उत्तर प्रदेश राज्य

साहरनपुर में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के भाई की महाराणा प्रताप जयंती स्थल पर गोली मारकर हत्या

मेरठ : उत्तर प्रदेश में दलितों के उभरते हुए संगठन भीम आर्मी के अध्यक्ष चन्द्र शेखर आज़ाद रावण रासुका में जेल काट रहे हैं,सरकार उन्हें शब्बीर पुर प्रकरण का दोषी मानती है,इसी प्रकार से सरकार ने भीम आर्मी पर पूरी नकेल कसने का इरादा बनाया हुआ है,और थोड़ी सी ही कोई कमी मिलने पर कार्यवाही करते हैं।

साहरनपुर में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन की गोली मारकर हत्या करदी गई है,जिसके बाद पूरे इलाके में काफी तनाव फैल गया है,मृतक पक्ष के लोगों ने हंगामा मचाते हुए आरोप लगाया है कि रामनगर के पास महाराणा प्रताप भवन तल शोभायात्रा निकाली जारही थी. इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने सचिन वालिया की गोली मारकर हत्या कर दी,एडीजी ने बताया कि यह पूरा मामला संदिग्ध है इसकी जांच की जा रही है।

स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, क्षत्रिय समाज ने महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर सहारनपुर के रामनगर में शोभायात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी. पहले इसपर प्रशासन का रवैया टालने वाला रहा, लेकिन बाद में मंगलवार को जिला प्रशासन ने 150 लोगों के साथ शोभायात्रा निकालने की अनुमति दे दी. बुधवार को रामनगर में इस यात्रा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम करने का दावा किया था।

बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह से शोभा यात्रा की तैयारी हो रही थी. शोभा यात्रा रामनगर के पास महाराणा प्रताप भवन तक पहुंची. उसी वक्त भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया का भाई सचिन भवन के सामने से गुजर रहा था. अचानक किसी ने उस पर गोली चला दी. उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इस घटना से पूरे इलाके में एक बार फिर जातीय तनाव पैदा हो गया है. जिला अस्पताल में भीम आर्मी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जमा हो गए. वहां जमकर हंगामा हुआ. सहारनपुर के जिलाधिकारी पी.के. पांडे और एसएसपी बबलू कुमार जब जिला अस्पताल पहुंचे तो कमल वालिया की उनके साथ नोक झोंक भी हुई. अपने खिलाफ माहौल बनता देख दोनों अधिकारी वहां से निकल गए. इस दौरान शव को लेकर परिजनों और पुलिस के बीच खींचतान भी हुई।

जिला अस्पताल के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. वाहनों के अंदर आने पर रोक लगा दी गई है. यहां तक कि रामनगर की तरफ जाने वाले मार्ग पर पुलिस सुबह से ही वाहनों की चेकिंग कर रही है. रामनगर वही इलाका है, जहां पिछले साल भी महाराणा प्रताप जयंती की शोभा यात्रा के दौरान जातीय हिंसा भड़क उठी थी. इसमें 5 मई से लेकर 23 मई 2017 तक करीब 40 मुकदमे दर्ज किए गए थे।