साहित्य

सारा पैसा हम देशवासियों से ही लिया जाएगा, टैक्स बढ़ेगा, फिर महंगाई बढेगी और देश का ग़रीब….

Sagar Kumar Baraut
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अत्यंत विचारणीय ✍🏻
एक आदमी ने एक विज्ञापन दिया कि उसे उसकी चिन्ता करने वाला एक आदमी चाहिये। वेतन वो जो मांगेगा, मिलेगा।

विज्ञापन देखकर एक बेरोजगार तुरंत उसके पास गया और उसने उसके लिये चिन्ता करने वाली नौकरी के लिये 10000/ महीना सैलरी की मांग की। विज्ञापन देने वाले ने उसे 10000/ देना स्वीकार कर लिया और कहा कि तुम अभी से अपनी नौकरी शुरु कर सकते हो।

नौकरी शुरु हो गई। अब मालिक ने उसे अपनी सारी चिंताएं बता दी।

मेरी महिने की आमदनी 50000है।
बच्चों की फिस 10000 महीना है।
मकान का भाडा 15000 महीना है।
घर का खाने पीने पर खर्च 15000 है।
मेरे रोज ऑफ़िस जाने का खर्च महिने भर का 5000 है।
धोबी का खर्च महिने का 3000 है।
काम वाली बाई को 2000 महीना देना होता है।
महिने मे एक बार हमलोग कहीं घुमने जाते हैं उसमे कम से कम 5000/ लग जाता है।

अब चिन्ता करने वाला आदमी से बर्दाश्त नही हुआ, उसने कहा: मालिक आपका अभी तक का खर्च 55000 है और अभी आपने मेरा 10000सैलरी उसमे नही बताया है तो सब लेकर 65000हो गए, आमदनी आपकी 50000है, बाकी पैसा कहाँ से लाएंगे?

मालिक ने कहा उसी के लिये तो तुम्हे रखा है, अब तुम 10000ले रहे हो मेरी सारी चिन्ता करने के लिये तो मै क्यों चिन्ता करुँ, अब ये चिन्ता तुम करो कि बाकी पैसा कहाँ से आएगा।

नेताओं द्वारा खैरात बांटने की भी चिन्ता देशवासियों को ही करनी होगी क्योंकि नेता अपनी जेब से किसीको एक धेली नही देंगा।

सारा पैसा हम देशवासियों से ही लिया जाएगा। टैक्स बढ़ेगा, फिर महंगाई बढेगी और देश का गरीब और निम्न मध्यम वर्ग उस महंगाई और टैक्स की चक्की में पिसेगा।
देखियेगा कहीं 10000 महीना पाने के लालच में उस पैसे की व्यवस्था की चिन्ता में आप भी न पड़ जायें।

आदिवासी दर्शन
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कहा जाता है की प्यार की कोई न उम्र होती है प्यार तो सिर्फ प्यार होता है, जिसमे एक दूसरे के आँखों मे तमाम उम्र के लिए खो जाने को जी करता हो, जिसे हर समय अपने दिल के करीब महसूस किया जा सके, ऐसे प्यार के अलावा भी कुछ प्यार होते है जिनकी कहानियाँ कभी अधूरी नहीं होती,

चे ग्वेरा क्यूबा का एक क्रांतिकारी जिसे 39 साल की उम्र मे ही खत्म कर दिया गया, जिसने गुरिल्ला युद्धों मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो और अमेरिकी साम्राज्यवादी देशो को धूल चटाया हो, हर रोज जिसे जंगल जंगल अपनी जान की हिफाजत करना पड़ता हो और एक गंभीर विषय पर काम करना हो, उस नौजवान के अंदर कितना प्रेम बचा होगा, यह समझ पाना बेहद कठिन है, लेकिन ऐसे दौर मे भी “चे” एक लड़की से बेइंतहा, बेहिसाब प्यार करते थे और लड़की भी उनसे ऐसे ही प्यार करती थी, लड़की का नाम चिनचिना था जो अर्जेंटीना की रहने वाली थी, कहा जाता है चिनचिना की खूबसूरती पर उस समय बड़े बड़े अमीर लोग मरते थे, लेकिन उसको प्यार चे ग्वेरा से ही हुआ !

चिनचिना बेहद अमीर घर की लड़की थी और चे ग्वेरा मध्यम परिवार से, चे विचारों के धनी थे और वे कई बार उल्टे सीधे कपडे पहनकर चिनचिना के यहाँ पार्टी मे चले जाते, लेकिन चिनचिना चाहती की बाकी लोगों की तरह उनकी सामान्य जिंदगी हो, जिसमे शाम को घर लौट आने के बाद पति से प्यार भरी बातें और परिवार की बातो वाली..
ये चीजें भी सही है लेकिन जब देश की साम्राज्यवादी व्यवस्था मे जीना मुहाल हो तो ऐसे कल्पना करना शायद चे को पसंद न था,

हालांकि चे ग्वेरा पढ़ाई से डॉक्टर थे और गुरिल्ला युद्धों मे जंगलो के निवासी, बहुत सारी किताबें भी पढ़ी थी उन्होंने…

बाद मे क्यूबाई क्रांति के सफल होने के बाद उन्हें क्यूबा मे उद्योग मंत्री का पद भी मिला, साथ ही राष्ट्रीय बैंक के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने यानि एक तरह से कह सकते है की सब चीज मिला जिसकी आवश्यकता इंसान को होती है, लेकिन फिर भी इस क्रांतिकारी का मन नहीं लगा क्योकि वो दूसरे देशो के लोगों को क्रांति के लिए तैयार करने चले गए उन्होंने अपने देश क्यूबा को भी छोड़ दिया,

ऐसी प्रकृति के प्रेमी से चिनचिना को प्रेम था, ये कह सकते है की दो अलग अलग ध्रुवो का मिलन था,

जिसमे एक तरफ चिनचिना और दूसरी तरफ चे ग्वेरा था

चिनचिना चाहती की वे एक स्थायी जीवन जिये जैसे सारे लोग जीते है,

और वही चे चाहते की जंगलो मे निर्वासित होकर आजादी की लड़ाई लड़े..

अंत मे चे प्रस्ताव रखा की पिता की सम्पति छोड़ कर उनके साथ चली आए और फिर दोनों वेनुजुएला चले जायेंगे, जँहा चे के एक दोस्त नके साथ कोढ़ियो की बस्ती मे रहेंगे और उनकी सेवा करेंगे, गुरिल्ला को ही परिवार मानेंगे और जंगलो मे रहेंगे?

लेकिन चिनचिना दर्शनशास्त्र मे नहीं जीती थी, और वो अपनी शर्तो पर अडिग रही.. और अंत मे दोनों एक दूसरे से अलग हो गए, ये प्यार की कहानी एक दूसरे के दिलों मे हमेशा के लिए दबी रह गयी “

ऐसे प्रेम को ये मत समझिए की ये ये अधूरी कहानियाँ है, क्योंकि अधूरी जैसी चीज इस दुनिया मे है ही नहीं, चे और चिनचिना का सफऱ उतना ही था और ये बेहद शानदार सफऱ था, जिसमे चे ने अपने विचारों, लक्ष्यों, को पाने के लिए अपने निजी जीवन के हर इच्छा की क़ीमत चुकाने के लिए तैयार रहे और चुकाए भी..

यकीन मानिये भले ही प्रेम अपने आप मे क्रांति नहीं है लेकिन क्रांति का एक शक्ति है जैसा मार्क्स और जेंनी के सन्दर्भ मे भी देख सकते है..

बहुत सारे ऐसे इतिहास मे चीजें है जिनमे आप देखेंगे की प्रेम और इंक़लाब साथ साथ चले है, और प्रेम कहानियाँ सभी की होती है चाहे वो गरीब हो या अमीर. नायक की भी खलनायक की भी, और जब तक सृष्टि है प्रेम की कहानियाँ अमर रहेंगी !

जन्मदिन मुबारक हो आपको कॉमरेड चे ग्वेरा 💖💐

Faiq Ateeq Kidwai