Related Articles
कुछ दोहे….कौन किसी को दे सका, पल भर को आराम, सबकी अपनी जिंदगी, सबके अपने काम!
चित्र गुप्त =============== कुछ दोहे ******** चिंता बोली चिता से, मैं जंगल तू रेह तू मुर्दे को बारती, मैं जिंदे की देह सपने डिजिटल इंडिया, के देकर सरकार कटवा देगी एक दिन इंटरनेट के तार। इक पलड़े में दुःख सभी, तह से कर दो सेट फिर भी भारी ही लगी, मोबाइल बिन नेट चित्रगुप्त कारण […]
एक दिन वो चोर, चोरी करते हुए पकड़ा गया, फ़िर उसे…
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============ एक बार की बात है। एक प्रदेश में एक नामी चोर रहता था। एक दिन वो चोर चोरी करते हुए पकड़ा गया। फ़िर उसे राजा के सामने पेश किया गया। राजा ने कहा कि तुम्हें जीने का कोई हक नहीं औऱ भरे दरबार में उसे सजा ए मौत सुनाई गई। चोर […]
ज़िन्दगी और मौत के तीन क़िस्से!…. उसे इतना सदमा लगा कि वह फिर से मर गया!!
Kavita Krishnapallavi ===================== · ज़िन्दगी और मौत के तीन किस्से (ज़िन्दगी और मौत के इन तीन किस्सों में से भी एक किस्सा एक प्रोफेसर साहब का है! दूसरा एक प्रसिद्ध लेखक-पत्रकार का है और तीसरा गाँव के एक कटु सत्यवादी मुँहफट सयाने का! गाँव के मुँहफट और लेखक-पत्रकार वाले किस्सों में तो सच की बुनियाद […]