उत्तर प्रदेश राज्य

सलमा ने अपने तीन मासूम बच्चों को ज़हर दिया, दो बच्चों की मौत, डेढ़ साल की बच्ची की हालत गंभीर!

शामली जनपद में कैराना क्षेत्र के गांव पंजीठ में महिला सलमा ने अपने तीन मासूम बच्चों को जहर दे दिया। इस घटना में दो बच्चों साद (8) और मिस्बाह (4) की मौत हो गई। डेढ़ साल की बच्ची मंतशा की हालत गंभीर बनी हुई है, उसका मेरठ में उपचार चल रहा है।

सीओ अमरदीप मौर्य ने बताया कि बच्चों के पिता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया है। घरेलू कलह में घटना होने की बात कही जा रही है।

जिन बच्चों को नौ माह गर्भ में रखा और पाला पोसा, उनकी मौत पर भी सलमा शांत रही। उसकी आंखों में न आंसू थे और न चेहरे पर कोई शिकन थी। पति से फोन पर हुए झगड़े के बाद उसके ऐसे खौफनाक कदम को लेकर हर कोई सकते में था।

सलमा का पति से आए दिन झगड़ा होता रहता था। मुरसलीन कई-कई दिन में दिल्ली से घर पर आता था। जिसकी वजह से सलमा परेशान रहती थी। बताया गया कि वह डिप्रेशन की दवा भी खा रही थी।

वहीं मंगलवार को भी दिन में उसका पति से फोन पर झगड़ा हुआ था। जिस पर उसने पति को बच्चों को जहर देकर मारने की धमकी भी दी थी। मुरसलीन ने उसकी इस धमकी को हल्के में लिया और फोन काट दिया।

पुलिस हिरासत में जब सलमा से पूछा गया कि बच्चों को जहर क्यों दिया तो बस इतना कहा कि उसने जहर नहीं दिया। बच्चों को उल्टी लग रही थी। चिकित्सक से दवाई मंगाकर दी थी। उसने तो बच्चों को ठीक करने के लिए दवाई दी थी।

सलमा ने मंगलवार शाम ही बच्चों को जहरीला पदार्थ दे दिया था। रातभर बच्चे तड़पते रहे, लेकिन मां का कलेजा नहीं पसीजा। सुबह करीब सात बजे उसने पति को फोन करके बताया कि बच्चों की हालत खराब हो रही है। कुछ देर बाद ही उसके पास मुरसलीन के पिता रहमत अली का भी फोन आया कि बच्चे बेहोश पड़े हैं। जिसके बाद वह दिल्ली से सुबह 10 बजे गांव आया। तब तक साद की मौत हो चुकी थी, जबकि उसका तहेरा भाई नौशाद मिस्बाह व मंतशा को मेरठ अस्पताल लेकर गया हुआ था। कुछ देर बाद ही रास्ते से नौशाद ने फोन करके बताया कि मिस्बाह की भी मौत हो गई।

मुरसलीन के पड़ोसियों ने बताया कि मंगलवार शाम गली में चूहे मारने का जहर बेचने वाला आया था। सलमा ने भी चूहे मारने की दवाई खरीदी थी। अगर उन्हें इस बात का जरा भी अहसास होता कि यह दवाई बच्चों को पिला देगी तो वह हरगिज दवाई खरीदने नहीं देते।

मुरसलीन की 2011 में मुजफ्फरनगर के गांव सरवट निवासी सलमा के साथ शादी हुई थी। सलमा के करीब डेढ़ साल पहले जुड़वां बच्चे हुए थे। जिनमें एक लड़की मंतशा थी और लड़का मूसा है। जुड़वां बच्चों की देखभाल ठीक ढंग से हो जाए इसके लिए मूसा का ननिहाल में गांव सरवट में पालन पोषण किया जा रहा था। जिससे मूसा की जान बच गई। जबकि मुरसलीन की बड़ी बेटी नौ वर्षीय जैनब ने बताया कि उसकी मां उसे भी दूध में कुछ पाउडर जैसा मिलाकर दिया था। उसने दूध नहीं पिया और मदरसे में पढ़ने चली गई।

पुलिस को मौके पर एक पानी भरा स्टील का जग रखा मिला। जग के पानी में सफेद पाउडर मिला हुआ दिखाई दे रहा था। इसके अलावा कुछ कपड़े भी थे। जिनसे बच्चों की उल्टी साफ की गई थी। पानी के जग व कपड़ों को जांच के लिए कब्जे में ले लिया गया है।

चार साल पहले झगड़े में फ्रीज में लगा दी थी आग
मुरसलीन ने बताया कि सलमा आए दिन उससे झगड़ा करती थी। करीब चार साल पहले भी झगड़े के बाद उसने फ्रीज में आग लगा दी थी। लड़ाई के बाद वह अपने मायके चली जाती थी। लेकिन इतनी बड़ी घटना को वह अंजाम दे देगी इसका जरा भी अंदाजा नहीं था।