नई दिल्ली: इन दिनों एक महिला को लेकर सऊदी अरब और कनाडा आपस में भिड़े हुए हैं । इसी मामले के चलते पिछले हफ्ते सऊदी अरब ने कनाडा के राजदूत को वापस भेज दिया था और टोरंटो से अपने राजदूत को भी बुला लिया था।
सऊदी ने टोरंटो के लिए सभी सीधी विमानों को रद्द किया और कनाडा के साथ नए व्यापार और निवेश पर भी रोक लगा दी। सऊदी ने कनाडा में पढ़ रहे अपने छात्रों को और अस्पतालों में भर्ती मरीजों को दूसरे देशों में भेजना भी शुरू कर दिया।
दोनों देशों के बीच यह विवाद तब शुरू हुआ जब ऐमनेस्टी इंटरनैशनल ने यह जानकारी दी कि सऊदी सरकार ने कुछ महिला मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक समर बादवी हैं। खुद एक जानी-मानी कार्यकर्ता होने के अलावा समर ब्लॉगर राएफ बादवी की बहन भी हैं।
राएफ साल 2012 से ही सऊदी की जेल में बंद हैं। बादवी की पत्नी और उनके तीन बच्चे साल 2015 में क्यूबेक चले गए थे और कनाडाई नागरिक बन गए। बीते गुरुवार, कनाडा की विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने ट्वीट किया, ‘समर बादवी की गिरफ्तारी की जानकारी से काफी चिंतित हूं। इस मुश्किल घड़ी में कनाडा बादवी के परिवार के साथ है और हम राएफ और समर दोनों की रिहाई की मांग करते हैं।
इसके अगले दिन कनाडा की विदेश मंत्री ने फिर एक ट्वीट किया और समर बादवी के साथ ही अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ‘तुरंत रिहाई’ की मांग की। इस ट्वीट ने सऊदी सरकार का गुस्सा सामने ला दिया। इसके बाद रविवार को कई ट्वीट्स कर, सऊदी के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के बयान को सऊदी के आंतरिक मामलों में स्पष्ट हस्तक्षेप करार दिया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ता चला गया।
समर बादवी सऊदी अरब में लगातार महिला अधिकारों के लिए काम करती आई हैं। बादवी अपनी पसंद के लड़के से शादी न करने देने की वजह से अपने पिता को कोर्ट तक लेकर चली गई थीं। बदले में पिता ने भी बादवी पर केस किया और नतीजतन समर को हिरासत में ले लिया गया।
सऊदी में महिलाओं को गाड़ी चलाने का हक दिलवाने वाले कैंपेन में भी बादवी ने मदद की थी। साल 2012 में बादवी को अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से इंटरनैशनल विमिन ऑफ करेज अवॉर्ड दिया गया।