इतिहास

स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अब्दुल हामिद बकवी, देश की स्वतंत्रता के संघर्ष में पूरी ज़िन्दिगी लगा दी

स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अब्दुल हामिद बकवी
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अब्दुल हामिद बकवी साहेब का जन्म 26 नवंबर 1876 को तमिलनाडु के सलेम जिले के अथुर गांव में हुआ था। .
उन्होने देश की स्वतंत्रता के संघर्ष में पूरी जिंदगी लगा दी। पवित्र कुरान का तमिल भाषा में अनुवाद करने के उद्देश्य से भी उन्होने अथक प्रयास किया। उनके पिता का नाम कादर मोहिउद्दीन राउथर था। उन्होंने वेल्लोर के बख़ियात-ए-सलीहत अरबी कॉलेज से अरबी भाषा और आलिम में अपनी डिग्री पूरी की। बचपन से ही प्रगतिशील विचारधारा के होने के कारण उन्होंने शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया और तमिल, उर्दू, फारसी, फ्रेंच और अरबी भाषाओं पर अच्छी पकड़ हासिल कर ली। राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्होंने न केवल खादी के कपडे इस्तमाल किये बल्कि खद्दर आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। वो शादियां कराने वाले काजियों को सलाह देते थे कि शादी के दौरान दूल्हा और दुल्हन को खद्दर की पोशाक पहननी चाहिए और जो लोग उस निर्देश का पालन नहीं करते हैं, उनकी शादियां नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने शराब विरोधी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लिया और लोगों को शराब पीने से रोकने के लिए हर तराह कोशीश की। जब भी राष्ट्रीय आंदोलन के नेता मौलाना अबुल कलाम आज़ाद साहेब तमिलनाडु का दौरा करते थे तो मौलाना बकवी साहेब उनके उर्दू भाषणों का तमिल में अनुवाद करने के लिये उनके साथ जाते थे। उनके सम्राट राजगोपालाचारी, पेरियार ईवीआर रामास्वामी और खान अब्दुल गफ्फार खान से घनिष्ठ संबंध थे। मौलाना अब्दुल हमीद बकवी साहेब की चौदह वर्षों की मेहनत का नतिजा था जो तमिल भाषा मे अनुवादित पहला कुरान प्रकाशित हुवा। इस पुस्तक के महत्व को जानकर निज़ाम नवाब ने उस पुस्तक के प्रकाशन में हाथ बंटाया। उन्होंने लोगों को इस्लाम के मूल सिद्धांतों को सिखाने के लिए कई किताबें लिखीं। सामाजिक कार्यकर्ता पेरियार ईवीआर रामास्वामी ने मौलाना बकवी की महाकाव्य पुस्तक ‘ईयारकाई मधम’ की प्रस्तावना लिखी थी। अंतिम क्षण तक लिखते रहे मौलाना अब्दुल हामिद बकवी साहेब ने 23 जून 1955 को पांडिचेरी के कराईकल गांव में अंतिम सांस ली।

◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
संदर्भ -THE IMMORTALS 2
– sayed naseer ahamed (9440241727)

▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️
संकलन तथा अनुवादक लेखक – *अताउल्लाखा रफिक खा पठाण सर*
सेवानिवृत्त शिक्षक
टूनकी बुलढाणा महाराष्ट्र*
9423338726