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सुप्रीम कोर्ट आफ़ पाकिस्तान ने इमरान ख़ान की पार्टी को चुनावी निशाना ”बल्ला” से महरूम कर दिया : रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट आफ़ पाकिस्तान ने तहरीके इंसाफ़ पार्टी के चुनावी निशाना बल्ला को पार्टी को लौटाने के पेशावर हाई कोर्ट के फ़ैसले को पलटते हुए चुनाव आयोग की अर्ज़ी पर मुहर लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग का 22 दिसम्बर का वह फ़ैसला बरक़रार रखा जिसमें चुनाव आयोग ने इंटरा पार्टी चुनाव पार्टी संविधान और क़ानून के अनुसार न कराने पर पार्टी से उसका चुनावी निशाना बल्ला वापस ले लिया था।

चीफ़ जस्टिस क़ाज़ी फ़ायज़ ईसा की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने यह फ़ैसला सुनाया।

इससे पहले दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद बेंच ने फ़ैसला सुरक्षित कर लिया है। चीफ़ जस्टिस ने इस केस का संक्षिप्त फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने 2021 में तहरीके इंसाफ़ पार्टी को इंटरा पार्टी चुनाव करवाने को कहा था और यह वह वक़्त था जब तहरीके इंसाफ़ पार्टी केन्द्र और प्रांतों में सत्ता में थी इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि उसके साथ भेदभाव किया गया।

संक्षिप्त फ़ैसले में यह भी कहा गया कि चुनाव आयोग ने 13 दलों के ख़िलाफ़ इसी दायरे में कार्यवाही की क्योंकि वे समय पर इंटर पार्टी चुनाव नहीं करवा सकीं।

पीटीआई के नेता बैरिस्टर गौहर का कहना है कि वो सुप्रीम कोर्ट की ओर से चुनाव आयोग की अपील मंज़ूर करने और पेशावर हाई कोर्ट का फ़ैसला रद्द करने के फ़ैसले पर पुनरविचार के लिए अपील करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद मीडिया से बात करते हुए बैरिस्टर गौहर ने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य 8 फ़रवरी को होने वाले चुनावों में आज़ाद उम्मीदवार की हैसियत से हिस्सा लेंगे और हम अपने उम्मीदवारों के लिए चुनावी कैंपेन करेंगे।

उन्होंने कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से भारी निराशा हुई तकनीकी आधारों पर पार्टी से चुनावी निशान छीना गया और 14 याचिकाओं को करोड़ों लोगों की उमंगों पर भारी क़रार दिया गया।