देश

सोनिया गाँधी ने महागठबंधन पर चर्चा के लिये सर्वदलीय डिनर पार्टी में ओवैसी को क्यों नही बुलाया?

नई दिल्ली: 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काँग्रेस पार्टी ने विपक्ष के तमाम दलों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट करने के लिये डिनर पार्टी पर बुलाया,इस डिनर पार्टी में शामिल होने का न्योता ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुसलमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी को नहीं भेजा गया है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने कुछ दिन पहले ही माइनस कांग्रेस माइनस बीजेपी वाले थर्ड फ्रंट बनाने का ऐलान किया था. असदुद्दीन ओवैसी ने केसीआर के थर्ड फ्रंट का स्वागत कर उसमें शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी. ओवैसी कांग्रेस से दूरी बनाकर पार्टी का सियासी भविष्य देख रहे हैं. एआईएमआईएम के विश्वस्त सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि असदुद्दीन ओवैसी को सोनिया की डिनर पार्टी का न्योता नहीं मिला है।

यूपीए सरकार में सहयोगी रहे असदुद्दीन ओवैसी 2014 में कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं. बिहार विधानसभा और उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में एआईएमआईएम के उम्मीदवार खड़े किए थे. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए भी ओवैसी उम्मीदवार मैदान में उतार रहे हैं. ओवैसी को डिनर के लिए नहीं बुलाने के पीछे सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस को लगता है कि ओवैसी कांग्रेस के वोट काटते हैं. इससे कहीं न कहीं बीजेपी को फायदा होता है. कांग्रेस ने ओवैसी पर बीजेपी के इशारों पर काम करने का भी कई बार इल्जाम लगाया है।

हालांकि, इसके बाद ओवैसी ने कांग्रेस से पूछा था कि गुजरात में उन्होंने उम्मीदवार नहीं खड़े किए थे, तो फिर गुजरात में कांग्रेस बीजेपी से चुनाव क्यों हारी? जाहिर है कांग्रेस और ओवैसी के बीच दूरियां बढ़ गई हैं. डिनर पार्टी में ओवैसी को न्योता नहीं भेजकर सोनिया ने साफ कर दिया है कि वो ओवैसी को कांग्रेस का सियासी दुश्मन मानती हैं।

डिनर पार्टी के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव को भी कांग्रेस ने न्योता नहीं भेजा हैं. टीआरएस नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि कांग्रेस की तरफ से उन्हें न्योता नहीं मिला हैं. पार्टी का कहना है कि उन्हें सोनिया की डिनर पार्टी में शामिल होने के न्योते की उम्मीद भी नहीं थी. उनका कहना है कि अगर कांग्रेस टीआरएस को आमंत्रित करती, तभी भी डिनर पार्टी में शामिल होने का सवाल पैदा नहीं होता था।

कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में टीडीपी को भी डिनर पार्टी के लिए आमंत्रित नहीं किया है. हालांकि, बीजेपी और टीडीपी की बीच बढ़ती दूरियों पर कांग्रेस टकटकी लगाए बैठी है. लेकिन, जब तक दोनों दलों के बीच औपचारिक तौर पर गठबंधन नहीं टूट जाता, तब तक सोनिया गांधी को डिनर पार्टी के लिए चंद्रबाबू नायडू को आमंत्रित करना शायद उचित नहीं लगा।