विशेष

स्त्री का प्यार सबके नसीब में नही होता : संभोग करने से सिरदर्द दूर होता है!

स्वामी देव कामुक
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स्त्री का प्यार सबके नसीब में नही होता
वो जीवन में सिर्फ़ एक ही मर्द से
दिल से प्यार कर पाती हैं ,
वो मर्द उसका प्रेमी हो या फिर पति
वो टूट क़र जीवन में एक बार ही
किसी मर्द को चाहती हैं।
स्त्री उस मर्द के कंधे पर अपना सर
रख सुकून से सो पाती हैं
उससे प्यार की दो बाते कर पाती हैं
उससे वो अपने सारे राज बता सकती हैं
उसे बेपनाह प्रेम कर सकती हैं।
और जब स्त्री उस मर्द से
जुदा हो जाती हैं


तो फिर किसी दूसरे मर्द को
उस जैसा प्रेम नही कर पाती ,
उनका जिस्म भले जिसके भी
नसीब में गया हो
लेकिन उनका दिल
उसी मर्द को ताउम्र ढूँढता हैं
जिस मर्द के कंधे पर वो
सर रख सुकून से सोया करती थी।
स्त्री का प्रेम जब छूट जाता है
चाहे पति हो या प्रेमी
स्त्री वोही सकून चाहती है
जो उसे उसका पति या प्रेमी
पहले देता था
स्त्री तन का सुख मांगती है
जब उसका पति उसे नहीं दे पाता
फिर वो मजबूर अपने प्रेमी से चाहती है
स्त्री का बदन तन्हाई मे बहुत मचलता है
भोग करने को जब वो
उन 4दिनों से गुजरती है
अगर उसे ना मिले
जीवन दोनों के साथ चलता है
स्त्री का प्रेम जिसे मिला हो,
उसे पूछना प्रेम क़्या होता हैं..!!
❣️ ❣️ ❣️ ❣️ ❣️ ❣️ ❣️
तुम्हारा स्वामी देव


Saúde Pública
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सेक्स के लाभ
1. संभोग करने से सिरदर्द दूर होता है। हर बार प्यार करते हैं, यह मस्तिष्क की नसों से तनाव दूर करता है।
2. बहुत सारा सेक्स एक भरी नाक को साफ कर सकता है सेक्स एक प्राकृतिक एंटीहिस्टामाइन है। यह अस्थमा और वसंत ऋतु एलर्जी से लड़ने में मदद करता है।
३. प्यार बनाना एक शानदार सौंदर्य उपचार है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जब एक महिला संभोग करती है, तो वह बड़ी मात्रा में एस्ट्रोजन बनाती है जो उसके बाल चमकदार और नरम बनाते हैं।
4। सेक्स सबसे सुरक्षित खेलों में से एक है। लगभग हर शेड से प्यार बनाना और स्त्री और पुरुष शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। पूल में 20 लैप्स तैरने से अधिक आनंददायक है और आपको किसी विशेष स्नीकर्स की आवश्यकता नहीं है!
5। धीरे-धीरे, धीरे और आराम से प्यार करने से आपकी त्वचा के चकत्ते, त्वचा के चकत्ते और मुँहासे होने की संभावना कम हो पसीने से उत्पन्न छिद्रों को साफ कर त्वचा को निखारता है।
६. प्यार करना सोने से पहले उस रोमांटिक रात के खाने से आपके द्वारा जमा की गई सभी कैलोरी को जला सकता है।
7. यौन अवसाद का एक पवित्र इलाज है यह रक्त प्रवाह में एंडोर्फिन छोड़ता है, उत्साह की स्थिति बनाता है और महिलाओं और पुरुषों को अद्वितीय होने की भावना के साथ छोड़ देता है।
8 । सेक्स दुनिया का सबसे सुरक्षित आराम और मांसपेशियों को आराम देने वाला है। यह वैलियम से हजार गुना अधिक प्रभावी है।
९. जितना अधिक यौन संबंध उतना ही बेहतर, क्योंकि एक यौन सक्रिय शरीर बहुत अधिक फेरोमोन छोड़ता है। हमारे शरीर की ग्रंथियों का यह प्राकृतिक इत्र नाक के लिए तो नहीं है, लेकिन महिलाओं को करता है बहुत उत्तेजित!
१०. हर रोज किस करने से आपको दंत चिकित्सक से दूर रहता है। चुंबन की कला से दांतों को साफ करने के लिए लार का कारण बनता है और अम्ल की मात्रा को कम करता है जो गुहा का कारण बनता है, संभावित मौखिक समस्याओं को रोकता है, अपनी सांस को हमेशा ताजा रखने


Bawa Manu
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प्रेम को रोक पाना हमारे वश में नहीं…प्रेम को मर्यादा..आदर्शो में बाँधना भी संभव नहीं..प्रेम को किसी परिभाषा में ढालना भी संभव नहीं…धर्म का जामा पहनाना भी संभव नहीं…प्रेम शाश्वत है..
सच तो ये है कि समस्त ब्रह्मांड प्रेममयी है…पेड़ों को हवाओं से प्रेम है..हवाओं को पेड़ों से…सूखे पत्तों को ज़मीं से प्रेम है ओर उसमे ख़ाक होने कि बेसब्री..
नदीयों को सागर से प्रेम है और उसमें मिटने कि बेताबी…चंद्रमा को धरती से प्रेम है और क़यामत तक उसके इर्द गिर्द रहने कि ज़िद…हर खिलता हुआ फूल भी तो प्रेम का परिणाम है…भँवरे का दीवानापन…चाँदनी रातों में चकौरी का पागलपन..बरखा बादल…रंग बिरगें नज़ारे…केवल प्रेम के कारण ये दुनिया रगींन है..ये खिलखिलाते हुए मासूम भी तो प्रेम का ही परिणाम हैं…
ये पक्षी ये परिंदे ये परवाने ये परवाज़ ये


सब प्रेम से ही तो बँधे और उपजे हैं..
हर चीज प्रेम के इर्द गिर्द जन्म लेती और ख़त्म होती है..
जीवन का एकमात्र सिद्धांत केवल प्रेम है और ये ही एकमात्र अंत है..इसमें नहीं तो किसी ओर जन्म में किसी ओर रूप और शक्ति में हमें पूर्णत: प्रेममय होना ही होगा तो तभी हमारी जीवन यात्रा पूर्ण होगी…
और जब हम प्रेम में होंगे तो धर्मों के कोई माईने ही ना रहेंगे…कभी सोचा है कि क्यूँ कोई सूफ़ी मस्त होकर नाचता है..क्यूँ राधा ओर श्याम का प्रेम काल्पनिक लगने पर भी रौगटें खड़े करता है…क्यूँ दीवानों पे आज भी सज़दा होता है…कोई तो बात है इस इश्क़ में इस प्रेम में कि व्यक्ति मर के भी नहीं मरता..सच तो है कि प्रेमी किसी भी रूप में हो कभी मरते ही नहीं..प्रेम वो संजीवनी है..सच तो ये है कि बुद्धी से उपर उठकर दीवाने होने में जो सूरूर है वो इस दीमागदारी कि दुनियादारी में कहाँ..संभावनाओं से दूर…आलोचनाओं से दूर..नफरत और धर्मों के राजनैतिक प्रपंचों से दूर..वो इश्क़ कि दुनिया जहाँ किसी को कहीं पहुँचने कि जल्दी नहीं…जहाँ ठहराव है..जहाँ जुड़ाव है..करूणा है..
यार कि एक नजर पे हज़ारों बार क़ुर्बान होने का जज़्बा है..वो दुनिया ही अलग है..प्रेम एकमात्र सत्य है…शुरूवात है और सभांवित अंत भी..!
जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा …🤣🤣

डिस्क्लेमर : लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है

pics source : Neelam Singh