नई दिल्ली: 15 अगस्त 2017 को एक ऐसी तस्वीर वायरल हुई थी जिसने भारत वासियों के दिल की भट्टी को गर्मा दिया था,भारत को देश प्रेम की एक नई सोच दी थी,देश से मोहब्बत और प्रेम का शानदार प्रदर्शन की तस्वीर असम के जनपद धुबरी की है।
जहां पर बाढ़ के पानी से पूरा जनपद जलमग्न हुआ पड़ा था ऐसे में पानी का सीना चीरकर तिरँगा को सलामी देने दो बच्चे स्कूल पहुँचे,और पानी मे छाती तक डूबे हुए तिरँगे को सलामी दे रहे हैं,फ़ोटो में दो अन्य लोग भी नज़र आरहे हैं जो उनके शिक्षक हैं।
जितना इस फोटो को दखकर आपको ख़ुशी हुई होगी उतना ही इस खबर से दुःख पहुंचेगा कि इनमें से एक बच्चे हैदर खान का नाम एनआरसी के मसौदा में नही है,जिसका साफ मतलब है कि वो भारतीय नही है।
छाती तक पानी में डूबे हैदर खान के साथ उसका 10 वर्षीय ज़हीरूल खान भी दिखाई दे रहा है,तथा नीली शर्ट पहनें ताज़ेन सिकंदर नज़र रहे हैं जो स्कूल में मुख्य शिक्षक हैं और उनके साथ नरीपन राभा नाम के सहायक शिक्षक नज़र आरहे हैं।
हैदर के परिवार में से तमाम लोगों का नाम NRC की सूचि में मौजूद है,उसकी माँ जैतून खातून जो गृहणी महिला हैं,तथा 12 वर्षीय भाई और 6 वर्षीय बहन का नाम NRC में मौजूद है,हैदर के पिता रूपनल खान 2011 में हुए दंगों में मारे गए थे।
इस स्वतन्त्रता दिवस पर हैदर खान डरी हुई आवाज़ में भरे गले से मीडिया से बात करते हुए कहा कि “मैं एनआरसी के बारे में कुछ भी नहीं समझता … मैं अपने क्षेत्र के पढ़े लिखे लोग मजो कुछ भी कहेंगे वो करूँगा,”
जब उससे उसकी पानी में डूबे हुए झंडे को सलामी देने वाली तस्वीर के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि “सब कुछ पानी में डूब गया था। अन्य बच्चे पानी के इस स्तर पर तैरने से डर गए थे जहां हमारे स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा रहा था। लेकिन ज़हीरुल और मैं स्पॉट पर तैर गए, वहां खड़े हुए और हमने झंडे को सलाम किया, “कक्षा 4 के छात्र हेडॉर कहते हैं।
वायरल फ़ोटो को 1185 नासकर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मिज़ानुर रहमान ने अपलोड करी थी,जो वायरल हुई देश दुनिया मे फैल गई ।
स्कूल के हैडमास्टर ताज़ीन सिकदर ने बताया कि “हमने फैसला किया था कि कुछ शिक्षक झंडा रोहण करेंगे क्योंकि स्कूल तक बच्चों के लिए अपना रास्ता बनाना बहुत जोखिम भरा था। झण्डा रोहण होते देख छात्र जियारुल और हेदर ने अपने शर्ट उतारकर रख दी और ध्वज को सलाम करने के लिए पानी में कूद गए। “राष्ट्रीय ध्वज के लिये सम्मान दिखाने की उत्सुकता थी।”