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सब्रा व शतीला का जनसंहार, ख़ास रिपोर्ट

सब्रा और शतीला जनसंहार, ज़ायोनी शासन की आतंकी मशीन और संगठित व लक्षित अपराधों का सिर्फ़ एक उदाहरण है जिसका पश्चिम, विशेष रूप से अमेरिका समर्थन करता है।

16 सितम्बर, 1982 को ज़ायोनी शासन ने जिसने लेबनान की राजधानी बैरूत पर क़ब्ज़ा कर रखा था, दो फ़िलिस्तीनी शिवरों सब्रा और शतीला में 20वीं सदी के सबसे ख़ूनी और क्रूर नरसंहारों में से एक को अंजाम दिया।

सब्रा और शतीला में रहने वाले फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार में जो तीन दिनों यानी 16, 17, 18 सितम्बर तक चला और जिसका नेतृत्व उस समय ज़ायोनी के प्रधान मंत्री एरियल शेरोन ने किया, सब्रा के तीन हज़ार से अधिक निवासियों को शहीद कर दिया।

सब्रा और शतीला के शिविरों में शहीद होने वालों में महिलाएं, बच्चे और बुज़ुर्ग लोग शामिल थे। उस समय सब्रा और शतीला शिविरों के कुल 20 हज़ार निवासियों में से 3500 से 5000 लोगों को शहीद कर दिया गया था।

सब्रा और शतीला का अपराध उन फिलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ बदले की कार्यवाही थी जो तीन महीने की घेराबंदी के दौरान ज़ायोनी शासन की युद्धोन्मादी नीति के ख़िलाफ खड़े हुए थे।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ताओं के बैरूत छोड़ने के बाद फिलिस्तीनी शिविरों के बेघर निवासियों का समर्थन करने की गारंटी दी थी लेकिन यह गैरंटियां देने वाले देशों ने अपने वादों और प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया और इन शिविरों के निर्दोष निवासियों को हमलावरों के अपराधों के खिलाफ अकेला छोड़ दिया।

महत्वपूर्ण बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा की परिषद ने सब्रा और शतीला में जो कुछ हुआ उसे फ़िलिस्तीनियों का नरसंहार कहा लेकिन उसने केवल इस अपराध की निंदा को ही पर्याप्त समझा।

हालांकि सुरक्षा परिषद ने ज़ायोनी शासन से लेबनान की निर्धारित सीमाओं पर बिना शर्त अपनी सेनाएं वापस बुलाने के लिए कहा लेकिन इस शासन ने असहाय फ़िलिस्तीनियों का जनसंहार जारी रखा।

इस अपराध के 41 साल बाद, ज़ायोनी शासन ने फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ अपने लक्षित और नियोजित अपराध को जारी रखा है लेकिन सुरक्षा परिषद और पश्चिमी दावेदार शक्तियां मौखिक रूप से भी इसकी निंदा तक नहीं करती हैं।

ज़ायोनी सैनिकों द्वारा सब्रा और शतीला के जनसंहार की बरसी पर ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने इस नरसंहार को ज़ायोनी शासन और उसके समर्थकों के माथे से कभी न मिटने वाला वाला अपमान का धब्बा बताया।