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कारवाँ गुज़र गया ग़ुबार देखते रहे….”गोपालदास नीरज”
स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से लुट गए सिंगार सभी बाग़ के बबूल से और हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे कारवाँ गुज़र गया ग़ुबार देखते रहे नींद भी खुली न थी कि हाए धूप ढल गई पाँव जब तलक उठे कि ज़िंदगी फिसल गई पात-पात झड़ गए कि शाख़-शाख़ जल गई चाह तो […]
थोड़ी शर्म करो जी……..आपकी इज़्ज़त आपके हाथ है!
Tajinder Singh ============ थोड़ी शर्म करो जी………संडे स्पेशल कहते हैं… किसी के घर की साफ़ सफाई के बारे में जानना हो तो उसका वाशरूम देखिये। और किसी के दिल को देखना हो तो उसके घर के बर्तनों और खिलाने के अंदाज को देखिये। अपने घर के पुराने बर्तनों को देख कर अक्सर मुझे बहुत हैरानी […]
हमें मर्यादा सिखाने वालो तुम अपनी मर्यादा क्यों भूल जाते हो….!!लक्ष्मी सिन्हा लेख!!
Laxmi Sinha ============ यहा किसी से भी उम्मीदें वफा मत कर….!! ए मेरे दिल….!! समझ ले के ये दौर पत्थरों का है….!! एक स्त्री के योनि से जन्म लेने के बाद उसके वक्षस्थल से निकले दूध से अपनी भूख, प्यास मिटाने वाला इंसान बड़ा होते औरतों से इन्ही दो अंको की चाहत रखता है, और […]