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एक रुपए में मिल जानें वाली ये गुड़िया कभी हमारे खेल का हिस्सा हुआ करती थी
एक रुपए में मिल जानें वाली ये गुड़िया कभी हमारे खेल का हिस्सा हुआ करती थी अरूणिमा सिंह =============== एक रुपए में मिल जानें वाली ये गुड़िया कभी हमारे खेल का हिस्सा हुआ करती थी। इसके पैरों में सीटी लगी रहती थी जो इसका पेट दबाने पर बजती थी । सीटी तो खैर हम लोग […]
यूँ भी तो कुछ लोग गुज़ारा करते हैं…..समीक्षा सिंह की रचनायें पढ़िये!
Samiksha Singh =========== अगर हम मुहब्बत का अंजाम लिखते तो’ हर हर्फ़ में दर्द का नाम लिखते वफ़ा की ज़रूरत कहाँ अब किसी को यही सिर्फ दुनियाँ में बदनाम लिखते ख़ता – ए – खुदाई भला छोड़ दें क्यों रहा सब खुदा का ही इलज़ाम लिखते कभी भी, किसी से, न करना मुहब्बत यही आख़िरी […]
#ज़मीर_की_आवाज़…मैं देख रही हूॅं इन दिनों फिल्मों से वो ज़मीर की आवाज़ नदारद है…मनस्वी अपर्णा
मनस्वी अपर्णा =============== #ज़मीर_की_आवाज़ पुरानी फिल्मों में क़िरदार जब भी किसी ज़हनी उलझन में होता था, तो ठीक उसी की तरह दिखने वाला एक और क़िरदार पर्दे पर दिखाई देता था। जो कहता था “मैं तुम्हारे ज़मीर की आवाज़” हूॅं। और फिर ज़मीर की सलाह सुनकर ही वो क़िरदार अपना फ़ैसला लिया करता था। जो […]