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सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया कि उसका फ़ैसला पूरे देश के लिए क़ानून है, यूपी में नहीं होता फ़ैसलों का पालन!

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को साफ कर दिया है कि उसका फैसला पूरे देश के लिए कानून है और आदेश में निर्धारित सिद्धांतों का उल्लंघन करने का कोई सवाल ही नहीं है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल जुलाई के अपने फैसले के अनुपालन से जुड़े एक मामले की सुनवाई में यह टिप्पणी की। अपने उस आदेश में शीर्ष अदालत ने कई दिशा-निर्देश पारित किए थे। इनमें से एक में केंद्र को जमानत अधिनियम की प्रकृति में एक अलग अधिनियम की शुरूआत पर विचार करने का निर्देश शामिल था ताकि जमानत देने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके।

पीठ ने कही यह बात
जस्टिस एसके कौल और जस्टिस ए अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि इस अदालत का फैसला, जिसमें अंतिल का मामला शामिल है (जिसमें जुलाई 2022 का फैसला सुनाया गया था), देश का कानून है। निर्धारित सिद्धांतों का उल्लंघन करने का कोई सवाल ही नहीं है। हमारे लिए इतना कहना पर्याप्त होगा कि जहां कहीं भी यह निर्णय लागू होता है, वहां सिद्धांतों का पालन करना होगा।

यूपी में नहीं होता फैसलों का पालन- शीर्ष कोर्ट

पीठ ने आगे कहा कि जाहिर तौर पर, बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां शिकायत यह है कि फैसलों का पालन नहीं किया जा रहा है और यह स्थिति उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से है। हम उचित मानते हैं कि यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूचना का पर्याप्त प्रसार हो।

पीठ ने कहा, हम ऐसे व्यक्तिगत मामलों में आवेदनों पर विचार करने के बिलकुल इच्छुक नहीं है जिसमें फैसले का पालन नहीं करने का दावा किया गया हो। रजिस्ट्री को भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ऐसे मामले सूचीबद्ध नहीं किए जाएं।