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स्कैंडिनेवियाई देशों से रूस का हटा भरोसा : वैटिकन की भी सुनने को तैयार नहीं हैं ज़ेलेंस्की : रिपोर्ट

फिनलैण्ड के व्यवहार को लेकर रूस उससे काफ़ी खिंच गया है।

रूस का कहना है कि स्कैंडिनेवियाई देश, नैटो से प्रभावित हैं। रूस के विदेशमंत्री ने स्कैंडिनेवियाई देशों पर नैटो के प्रभाव की आलोचना की है। वे कहते हैं कि इन देशों पर दसियों साल से नेटो का प्रभाव रहा है।

सरगेई लावरोफ ने बुधवार को कहा कि यह देश वैसे तो स्वयं को तटस्थ घोषित करते हैं किंतु नेटो की सक्रियता में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। ताजिकिस्तान में एक रूसी सैन्य छावनी के निरीक्षण के दौरान रूस के विदेशमंत्री ने कहा कि स्वीडन और फिनलैण्ड वर्षों तक नेटो के प्रभाव में रहे हैं।

इससे पहले रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर नेटो फ़िनलैण्ड की भूमि का प्रयोग करता है तो फिर मास्को भी उसका मुक़ाबला करने के लिए तैयार है।

ब्रसल्ज़ में नेटो की बैठक से दो महीने पहले फ़िनलैण्ड की सरकार ने आधिकारिक रूप में नेटो की सदस्यता ग्रहण की थी। फ़िनलैण्ड के नेटो में मिल जाने से रूस से नेटो की सीमा की दूरी बहुत कम हो गई है।


वैटिकन की भी सुनने को तैयार नहीं हैं ज़ेलेंस्की

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने वैटिकन की शांति योजना को रद्द कर दिया है।

ज़ेलेंस्की ने वेटिकन की ओर से पेश की जाने वाली शांति योजना को रद्द करते हुए कहा है कि यूक्रेन केवल अपनी शांति योजना को ही स्वीकार करता है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने राजधानी कीव में वेटिकन के दूत कार्डिनल ज़ूपी के साथ भेंटवार्ता के बाद कहा कि उनका देश, हर देश के शांति प्रस्ताव को स्वीकार करता है किंतु शांति को लेकर उनका अपना दृष्टिकोण है।

ज़ेलेंस्की ने कहा कि इस समय युद्ध हमारे देश की धरती पर लड़ा जा रहा है एसे में शांति के लिए यूक्रेन की ओर से जो भी कार्यक्रम या योजना पेश की जाएगी केवल वही स्वीकार्य होगी। उन्होंने कहा कि एसे में हम किसी दूसरे प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे।

वेटिकन के दूत ज़ूबी सोमवार को यूक्रेन पहुंचे थे। यह दूसरी बार है जब यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पोप फ्रांसिस की ओर से भेजे गए शांति के प्रस्ताव को निरस्त किया है। उन्होंने पिछले वर्ष वेटिकन में कैथोलिक इसाइयों से सबसे बड़े धर्मगुरू पोप फ्रांसिस से मुलाक़ात के बाद मीडिया से कहा था कि शांति को लेकर कीव, केवल अपने ही दृष्टिकोण को स्वीकार करता है।

याद रहे कि यूक्रेन युद्ध 24 फरवरी 2022 को आरंभ हुआ था। इस युद्ध को समाप्त कराने के लिए कई देशों की ओर से शांति प्रस्ताव दिये जा चुके हैं।