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सेना पर नियंत्रण करना चाहता है RSS : अग्निपथ,,,देश होगा ख़ून से लथपथ : रिपोर्ट

14 जून को केंद्र सरकार ने सेना में जवानों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की. उसके बाद से देश के कई राज्य इस योजना के विरोध के आग की आंच झेल रहे हैं.

चार साल के लिए सेना में नियुक्ति की इस योजना को लेकर देश के युवा नाराज़ हैं और सड़कों पर उतर आए हैं.

बीतें दिनों बिहार, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में युवाओं ने 14 रेलगाड़ियों को आग के हवाले किया और कई जगहों पर रेलवे के दफ्तरों में तोड़फोड़ की. शनिवार को करीब 300 ट्रेनें रद्द की गईं.

इस मसले को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, नेताओं के बीच बयानबाजी भी चल ही रही है.

इन्हीं सब के बीच लगातार दो दिनों से यानी बीते कल और आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी तीनों सेनाओं के प्रमुखों से भी बात की.

रविवार को तीनों सेनाओं के आला अधिकारियों ने इसे लेकर एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अग्निवीरों की भर्ती से जुड़े सभी सवालों के उत्तर दिए.

रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अग्निपथ योजना से जुड़े सवालों के जवाब दिए.

अनिल पुरी के अलावा इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर फोर्स के प्रमुख एयर मार्शल सूरज कुमार झा, नौसेना के वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी, भारतीय आर्मी की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल सीबी पोनप्पा भी मौजूद थे.

ऐसे ही सात अहम सवाल और उन पर सेना के जवाब हम आपके सामने रख रहे हैं.

1. आख़िर इसकी ज़रूरत क्यों पड़ी?

“ये रिफॉर्म लंबे समय से पेंडिंग था. साल 1989 में ये काम शुरू हुआ था. हमारी तमन्ना थी कि ये काम शुरू हो. लेकिन उसके और भी कई सारे पहलू थे. वो चाहते थे कि कमांडिंग ऑफ़िसर की उम्र कम हो. टीथ-टू-टेल रेशियो कम हो.

एक-एक करके काम शुरू किया गया. कमांडिंग ऑफ़िसर की उम्र कम की गई, जो हमारी टीथ-टू-टेल रेशियो है, उसे कम किया गया.

उसके बाद कारगिल रिव्यू कमेटी के अंदर अरुण सिंह कमेटी ने कहा कि एक सीडीएस का गठन होना चाहिए, वो काम हुआ. उसी चीज़ को आगे ले जाते हुए हमने जो अगला रिफॉर्म था, वो था कि किसी तरह से हमारी सेना की जो औसत उम्र आज 32 साल है, उसे किस तरह से 26 साल लाया जाए.

साल 2030 तक हमारे देश की 50 फ़ीसदी आबादी 25 साल से कम होगी. इसकी स्टडी की गई. पहले दोनों साल हमारे तीनों चीफ़ और जनरल रावत और कई लोगों के बीच इस पर चर्चा हुई कि इसके क्या-क्या तरीके हो सकते हैं.

इसके अलावा हमने बाहर के देशों की भी स्टडी की. इससे होगा क्या. युवा जोश और अनुभव का ये एक आदर्श मेल होगा.”

2. आरक्षण की घोषणा क्या सरकार के रुख़ में नरमी का संकेत है?

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“ये मत सोचिएगा कि कुछ हरकतों आगजनी की घटनाओं के कारण ये फ़ैसला लिया गया है. ऐसा नहीं है. ये पहले से तय था.”

इसकी योजना पहले से थी और ऐसा इसलिए था क्योंकि ये 75 फ़ीसदी जो युवक हैं, सेना में चार साल रहने के बाद देश में वापस जाएंगे. ये देश की ताक़त हैं.

इसकी योजना पहले से तय थी कि कितने प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा क्योंकि ये 75 फ़ीसदी अग्निवीर देश की ताक़त होंगे. इसीलिए उन्हें आयु सीमा में भी छूट देने का फ़ैसला किया गया है.”

3. कम उम्र में अग्निवीर बनने वाले नौजवान जल्द ही रिटायर भी होंगे?

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“बारहवीं क्लास के लोगों को हम ले सकते थे लेकिन हमारा काम थोड़ा जोख़िम का है. आप देखते हैं कि जब भी युद्ध हुए हैं. आपकी भी आंखें भर जाती होंगी. जब आप देखते हैं कि शव नीचे आते हैं तो आपका दिल पिघल जाता होगा.

ये काम थोड़ा अलग किस्म का है. इस काम को मद्देनज़र रखते हुए हमने देखा कि इसकी न्यूनतम उम्र साढ़े 17 साल तो अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष तय की गई.

इसमें कोई तब्दीली नहीं की गई है. 21 साल की अधिकतम आयु सीमा में बदलाव किया गया है, वो इसलिए कि पिछले दो साल में कोविड की वजह से भर्ती नहीं हुई थी.”

4. क्या हर साल केवल 46 हज़ार युवाओं की भर्ती होगी

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“अगले चार से पांच साल में हमारी इनटेक 50 से 60 हज़ार होगी. 50-60 हज़ार के बाद क्या होगा. ये इनटेक 90 हज़ार से लेकर 1.25 लाख तक होगी.

ये केवल 46 हज़ार नहीं रहेगी. ऐसा हमने इसलिए किया है कम से शुरू करना चाहिए और फिर मीडियम पर जाना चाहिए ताकि हमें भी इस स्कीम को चलाने के बाद सीखने को मिले कि इसमें दिक्कतें क्या हैं.”

5. जो पहले से भर्ती प्रक्रिया में थे, उनका क्या होगा?

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“अग्निवीरों की भर्ती की अधिकतम आयु सीमा को 21 साल से बढ़ाकर 23 साल उन्हीं नौजवानों के लिए किया गया है जिन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में भाग लिया था लेकिन उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी. सबसे ज़रूरी स्टेज है- एंट्रेंस एग़्ज़ाम. उन्होंने एंट्रेंस एग़्ज़ाम में हिस्सा नहीं लिया था.

उनकी वजह से दो साल और मौका दिया जा रहा है क्योंकि दो साल में उनकी उम्र बढ़ गई है. ताकि वे लोग हमारे साथ अग्निवीर योजना में जुड़ सकें. वे अग्निवीर के तौर पर ही आएंगे, उनसे पूछा जाएगा कि वे आना चाहेंगे या नहीं. उन्हें इसके लिए वेबसाइट पर अप्लाई करना होगा.

अब सभी रिक्रूटमेंट अग्निवीर योजना के जरिए ही होगी. आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है. जो योग्य हैं, वे एक बार फिर इस सिस्टम में अप्लाई करेंगे. मेडिकल कंडीशन के लिहाज से दो साल एक लंबी अवधि होती है. उनकी एक बार फिर स्क्रीनिंग होगी और पूरी प्रक्रिया फिर से होगी और उसके बाद ही एयरफोर्स में चयन हो सकेगा.”

“केवल अग्निवीर योजना के जरिए ही नियुक्तियां होंगी.”

7. अग्निपथ योजना क्या वापस भी ली जा सकती है?

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“अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी. इसे क्यों वापस लिया जाना चाहिए. ये देश को और युवा बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है. मैं आपको उदाहरण देता हूं.

आपको पता है कि दुरूह क्षेत्रों से कितने लोग हताहत होते हैं. आप पढ़िएगा तब आपको पता चलेगा कि नौजवान लोग क्यों ज़रूरी है. मुझे लगता है कि आपको ये कोशिश करनी चाहिए बिलकुल रोलबैक न हो.”


अग्निपथ योजना के खिलाफ भारत बंद
देश भर में अग्निपथ योजना के विरोध में सोमवार को कई संगठनों ने भारत बंद का एलान किया है।इसके बाद राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।आज तक के मुताबिक, भारत बंद के चलते दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर भारी जाम नजर आ रहा है। कई ट्रेनें रद्द हैं, जिसकी वजह से दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर भी यात्रियों की भारी भीड़ है। उधर भारत बंद के दौरान बिहार के 20 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।अग्निपथ योजना के विरोध में इन जिलों में हिंसा हुई थी।रविवार को सेना ने स्पष्ट कर दिया था कि यह योजना वापस नहीं ली जाएगी।

ANI_HindiNews
@AHindinews
बिहार: पुलिस ने पटना में गुरु रहमान के आवास और उनके कोचिंग सेंटर पर छापेमारी की।

गुरु रहमान पर अग्निपथ योजना के खिलाफ दानापुर रेलवे स्टेशन पर हुई हिंसा का आरोप है।
#Agnipath

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देश होगा खून से लथपथ, अग्निपथ पर बोले कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी


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#NDTVExclusive | शत्रुध्न सिन्हा ने अग्निपथ हिंसा को लेकर कहा, ‘सरकार ने युवाओं पर बोझ डाल दिया है’

Nidhi Kulpati
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‘Agnipath’: All 3 armed services chiefs to meet PM tomorrow, brief him, reports news agency ANI


Dainik Jagran
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अग्निपथ के विरोध की आड़ में उपद्रव करने वालों पर भी योगी आदित्यनाथ सरकार की सख्ती, 475 गिरफ्तार; होगी वसूली


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यह देश और देश के नौजवानों के लिए अच्छी योजना है। इस पर 1999 से चर्चा हो रही थी। अलग-अलग कमेटी और प्लेटफॉर्म पर चर्चा होने के बाद अंत में इस को लागू किया है। इसको राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए: अग्निपथ योजना पर केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी

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हमारे 7 लोगों का दल राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जी से मिला और 2 मुद्दे उठाए। हमने उनको अग्निपथ योजना को लेकर ज्ञापन सौंपा है और दूसरा जो कांग्रेस को डराने-धमकाने और कुचलने की कोशिश का जा रही है उसके ख़िलाफ़ ज्ञापन सौंपा है: राज्य सभा में प्रतिपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, दिल्ली

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अग्निपथ पर विवाद के बीच बोले PM नरेंद्र मोदी, कुछ सुधार शुरुआत में खराब लगते हैं, पर होता है फायदा

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मनीष तिवारी का ‘हृदय परिवर्तन’, अग्निपथ को बताया ‘रफ कैलकुलेशन’ का नतीजा; चार दिन पहले की थी तारीफ


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अग्निपथ के जरिए सेना पर नियंत्रण करना चाहता है RSS, कर्नाटक के पूर्व सीएम का गंभीर आरोप

विरोध प्रदर्शन के बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का आरोप है कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का छिपा हुआ अजेंडा है जिससे कि भारतीय सेना का नियंत्रण अपने हाथ में लिया जा सके। उन्होंने दावा किया कि सेना में अग्निवीर आरएसएस कार्यकर्ता बन जाएंगे और बाहर भी यही काम करेंगे। जब उनकी सेवा समाप्त हो जाएगी तो वह आरएसएस के लिए काम करेंगे।

बड़ा बयान देते हुए एचडी कुमारस्वामी ने कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘RSS नेता उनकी भर्ती करेंगे या फिर सेना करेगी? जिन 10 लाख लोगों की भर्ती की जाएगी हो सकता है कि वे आरएसएस कार्यकर्ता ही हों। वे सेना में 2.5 लाख आरएसएस कार्यकर्ताओं को जगह दे सकते हैं। यह एक हिडेन अजेंडा है। जो 75 फीसदी चार साल बाद निकलेंगे उन्हें भी 11 लाख रुपये दिए जाएंगे जो कि पूरे देश में फैल जाएंगे। ‘

कुमारस्वामी ने आगे कहा, ‘आरएसएस आर्मी को टेकओवर करने का प्लान कर रही है।’ कुमारस्वामी ने कहा कि आरएसएस की स्थापना भी तभी हुई थी जब जर्मनी में हिटलर का शासन था। हो सकता है कि आरएसएस अब नाजी रूल ही लागू करना चाहती हो। इसीलिए उन्होंने अग्निपथ योजना शुरू की है।

भाजपा नेता ने किया पलटवार
एचडी कुमारस्वानी के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, यह बहुतह ही शर्म की बात है कि इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। अब आरएसएस और बीजेपी को छोड़कर सीधा सेना का टारगेट किया जाने लगा है। क्या इस देश की सेना इस तरह का समझौता होने देगी। यह उन लोगों का अपमान है जिन्होंने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की और सर्जिकल स्ट्राइक की। कुमारस्वामी का बयान सेना का सीधा अपमान है।

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