इतिहास

स्वतंत्रता सेनानी मियां मुहम्मद शाह, देश सदैव आपका ऋणी रहेगा!

25 नोव्हेंबर जयंती
_स्वतंत्रता सेनानी मियां मुहम्मद शाह साहेब_ ➡️ *जिन्होने जनवरी 1941 में अपने सहयोगियों मियां अकबर शाह और अबद खान की मदद से नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पेशावर से काबुल शहर लाने में प्रमुख भूमिका निभाई।*

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स्वतंत्रता सेनानी मियां मुहम्मद शाह साहेब का जन्म 25 नवंबर, 1908 को वर्तमान पाकिस्तान में नौशेरा जिले के पब्बी गांव में हुआ था।एक योद्धा जिन्होंने पेशावर से काबुल तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की गुप्त यात्रा को सफल बनाने मे सक्रिय योगदान दिया था। उनके पिता सूबेदार मोहम्मद इमाम और माता का नाम सुभाना था। अपने पैतृक गाँव में प्राथमिक शिक्षा के बाद, मियाँ मुहम्मद शाह ने अपनी उच्च शिक्षा पूरी की और एक शिक्षक के रूप में नौकरी में शामिल हो गए। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जैसे विभिन्न संगठनों में भागीदार के रूप में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होते रहे।जो मूल लोगों पर विदेशी शासकों के वर्चस्व को समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय आंदोलन का मार्गदर्शन कर रहे थे। उन्होंने 1928 में रबासिया बीबी से शादी की। राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने लोगों से अंग्रेजी सरकार के हस्तक्षेप के बिना स्थानीय समस्याओं को स्वयं हल करने का आह्वान किया और लोगों को उस दिशा में संगठित करने का प्रयास किया।

ख़िलाफ़त-असहयोग आंदोलन और हिजरत आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। मियां मुहम्मद शाह फ्रंटियर गांधी के नाम से मशहूर भारतरत्न खान अब्दुल गफ्फार खान द्वारा स्थापित ‘रेड शर्ट्स’ के सदस्य बन गए। उन्होंने अपने पैतृक गांव में खुदा-ये-खिदमतगार संगठन की एक शाखा शुरू की और आंदोलन की गतिविधियां तेज कर दीं। पुलिस ने उनसे अच्छी नौकरी का वादा करके सरकार विरोधी गतिविधियाँ छोड़ने की असफल कोशिश की। 1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय भाग लेने वाले मियां मुहम्मद शाह को ब्रिटिश सरकार ने हिरासत में ले लिया और कई जेलों में रखा, उनके पैरों में बेड़ियाँ डाल दीं और तरह-तरह की यातनाएँ दीं।

*जनवरी 1941 में, उन्होंने अपने सहयोगियों मियां अकबर शाह और अबद खान की मदद से नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पेशावर से काबुल शहर लाने में प्रमुख भूमिका निभाई।* ब्रिटिश सरकार की नाराजगी का उन्हे कडा सामना करना पडा। इसी बिना पर मियां मुहम्मद शॉप को गिरफ्तार कर लिया गया और कैद कर हरिपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। एक अच्छे सचिव और वक्ता, मुहम्मद शाह बाद में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में गठित ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ में शामिल हो गए और उन्हें ब्रिटिश विरोधी गतिविधियों के लिए अक्सर गिरफ्तार किया गया। आजादी के बाद भी वे जनता के कल्याण और विकास को अपना मुख्य उद्देश्य बनाते रहे। लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग
लेने वाले मियां मुहम्मद शाह, बीमार पड़ गए और 23 अगस्त 1982 को उनका निधन हो गया।
देश सदैव आपका ऋणी रहेगा।

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संदर्भ -THE IMMORTALS 2
– sayed naseer ahamed (9440241727)

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संकलन तथा अनुवादक लेखक – *अताउल्लाखा रफिक खा पठाण सर*
सेवानिवृत्त शिक्षक
टूनकी बुलढाणा महाराष्ट्र*
9423338726