ख़ास बातें
सऊदी के क्राउन प्रिंस के एक संबंधी का धमकी भरा वीडियो वायरल
अमेरिका और सऊदी अरब की 80 साल की साझेदारी ख़तरे में
सऊदी के नेतृत्व वाले ओपेक प्लस देशों के फ़ैसले से नाराज़ हैं बाइडन
सऊदी क्राउन प्रिंस का झुकने से इनकार
सऊदी के रुख़ से अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के फ़ायदा होने की बात
बर्नी सैंडर्स ने सऊदी के ख़िलाफ़ सख़्त क़दम उठाने की मांग की है
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के चचेरे भाई साऊद अल-शालन का एक वीडियो वायरल हो रहा है.
इस वीडियो में साऊद अल-शालन पश्चिमी देशों के ख़िलाफ़ हिंसक धमकी दे रहे हैं. हाल के दिनों में अमेरिका ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस के तेल कटौती के फ़ैसले को लेकर तीखी नाराज़गी जताई थी.
अमेरिका के भीतर कहा जा रहा है कि सऊदी अरब को इस बार माफ़ नहीं करना चाहिए और उसके ख़िलाफ़ कठोर फ़ैसले लेने का वक़्त आ गया है.
इसी की प्रतिक्रिया में साऊद अल-शालन वीडियो में अंग्रेज़ी और फ्रेंच भाषा में पश्चिम को धमकाते हुए कह रहे हैं, ”किसी ने सऊदी किंगडम के अस्तित्व को चुनौती दी तो हम सभी बलिदान और जिहाद के लिए तैयार हैं.” शालन का यह वीडियो तेज़ी से सोशल मीडया पर वायरल हो रहा है.
मिडल ईस्ट आई से सऊदी अरब के मानवाधिकार वकील अब्दुल्लाह अलाउध ने कहा कि साऊद अल-शालन एक क़बिलाई नेता हैं और वह सऊदी अरब के संस्थापक रहे किंग अब्दुल अज़ीज़ के पोते हैं.
Middle East Eye
@MiddleEastEye
·
A video on social media shows a Saudi prince, Saud al-Shaalan, commenting on the West’s backlash against the Opec+ output cut announced last week and what he described as a “challenge to the existence of the kingdom”.
अमेरिका और सऊदी अरब की साझेदारी संकट में
15 नवंबर से इंडोनेशिया में जी-20 देशों का समिट होने जा रहा है. इस समूह में दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश हैं. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी पहुँचेंगे और सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी.
रविवार को बाइडन प्रशासन की ओर से साफ़ कर दिया गया है कि जी-20 समिट में राष्ट्रपति बाइडन की क्राउन प्रिंस से मुलाक़ात की कोई योजना नहीं है. सीएनएन से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा है कि मुलाक़ात की कोई योजना नहीं है. व्हाइट हाउस का कहना है कि ओपेक प्लस का फ़ैसला रूस के हित में है.
सऊदी अरब और अमेरिका के बीच का संबंध हाल के दिनों में सबसे बदतर स्थिति में पहुँच चुका है. कहा जा रहा है कि दोनों देशों के बीच पिछले 80 साल की साझेदारी बहुत ही बुरे दौर से गुज़र रही है.
Ken Klippenstein
@kenklippenstein
·
Saudi Prince Saud al-Shaalan, close relative of MBS, said this following Democrats’ criticism of their oil price hike: “Anybody that challenges the existence of this country and this kingdom, all of us we are projects of jihad and martyrdom
सऊदी अरब के नेतृत्व वाले तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस ने तेल के उत्पादन में कटौती का फ़ैसला किया था. इस फ़ैसले से अमेरिका चिढ़ा हुआ है.
तेल उत्पादन में कटौती के फ़ैसले से क़ीमतें और बढ़ेंगी. यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण तेल की क़ीमतों में पहले से ही आग लगी है. अमेरिका ने सऊदी अरब को बहुत समझाने की कोशिश की थी कि वह तेल उत्पादन में कटौती ना करे. यहाँ तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने तमाम विपरीत स्थितियों को नकारते हुए इसी साल जुलाई महीने में सऊदी अरब का दौरा किया था. लेकिन दोनों देश एक दूसरे का पक्ष समझने में नाकाम रहे हैं.
तेल उत्पादन में ओपेक प्लस की कटौती के फ़ैसले को यूक्रेन युद्ध के आईने में देखा जा रहा है. ओपेक प्लस में रूस भी है. अमेरिका को लग रहा है कि सऊदी अरब ने धोखा दिया है. रूस ने यूरोप में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बंद कर दी है और सर्दी दस्तक दे चुकी है. अमेरिका को लग रहा था कि सऊदी अरब तेल की क़ीमत नहीं बढ़ने देगा. अमेरिका ने यूएई के ज़रिए भी सऊदी अरब से आग्रह किया था कि वह तेल उत्पादन में कटौती के फ़ैसले को टाल दे.\
सऊदी अरब रूस के साथ?
अमेरिका को लग रहा है कि सऊदी अरब रूस के साथ है. तेल उत्पादन में कटौती के फ़ैसले से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की क़ीमतें बढ़ेंगी और इससे रूस की अर्थव्यवस्था को फ़ायदा होगा. दूसरी तरफ़ अमेरिका और यूरोप के देश रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन पर हमले के मामले में कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं ताकि उसकी अर्थव्यवस्था को कमज़ोर किया जा सके.
सऊदी अरब का मुद्दा अमेरिका की घरेलू राजनीति में भी छाया हुआ है. अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पहले से ही सऊदी अरब को लेकर नाकारात्मक राय रखते हैं. 2019 में जो बाइडन ने राष्ट्रपति चुनाव के अभियान में सऊदी अरब को अलग-थलग करने की घोषणा की थी. अब अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स नेता सऊदी अरब को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं.
The Saudi Arabian regime treats women as third-class citizens, tortures civilians, and now is siding with Putin in the war against Ukraine. Yes, we must pull US troops out of Saudi Arabia, stop selling them weapons, and end its price-fixing oil cartel. pic.twitter.com/7N7V0XaiNI
— Bernie Sanders (@SenSanders) October 16, 2022