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“जिस दिन तुम्हें लगे कि तुम एक बार भी क्रोधित नहीं हुए, ठोंकी हुई कीलों में से एक कील निकाल लेना”
Dr. Sweety Srivastava -Clinical psychologist ================ Krodh: *एक पिता ने अपने गुस्सैल बेटे से तंग आकर उसे कीलों से भरा एक थैला देते हुए कहा ,”तुम्हें जितनी बार क्रोध आए तुम थैले से एक कील निकाल कर बाड़े में ठोंक देना !”* बेटे को अगले दिन जैसे ही क्रोध आया उसने एक कील बाड़े की […]
मुझे जुगाड़ की ज़िंदगी जीने की आदत हो गई है!
मनस्वी अपर्णा लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ========= मुझे याद नहीं है कि मेरी ये सोच कब से बन गई है लेकिन अरसा हुआ है मुझे बनाने वालों से ज़्यादा सुधारने वाले पसंद आते हैं…..आमतौर पर दुनिया उनको सर माथे पर बिठाती है जो कुछ creation करते हैं या construction करते हैं, ठीक भी है उनकी योग्यता […]
थोड़ी शर्म करो जी……..आपकी इज़्ज़त आपके हाथ है!
Tajinder Singh ============ थोड़ी शर्म करो जी………संडे स्पेशल कहते हैं… किसी के घर की साफ़ सफाई के बारे में जानना हो तो उसका वाशरूम देखिये। और किसी के दिल को देखना हो तो उसके घर के बर्तनों और खिलाने के अंदाज को देखिये। अपने घर के पुराने बर्तनों को देख कर अक्सर मुझे बहुत हैरानी […]