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सुहागरात से पहले जवान औरत क्या करना पसंद करती हैं?

संभोग कामवासना किसी भी लड़की और लड़के की शादी की खुशहाल जिंदगी के लिए बहुत जरूरी है, ऐसा नहीं है कि कोई व्यक्ति आजीवन समागम ही करता रहता है, बल्कि ये एक फेस है,
जिस तरह से बच्चे पहले class 10th पास करते हैं फिर। 12 उसके बाद ग्रेजुएशन, लेकिन यदि 10 में ही नींव कमजोर हो तो आगे उसका असर पड़ता है

ठीक उसी तरह शारीरिक आकर्षण, संभोग का विवाह के शुरुवाती दिनों में अत्यधिक महत्व है, ये पति पत्नी के बीच परस्पर सम्मान और समर्पण की भावना जगाता है

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लेकिन कभी सोचा है आप को शादी में आप के और आप की पत्नी के बीच कोई शारीरिक संबंध ना बने तो आगे रिश्ता कैसा होगा, इसका जवाब मैं दूंगा क्यों कि मेरे साथ ऐसा हो हुआ है,
जब मैं 28 का था तभी मेरे घर वाले मेरे लिए लड़की तलाश का रहे थे, लेकिन कोई सरकारी नौकरी ना होने की वजह से रिजेक्ट कर दे रहा था, कोई इस बात पे कर था कि प्राइवेट नौकरी का कोई चलाना नहीं कभी भी कुछ भी हो सकता है l,

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जब उम्र ढालने लगी यानी कि उम्र 32 हो गई तब ऐसा लगता था कि जो मिले उससे शादी कर लो, क्यों की अब life में एक ठहराव की उम्मीद है, इसी के साथ प्रिया का रिश्ता आया, हमने देरी ना करते हुए जल्दी से जल्दी रिश्ता देख, और अपने बारे में भी सब कुछ बता दिया, कि मैं कौन हूं क्या करता हूं, प्रिया के घर वालो को किसी चीज से कोई आपत्ति नहीं थी, क्यों की उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो सरकारी नौकरी वाला दुल्हा तलाश कर सके, और ये बात भी सही है यदि होता पैसा तो मुझसे क्यों शादी करते, पर उनके हिसाब से मै ठीक था तो जल्दी विवाह करना चाहते थे
प्रिया और मैने अपना नंबर शेयर किया, हमसे बात करना शुरू की अपने मन की बात की क्या पसंद है क्या नहीं और इसी के साथ 1 हफ्ते में हमारी इंगेजमेंट हुआ ,
और उसी महीने में शादी, शादी की व्यस्तता की वजह से हमारी ज्यादा बात नहीं होती थी, खैर भगवान की दया की हमारी शादी हुई और सब अच्छे से बीता।

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क्यों कि हमारे बीच ज्यादा बातचीत नहीं थी, ऐस स्थिति में शारीरिक संभोग बनाने की कोई जल्दी नहीं की, मुझे लगा पहले एक दूसरे को जानना चाहिए, और हमने ऐसा किया हमारे बीच स्नेह था एक दूसरे के प्रति केयर थी, लेकिन संभोग अभी तक नहीं था, फिर एक रात मैने कोशिश की पर पाया प्रिय असहज थी, इसी तरह कई रातें बीत गई, साथ में मेरे मन में प्रिया के प्रति नफरत भी होने लगी, मुझे लगने लगा था कि इसने मुझे स्वीकार नहीं किया है, और साथ और कहीं ना कही इसका कोई और सम्बन्ध तो नहीं लेकिन जैसे ही सुबह होती सब कुछ नॉर्मल रहता था

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मैने हिम्मत जुटाई और प्रिया से बात की इस बारे में उसने बोला कि मुझे खुद नहीं पता कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है, रही बात किसी और चीज की तो उसका मुझे नहीं पता, मैने डॉक्टर से बात की, डॉक्टर ने बताया कि मुझे मनोवैज्ञानिक के पास जाना चाहिए, जब मैने उनसे बात की तो तुम्हीं प्रिया का एग्जामिन किया और पाया कि प्रिया A सेक्सुअल है ये एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लड़की या लकड़ा आप से प्रेम तो करेगा, लेकिन काम के प्रीति उनकी कोई इच्छा नहीं होगी, और ना आप में कोई इंट्रेस्ट होगा

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यदि करने की कोशिश भी करें तो भी उन्हें घबराहट होगी और उन्हें समझ नहीं आएगा कि क्या हो रहा है। दुर्भाग्य से काउंसलिंग के अलावा इसका कोई इलाज नहीं है, डॉक्टर ने मुझे समझाया, साथ में प्रिया को भी बताया कि हर रिश्ते की एक जरूरत होती है उसे पूरा करने के लिए पति के साथ संभोग करो अपने लिए नहीं।

प्रिया ने ऐसा किया लेकिन ऐसे संभोग का कोई आनंद नहीं जिसमें आप का पार्टनर एक लाश की तरह अपने आप को सौंप देता है और इसी सत्य के साथ मैं जिदंगी जी रहा हूं,
आज के समय में लोग बात करते हैं इस लिए आप की शादी जिससे भी fix हो बिना हिचकिचाहट इस प्रश्न को पूछिए क्यों कि सवाल पूरी जिंदगी का है
Harish Yadav

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Harish Yadav
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स्त्री अगर पति से संतुष्ठि भरा संभोग प्राप्ति कर ले तो वो उसके लिए काफी होती है और हर विपरीत परिस्थिति से उभरने के लिए, पति-पत्नी का रिश्ता ऐसा होता है जो न केवल साथ रहने, बल्कि एक-दूसरे को गहराई से समझने और हर परिस्थिति में सहारा देने पर आधारित है। यह दुनिया के हर रिश्ते से अलग है क्योंकि यह शारीरिक और भावनात्मक जुड़ाव का अनूठा मेल है। लेकिन समय के साथ रिश्तों में बदलाव आना स्वाभाविक है, और कभी-कभी यह दूरी का कारण भी बन सकता है। 🌸

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शादी के शुरुआती दिनों में, हर स्त्री को अपने पति के साथ आलिंगन और प्यार की लालसा होती है। लेकिन जब समय बीतता है और रोजमर्रा की जिंदगी की जिम्मेदारियां बढ़ती हैं, तो यह उत्साह धीरे-धीरे कम हो सकता है। ऐसा मेरे साथ भी हुआ। पांच साल की शादी के बाद, मैं शारीरिक संबंधों में रुचि खोने लगी, जिससे मेरे और मेरे पति के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। पति इसे समझ नहीं सके और हमारा रिश्ता तनावपूर्ण हो गया। 😔

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डॉक्टर से सलाह लेने पर मुझे ऐसा लगा जैसे एक स्त्री की इच्छाओं को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। उन्होंने कहा, “अगर आप अपने पति से प्रेम करती हैं, तो उनकी इच्छाओं को प्राथमिकता दें।” यह सुनकर मैंने सोचा, क्या स्त्री के पास अपनी इच्छाओं का कोई महत्व नहीं? 🌧️

 

 

पर जब मैंने अपने पति की देखभाल और समर्पण को देखा, तो मेरे विचार बदल गए। मेरी बीमारी के दौरान उन्होंने खाना बनाया, मेरी हर जरूरत का ख्याल रखा। उनकी मेहनत और प्यार ने मुझे यह एहसास दिलाया कि रिश्ते में दोनों को एक-दूसरे के लिए समझौता करना पड़ता है। मैंने महसूस किया कि उनकी जरूरतें भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी मेरी। 👫

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अब, जब कभी भी मेरे पति शारीरिक संबंध की इच्छा जताते हैं, तो मैं इसे प्यार और जिम्मेदारी के तौर पर स्वीकार करती हूं। धीरे-धीरे, हमारे बीच का तनाव खत्म हो गया और हमारा रिश्ता और मजबूत हो गया। 😊

 

आज के समय में यह जरूरी है कि पति-पत्नी एक-दूसरे की जरूरतों को समझें। शारीरिक संबंध केवल एक जरूरत नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव का माध्यम है। इसलिए, अपने रिश्ते को बचाने के लिए संवाद और समझदारी को प्राथमिकता दें। 💬

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सुहागरात से पहले जवान औरत क्या करना पसंद करती हैं?

विवाह हर व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। यह न केवल एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि इसमें कई अनूठे और गहरे भावनात्मक अनुभव भी शामिल होते हैं जो जीवनभर याद रहते हैं। शादी के बाद की पहली रात, जिसे सुहागरात कहा जाता है, नवविवाहितों के जीवन में एक विशेष और महत्वपूर्ण रात मानी जाती है। इस अवसर से पहले महिलाएँ अपने मन को शांत करने, आत्मविश्वास बढ़ाने और नई ज़िम्मेदारियों के प्रति मानसिक रूप से तैयार होने के लिए कई प्रकार की गतिविधियाँ करना पसंद करती हैं।

आइए जानें कि सुहागरात से पहले महिलाएँ किन चीज़ों को करना पसंद करती हैं:

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परिवार और मित्रों के साथ समय बिताना

सुहागरात से पहले महिलाएँ अक्सर अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करती हैं। शादी के बाद जीवन में कई परिवर्तन आते हैं, और वे अपने प्रियजनों के साथ बिताए समय को संजोना चाहती हैं। कुछ महिलाएँ अपनी बचपन की सहेलियों के साथ हँसी-मज़ाक, पुरानी यादों को ताज़ा करना और सुखद पलों को साझा करती हैं, ताकि वे उन क्षणों को हमेशा के लिए अपने दिल में बसा सकें।

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तनाव कम करने के लिए आरामदायक गतिविधियाँ करना

शादी की तैयारी और कार्यक्रम काफी थकाने वाले होते हैं, और दिनभर की थकान के बाद महिलाएँ खुद को शांत करने और ताज़गी महसूस करने के लिए स्पा, मसाज या बबल बाथ जैसी आरामदायक गतिविधियाँ करना पसंद करती हैं। इससे उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से आराम मिलता है, और वे खुद को तनावमुक्त महसूस करती हैं। कई महिलाएँ योग और ध्यान भी करती हैं ताकि उनका मन शांत रहे और वे सकारात्मक ऊर्जा के साथ सुहागरात के लिए तैयार हो सकें।

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स्वयं की देखभाल और सज्जा

सुहागरात एक विशेष रात होती है, और इस अवसर पर खुद को सुंदर और आत्मविश्वास से भरपूर महसूस करना महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। वे अपने सौंदर्य का विशेष ध्यान देती हैं और मेकअप, हेयरस्टाइल और सुंदर परिधान पहनने में रुचि रखती हैं। इसके लिए वे पहले से ही योजना बनाती हैं और अपनी पसंद के कपड़े, आभूषण और मेकअप को तैयार रखती हैं। इस दौरान वे खुद को आत्मविश्वासी और खुश महसूस करना चाहती हैं, ताकि वे इस रात को खास और यादगार बना सकें।

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भावनाओं को समझना और आत्ममंथन करना

सुहागरात से पहले महिलाएँ अपने मन में उठ रहे विचारों और भावनाओं को समझने का प्रयास करती हैं। यह समय उनके लिए खुद को शांत करने और भविष्य की संभावनाओं के बारे में सोचने का होता है। वे नए रिश्ते और उसकी ज़िम्मेदारियों के बारे में विचार करती हैं और खुद को सकारात्मक दृष्टिकोण से तैयार करती हैं। कई बार वे आत्ममंथन करके अपने डर और आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करती हैं।

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नए जीवन के सपने बुनना

महिलाएँ शादी के बाद अपने नए जीवन को लेकर कई सपने संजोती हैं। वे अपने जीवनसाथी के साथ नए और सुखद पलों की कल्पना करती हैं। अपने नए साथी के साथ बिताए जाने वाले पलों और भविष्य के सपनों को बुनने का यह एक खास अवसर होता है। उन्हें उम्मीद होती है कि उनका वैवाहिक जीवन खुशियों और प्यार से भरा रहेगा।

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नई ज़िम्मेदारियों को समझना और स्वीकार करना

शादी के बाद जीवन में कई नई ज़िम्मेदारियाँ आती हैं। महिलाएँ इस बात को समझती हैं और वे खुद को उन ज़िम्मेदारियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करने का प्रयास करती हैं। यह ज़िम्मेदारियाँ पारिवारिक संबंधों को बनाए रखने, घर के सदस्यों के साथ अच्छे रिश्ते स्थापित करने और अपने जीवनसाथी के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने की होती हैं। वे मन में यह ठान लेती हैं कि वे इस नई यात्रा में अपनी भूमिका को अच्छे से निभाएँगी।

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सुहागरात से जुड़ी परंपराओं और रीति-रिवाजों की जानकारी लेना

भारत में शादी और सुहागरात से जुड़े कई रीति-रिवाज और परंपराएँ होती हैं। कई बार महिलाएँ अपने परिवार के बुज़ुर्गों या दोस्तों से इन रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी लेती हैं। इससे उन्हें अपने नए जीवन की शुरुआत में मदद मिलती है और वे आत्मविश्वास के साथ अपनी ज़िम्मेदारियों का पालन कर पाती हैं।

निष्कर्ष

सुहागरात से पहले महिलाओं के मन में विभिन्न भावनाएँ होती हैं, जिनमें खुशी, उत्साह, आशंका और थोड़ा डर भी शामिल होता है। इस समय वे उन सभी भावनाओं को संतुलित करना चाहती हैं और खुद को आने वाले समय के लिए तैयार करना चाहती हैं।