नई दिल्ली: अमेरिका में सऊदी अरब के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जारहा है,क्योंकि लोगों का मानना है कि तुर्की में स्थित सऊदी एम्बेसी से लापता पत्रकार की हत्या करदी गई है,जिसके कारण आक्रोश फैला हुआ है और लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
अमेरिका के कई सांसदों को आशंका है कि सऊदी अरब के लापता पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर दी गई है. साथ ही यह भी कि इस हत्या में सऊदी अरब के सत्ता संस्थान की भूमिका है. इसी आशंका के आधार पर 40 से अधिक अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मांग की है कि सऊदी अरब पर तुरंत आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं. उसे दी जा रही सैन्य सहायता भी रोक दी जाए।
ख़बरों के मुताबिक इन सांसदों ने अपनी मांग के संबंध में राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखा है. डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद जिम मैकगोर्न ने शुक्रवार को कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में एक बिल भी पेश किया है. इसके मुताबिक सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री तब तक नहीं की जा सकेगी जब तक अमेरिकी विदेश मंत्री ये पुष्टि न कर दें कि जमाल खशोगी की हत्या में सऊदी अरब की सरकार का हाथ नहीं है. अमेरिका की दोनों प्रमुख (रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक) पार्टियों- के आठ सांसद यह बिल पेश करने वालों में शामिल हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी गुरुवार को जारी बयान में कहा था कि उन्हें ‘यकीनन ऐसा लगता है कि जमाल खशोगी अब जीवित नहीं हैं. यदि इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि खशोगी जीवित नहीं है, उनकी हत्या कर दी गई है तो सऊदी अरब को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.’ इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में भी ट्रंप ने कहा था, ‘कोई चमत्कार ही होगा, यदि खशोगी जीवित हुए तो.’
बता दें कि जमाल खशोगी बीती दो अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में जाने के बाद लापता हो गए थे. तुर्की के अधिकारियों को आशंका है कि सऊदी अरब ने उनका अपहरण कर उनकी हत्या कर दी है. वहीं, सऊदी अरब का कहना है कि खशोगी वाणिज्य दूतावास से सुरक्षित निकल गए थे और उनकी हत्या के आरोप निराधार हैं।