नई दिल्ली: सऊदी अरब मुसलमानों के लिये सबसे बड़ी आस्था का केंद्र है,जिससे पूरी दुनिया के मुसलमानों की आस्था और श्रद्धा जुड़ी हुई है,दुनिया के हर कोने से मुसलमान सऊदी अरब में स्थित बैतुल्लाह की तरफ रुख करके नमाज़ पढ़ता है,इसके अलावा अंतिम सन्देष्टा हज़रत मोहम्मद सल्ललाहु अलैय्ही व्सल्लम का शहर और नबी पाक की आरामगाह है।
लेकिन मुसलमानों की तमाम आस्थाओं और भावनाओं से खिलवाड़ सऊदी रजकुमार मोहम्मद बिन सलमान कर रहे हैं,उनके राजनीतिक फैसलों और सऊदी अरब में बदलाव से बड़ी बेचैनी पाई जारही है,लेकिन उनके इस अमेरिकी दौरे पर फिलिस्तीन के खिलाफ इज़ारयल के समर्थन में दिये गए बयान नें मुस्लमानों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।
Delighted to join the 43rd President and Jim Baker in welcoming the Saudi Crown Prince His Royal Highness Prince Mohammed bin Salman and His Royal Highness Prince Khalid bin Salman to Texas. A wonderful chance to celebrate the long-standing friendship between our two nations. pic.twitter.com/282LAJqWpO
— George Bush (@GeorgeHWBush) April 7, 2018
तथा इस अमेरकी दौरे राजकुमार बिन सलमान ने लाखों मुसलमानों के क़ातिल जॉर्ज डब्ल्यू बुश और उनके पिता एच डब्लू बुश सेे पूरे डेलीगेशन के साथ मुलाकात करी जिसके बाद पूरी दुनिया के मुसलमानों में बैचेनी फैल गई ,जिसके बाद सऊदी मीडिया ने इस मुलाकात का इनकार किया तो बुश के ट्वीटर अकाउंट पर इस मुलाकात की तस्वीर अपलोड की गई तो सच सामने आगया।
سمو سيدي #ولي_العهد الأمير #محمد_بن_سلمان يزور رئيسي أمريكا الأسبقين جورج بوش الأب وجورج بوش الأبن، ووزير الخارجية الأمريكي الأسبق جيمس بيكر.#ولي_العهد_في_هيوستن #CrownPrinceinHOUSTON pic.twitter.com/nxIxpyvyNV
— بندر الجلعود (@Bandaralgaloud) April 7, 2018
जॉर्ज डब्ल्यू बुश और एच डब्लूय बुश को मुसलमानों का सबसे बड़ा क़ातिल समझा जाता है,जिसके कारण कई मुस्लिम राष्ट्रों का वजूद खत्म हुआ है,इराक़ और अफगानिस्तान में इन बाप बेटों के शासनकाल में मुसलमानों के लहुँ को बरसात के पानी की तरह बहाया गया है।
राज कुमार बिन सलमान के इन दिनों से मुलाक़ात करने पर तरह तरह के सवाल खड़े होरहे हैं तो वहीं जॉर्ज बुश ने इस मुलाकात को अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्तों को मज़बूत करने वाली बताया है।