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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रफ़ाह में हुए इसराइली हवाई हमले पर आपातकालीन बैठक बुलाई, इस्लामिक देशों की प्रतिक्रिया : ख़ास रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रफ़ाह में हुए इसराइली हवाई हमले पर चर्चा के लिए मंगलवार को आपातकालीन बैठक बुलाई है.

इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इस हमले को ‘दुखद हादसा’ बताया है लेकिन इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से विरोध बढ़ता जा रहा है.

अल्ज़ीरिया ने सुरक्षा परिषद की ये बैठक बुलाई है. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनी गुटेरेस ने भी रफ़ाह पर हुए हमले की निंदा की थी.

उन्होंने कहा कि यहां परिस्थितियां भयावह है और इसे रोकना होगा. उन्होंने कहा कि ग़ज़ा में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है.

हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, रविवार को इसराइल ने रफ़ाह में शरणार्थी कैंप पर हमला किया, जिसमें कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई थी.

स्पेन ने फ़लस्तीन को आधिकारिक तौर पर राष्ट्र का दर्जा दिया

स्पेन ने फ़लस्तीन को आधिकारिक तौर पर राष्ट्र का दर्जा दे दिया है. स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने इसकी घोषणा की.

इस फैसले के साथ स्पेन उन 140 देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने फ़लस्तीन को पहले ही राष्ट्र का दर्जा दे रखा है.

स्पेन के पीएम पेद्रो सांचेज ने कहा, ”इस फैसले का एकमात्र मक़सद इसराइल और फ़लस्तीन के बीच शांति की कोशिशों में योगदान देना है.”

”फ़लस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देना ना सिर्फ इतिहास के साथ न्याय का विषय है, बल्कि यह समय की ज़रूरत भी है. शांति का समाधान निकालने का यह एकमात्र तरीका है.”

पेद्रो सांचेज ने कहा, ”स्पेन ने वही फैसला किया है जो कि एक महान राष्ट्र के तौर पर स्पेन को करना चाहिए.”

22 मई को स्पेन के अलावा नॉर्वे और आयरलैंड ने फ़लस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने का एलान किया था.

माना जा रहा है कि इस एलान से यूरोप के दूसरे देशों पर भी दबाव बढ़ेगा कि फ़लस्तीनियों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करें.

इन देशों में ब्रिटेन, फ़्रांस, जर्मनी भी शामिल हैं.

 

रफ़ाह में इसराइल के सैन्य अभियान को चीन ने ‘गंभीर चिंता का विषय’ बताया

ग़ज़ा के रफ़ाह में इसराइल के सैन्य अभियान को चीन ने ‘गंभीर चिंता का विषय’ बताया है.

चीन ने इसराइल से रफ़ाह में हमले रोकने की अपील की है.

रविवार को इसराइल ने रफ़ाह में विस्थापित फ़लस्तीनियों के कैंप पर हवाई हमला किया. इस हमले में 45 फ़लस्तीनियों की मौत हो गई.

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक़ चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ”रफ़ाह में इसराइल का सैन्य अभियान गंभीर चिंता का विषय है.”

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनी गुटेरेस ने भी कहा, ”हमले से उन मासूमों की जान गई है जो सिर्फ बचने के लिए ठिकाना तलाश रहे थे.”

अमरेका ने भी रफ़ाह में किए गए हमले को दर्दनाक बताया है. लेकिन अमेरिका ने यह भी कहा है कि इसराइल के पास अपनी सुरक्षा करने का अधिकार है.

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने भी रविवार को रफ़ाह में किए हमले को दुखद दुर्घटना बताया है.

हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ सात अक्टूबर के बाद से इसराइल के हमलों से 35 हज़ार से ज्यादा फ़लस्तीनियों की मौत हो चुकी है.

रफ़ाह में इसराइली हमले के बाद ब्रसेल्स में सऊदी अरब और नॉर्वे के विदेश मंत्री मिले

 

रफ़ाह में इसराइली हमले के बाद सऊदी अरब और नॉर्वे के विदेश मंत्रियों ने बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में बैठक की.

इस दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने चर्चा की कि कैसे ग़ज़ा में युद्ध को तुरंत रोकने की ज़रूरत है और दो राष्ट्र समाधान तक पहुंचने के लिए बाक़ी देशों की ओर से क्या व्यावहारिक क़दम उठाए जा सकते हैं.

बैठक में सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फ़ैसल बिन फ़रहान अल-सऊद और नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईड के साथ ही अल्ज़ीरिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, मिस्र, फ़िनलैंड, फ़्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इटली, लातिविया, लिथुआनिया, माल्टा, नीदरलैंड्स, क़तर, ओआईसी, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया.

बैठक में रफ़ाह में हमले रोकने सहित तत्काल संघर्षविराम लागू करने और बंधकों की रिहाई के साथ ही ग़ज़ा में जंग ख़त्म करने पर ज़ोर दिया गया.

दोनों देशों ने ग़ज़ा में उपजे मानवीय संकट पर भी चिंता ज़ाहिर की और वेस्ट बैंक में अवैध कार्रवाई को बंद करने पर भी बात की.

रविवार देर शाम इसराइली सेना ने ग़ज़ा पट्टी के दक्षिणी शहर रफ़ाह में विस्थापित फ़लस्तीनियों के कैंप पर हवाई हमला किया था. हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 45 फ़लस्तीनी मारे गए.

इस हमले के बाद ही सऊदी अरब और नॉर्वे के विदेश मंत्रियों की ये मुलाक़ात हुई है. नॉर्वे आज से ही फ़लस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने जा रहा है.

बैठक में द्वि-राष्ट्र समाधान को अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के तहत लागू करने को मज़बूत समर्थन देने की भी बात कही. साथ ही ये कहा गया कि इस समाधान की शर्तों पर हर पक्ष सहमत होना चाहिए. इस दौरान नॉर्वे, स्पेन और आयरलैंड की ओर से फ़लस्तीन को देश मानने के फ़ैसले का स्वागत भी किया गया.

दो-राष्ट्र सिद्धांत के तहत वेस्ट बैंक, गज़ा पट्टी और पूर्वी यरुशलम में वर्ष 1967 की संघर्षविराम रेखा से पहले के क्षेत्र में एक स्वतंत्र फ़लस्तीनी राष्ट्र का निर्माण होना है जिसे इसराइल के साथ शांति से रहना होगा.

रफ़ाह में इसराइली बमबारी पर इस्लामिक देशों के संगठन ने दी ये प्रतिक्रिया

रफ़ाह में इसराइली हवाई हमले की इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने कड़ी निंदा की है और इसे फ़लस्तीनी नागरिकों के ख़िलाफ़ इसराइली बलों की जघन्य जनसंहार वाली कार्रवाई बताया है.

इस हमले में कम से कम 45 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए हैं. इनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे.

ओआईसी (ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन) ने इसराइल के इस हमले को “युद्ध अपराध, मानवता के ख़िलाफ़ अपराध और राज्य प्रायोजित आतंकवाद” बताया है. ओआईसी ने कहा है कि इस हमले के अपराधियों की अंतरराष्ट्रीय आपराधिक क़ानून के तहत ज़िम्मेदारी तय की जानी चाहिए और उनपर कार्रवाई होनी चाहिए.

ओआईसी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, ख़ासतौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि वह इसराइली सेना की रफ़ाह में आक्रामकता को तुरंत रोकने वाले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेशों को लागू करने में अपनी ज़िम्मेदारी निभाए.

रविवार देर शाम इसराइली सेना ने ग़ज़ा पट्टी के दक्षिणी शहर रफ़ाह में विस्थापित फ़लस्तीनियों के कैंप पर हवाई हमला किया था. हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 45 फ़लस्तीनी मारे गए.