होंने आगे कहा, “भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली समय की मांग है। आर्य समाज स्कूल इसका केंद्र रहे हैं। देश अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से इसका विस्तार कर रहा है। समाज को इन प्रयासों से जोड़ना हमारी जिम्मेदारी है।”

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वह गुजरात में पैदा होने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जहां स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म हुआ था।