राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से सपा की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। रविवार को पार्टी के एक और राष्ट्रीय महासचिव सलीम शेरवानी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि वह राज्यसभा टिकट न मिलने से नाराज थे।
अपने इस्तीफे को लेकर अखिलेश यादव को लिखे गए पत्र में उन्होंने मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाया और कहा कि सपा मुसलमानों का भरोसा खो रही है।
सलीम ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा है कि पार्टी में मुसलमानों की उपेक्षा से परेशान होकर महासचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं. जल्द ही भविष्य को लेकर फैसला लूंगा।
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उन्होंने कहा कि मुसलमान लगातार उपेक्षित महसूस कर रहा है राज्यसभा के चुनाव में भी किसी मुसलमान को नहीं भेजा गया। बेशक मेरे नाम पर विचार नहीं होता लेकिन किसी मुसलमान को भी यह सीट मिलनी चाहिए थी। मुसलमान एक सच्चे रहनुमा की तलाश में हैं। मुझे लगता है सपा में रहते हुए मैं मुसलमान की हालत में बहुत परिवर्तन नहीं ला सकता।
सलीम शेरवानी ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से अपने पीडीए का नाम लिया लेकिन राज्यसभा में उम्मीदवारों की लिस्ट को देखकर लगता है कि आप खुद ही पीडीए को कोई महत्व नहीं देते।
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Surya Samajwadi
@surya_samajwadi
सलीम शेरवानी ने राज्यसभा सीट न मिलने पर अखिलेश जी पर मुस्लिमो की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए महासचिव पद से स्टीफा दे दिया जबकि आजम खान साहब के कहने पर ही कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजा गया है ।
पल्लवी पटेल ने राज्यसभा सीट न मिलने पर अखिलेश जी पर मुस्लिमो की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी का समर्थन न करने के लिए कह दिया जबकि अखिलेश जी के कारण ही पल्लवी पटेल को चार लोग जानने लगे ।
स्वामी प्रसाद मौर्य जी को बदायू की लोकसभा सीट न मिलने पर अखिलेश जी पर उनकी बात न सुनने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के महासचिव पद से स्तीफा दे दिया जबकि अखिलेश जी ने स्वामी जी को एमएलसी बनाया है ।
ये सारे नेता स्वार्थ सिद्ध के लिए पार्टी छोड़ रहे है या सच में अखिलेश जी में कुछ गड़बड़ी है ?