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चार लोग क्या कहेंगे????
चार लोग क्या कहेंगे मैंने देखा है अपने घर को पिसते हुए, कितनी अपनी सहेलियों को हर दिन रिसते हुए, कितने अरमानों को घुटते हुए। कि अगर मुस्सल पूरा कर दें, अगर पिट रहे हैं तो बगावत कर दें, पर फिर सोचते हैं— ये चार लोग क्या कहेंगे। “मत आ बेटी घर से, सह हर […]
बड़ी बुआ सांप, छोटी बुआ बिच्छू
सुमति की विदाई कर थका हुआ घर. अम्मा ख़ूब रोने के कारण भारी हो गए फटे सुर में कहती जा रही हैं, “सास-ननदें घाघ होती हैं. उनकी चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर सुमति कहीं उन लोगों को अपनी साड़ियां न दे दे. बुढ़िया (अम्मा की सास) ने मेरी पेटी खाली करा ली थी. बहुत समझाया है […]
“साहब! जंगल में शेर न होने के कारण ये चिंता मुक्त हो गए हैं इसलिये यह कुरूप हो गए हैं!
Ale Hasan Khan · ================ लघुकथा – चिंता लेखक- आले हसन खां अचानक वह बेंच से उठा और मेरे हाथों को चूमने लगा, तो वहां पर उपस्थिति सभी अचरज से उसे देखने लगे । “आपने मेरी जान बचा ली साब !” कहकर वह अपनी नम आंखें गर्दन में पड़े अंगोछे से पोंछने लगा, तो मैंने […]