दुनिया

सत्ता में बने रहने की नेतन्याहू की ज़िद, नेतन्याहू प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं हैं : रिपोर्ट

अवैध अधिकृत क्षेत्रों के राजनीतिक माहौल में नेतन्याहू और उनके प्रतिद्वंद्वियों के बयान और व्यवहार, अतीत की तुलना में अधिक ख़तरनाक परिणाम सामने आ रहे हैं।

इस्राईल का राजनीतिक परिदृश्य, पिछले 4 वर्षों के दौरान एक गंभीर विभाजन का साक्षी रहा है। अवैध अधिकृत क्षेत्रों के राजनीतिक माहौल में इस टकराव का फ़ोकस, बिनयामीन नेतन्याहू को प्रधान मंत्री पद से हटाना था।

नेतन्याहू 2009 से 2021 तक लगातार 12 साल तक सत्ता में रहे। इन वर्षों में कई लोगों ने कैबिनेट बनाने के लिए नेतन्याहू के साथ गठबंधन किया लेकिन नेतन्याहू की विस्तारपूर्ण नीतियों और राजनैतिक मतभेदों की वजह से इस गठबंधन से अलग हो गए और नए दलों की स्थापना कर डाली।

नई पार्टियों वाले ये लोग लगातार संसदीय चुनावों में लिकुड पार्टी और बिनयामीन नेतन्याहू की पार्टी से मुकाबला करते रहते हैं।

इस स्थिति का यह परिणाम निकला कि राजनीतिक माहौल में एक द्विध्रुवीयता का गठन हुआ जिसके एक तरफ बिनयामीन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली लिकुड पार्टी थी, और दूसरी तरफ नेतन्याहू के कई प्रतिद्वंद्वी, जिन्होंने एक गठबंधन भी बनाया था। 2021 में सत्ता हासिल करने और नेतन्याहू को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए उन्होंने एक विरोधाभासी और अलग तरह का कैबिनेट गठन किया जो केवल एक वर्ष तक चला।

पिछले 100 दिनों में आने वाले राजनीतिक बयानों और राजनीतिक व्यवहारों को देखने से पता चलता है कि इस्राईल का राजनीतिक माहौल एक बार फिर से नेतन्याहू और प्रतिद्वंद्वियों के बीच प्रतिस्पर्धा में तेज़ी का साक्षी रहा है जो एक ही मोर्चे पर हैं। नेतन्याहू की वर्तमान कैबिनेट को जारी रखने और सत्ता में बने रहने की ज़िद, एक बार फिर इस संघर्ष की मुख्य धुरी रही है।

नेतन्याहू के विरोधियों ने उनके चरमपंथी मंत्रिमंडल द्वारा न्यायिक व्यवस्था को कमज़ोर करने के लिए किए गए उपायों के साथ जातिवाद और उग्रवाद का स्पष्ट उदाहरण देने वाले कार्यों के कारण इस कैबिनेट पर दबाव बढ़ा दिया।

इस संबंध में हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री यईर लापिद और वर्तमान प्रधानमंत्री बिनयामीन नेतन्याहू की मुलाकात हुई थी और इस मुलाकात के बाद लापिद ने कैबिनेट पर कड़ा हमला करते हुए लिखा था कि एक कैबिनेट जिस पर कोई भरोसा नहीं करता है। एक युद्धमंत्री अज्ञात स्थिति का सच बयान करने की वजह से पद से हाथ धो बैठा।

ज़ायोनी शासन के पूर्व विदेश मंत्री एविगडोर लिबरमैन ने भी कहा कि नेतन्याहू के शब्दों और व्यवहार से पता चलता है कि वह प्रधान मंत्री पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं हैं।

ये बयान, अवैध अधिकृत इलाकों में तनाव और राजनीतिक गतिरोध के दुष्चक्र के संकेत दे रहे हैं, इस दुष्चक्र का परिणाम न केवल नेतन्याहू की कैबिनेट का पतन है, बल्कि एक अधिक खतरनाक राजनीतिक संकट भी है, एक ऐसा संकट जो कई आंतरिक विभाजनों को बढ़ा सकता है यहां तक ​​कि शासन के पतन का कारण भी बन सकता है।