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पापा के चाचा के बेटे के बेटे की शादी थी…
सुनीता करोथवाल =========== पापा के चाचा के बेटे के बेटे की शादी थी पीहर के घर में बस एक दीवार बीच के परले पार वही भाई जिसे गोद खिलाया वही चाचा जिनकी पीठ चढ़ घूमती थी भतीजियाँ वही चाची जिनकी छातियों पर बछड़ी सी मुंह मारती थी वही आँगन जहाँ दूध लस्सी एक बाल्टी से […]
“क्या कोई अंदाज़ा लगा सकता है, पत्नी ने पति से क्या कहां होगा”
कहानी: बदनसीब बाप एक शादीशुदा जोड़ा अपना सेकंड हनीमून मनाने के लिए क्रूज टूर पर गए। इस दौरान वे अपने बच्चों को घर पर ही छोड़ गए थे। बदनसीबी से खराब और बहुत ही तूफानी मौसम के कारण क्रूज शिप डूबने लगी सभी लोगों की तरह वे दोनों भी अपनी जान बचाने के लिए लाइफबोट […]
सूखी लकड़ी, उपले आग को तेज़ करने के लिए चावल के छिलका…अरूणिमा सिंह की क़लम से
अरूणिमा सिंह ============== सुबह सुबह चार-पांच बजे ही गांवों में चिडियों की चहचाहट, गाय भैंसों के रमभाने की आवाज शुरू हो जाती है। घर के बड़े बुजुर्ग जग कर कुल्ला मंजन करके बिस्तर पर बैठ जाते हैं कि चाय बने तो मिले! छोटे बच्चे तो अपनी माँ संग ही उठ जाते हैं। माँ उनका हाथ-मुहँ […]