उत्तर प्रदेश राज्य

संभल : समाजवादी पार्टी के सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क़ से तीन घंटे एसआईटी ने पूछताछ की!

संवाद न्यूज एजेंसी, संभल .समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क से मंगलवार को नखासा थाने में करीब तीन घंटे एसआईटी ने पूछताछ की। करीब 100 सवालों का सामना सांसद को करना पड़ा। पूछताछ के लिए जब सांसद पहुंचे थे तो उनके चेहरे पर तनाव दिख रहा था लेकिन जब वह थाने से बाहर निकले तो मुस्कुरा रहे थे। मीडिया से बातचीत करते हुए सांसद ने कहा कि अभी जांच लंबित है। जो सवाल पुलिस ने पूछे हैं वह उनका जवाब दे आए हैं। असमोली सीओ व एसआईटी के अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेशानुसार सांसद से पूछताछ की गई है। जांच अभी चल रही है। यदि जांच में सहयोग के लिए सांसद की जरूरत होगी तो उन्हें फिर से बुलाया जाएगा। सांसद से पूछताछ के दौरान थाने में सांसद के साथ पहुंचे कई अधिवक्ता भी जमे रहे।

तीन घंटे में पूछे गए 100 सवाल
सांसद मंगलवार की सुबह करीब 11.15 बजे थाने पहुंच गए थे। एसएचओ के कार्यालय में वह जाकर बैठ गए। इसके बाद करीब 11.30 बजे एसआईटी की टीम सीओ के नेतृत्व में सांसद के सामने पहुंची। दोपहर 2.30 बजे तक एसआईटी की टीम ने इन तीन घंटे के दौरान करीब 100 सवाल सांसद से पूछे गए। सूत्रों का कहना है कि 22 नवंबर को दिए भाषण, 23 नवंबर की देर रात फोन पर की गई बात और 24 नवंबर को हुए बवाल से जुड़े सवाल पूछे गए हैं। एसआईटी ने यह सवाल बार-बार पूछा। सभी का जवाब सांसद ने दिया है। जिन्हें एसआईटी ने दर्ज किया है।

भड़काऊ भाषण देने और बवाल की साजिश करने का है सांसद पर आरोप
सपा सांसद पर 22 नवंबर को जुमा नमाज के बाद भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इसके के बाद 23 नवंबर की देररात भीड़ एकत्र करने के लिए कहने का भी आरोप है। सर्वे नहीं करने देने की बात भी जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली के बयान में एसआईटी द्वारा लिखी गई है। इससे बवाल की साजिश का आरोप भी सांसद पर लगा है। सांसद अपने खिलाफ दर्ज हुए मुकदमें में राहत पाने के लिए उच्च न्यायालय चले गए थे। जिसमें न्यायालय की ओर से जांच पूरी नहीं होने तक गिरफ्तारी नहीं करने की राहत दी थी। एसआईटी द्वारा सांसद को उनके दिल्ली स्थित आवास पर बीएनएसएस की धारा 35 के तहत नोटिस तामील कराया था। जिसमें सांसद ने आठ अप्रैल को बयान दर्ज कराने की बात कही थी। इसी क्रम में उन्होंने अपने बयान दर्ज कराए हैं।

सांसद के साथ विधायक के बेटे को भी बनाया गया है आरोपी
24 नवंबर को हुए बवाल में सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था, जबकि विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल पर भीड़ को उकसाने का आरोप है। सांसद और विधायक के बेटे को नामजद करते हुए मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें 800 आरोपी अज्ञात भी बनाए गए थे। इस मुकदमें में जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट की गिरफ्तारी हो चुकी है। वह 23 मार्च से जेल में बंद हैं।

थाने में पुलिस की दिखी कड़ी निगरानी
जब सांसद को पूछताछ के लिए नखासा थाना बुलाया गया तो सुरक्षा चाकचौंबद दिखाई दी। सांसद के साथ पहुंचे अधिवक्ता भी थाने में बैठे दिखाई दिए। इसके अलावा थाने की फोर्स मुस्तैद रही। यह निगरानी सांसद से सवाल जवाब होने तक बनी रही। जब सांसद चले गए तो माहौल सामान्य दिखाई दिया।

मुझे कानून पर भरोसा
मैं सांसद हूं और मुझे कानून और न्याय पालिका पर पूरा भरोसा है। मेरे खिलाफ गलत तरीके से केस दर्ज किया गया था। इसलिए ही उच्च न्यायालय गया था। वहां से मुझे राहत भी मिली है। अब जो जांच चल रही है। उसमें मैं पूरा सहयोग दूंगा। यह मेरी जिम्मेदारी है। एसआईटी की ओर से जो सवाल पूछे गए हैं उनके जवाब दिए हैं। आगे भी सहयोग देने के लिए तैयार हूं। -जियाउर्रहमान बर्क, सांसद, संभल।

अभी जांच जारी है
एक मुकदमें में सांसद भी आरोपी हैं। इसी मुकदमें की जांच में सहयोग के लिए सांसद को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। एसआईटी द्वारा यह पूछताछ की गई है। अभी जांच जारी है। -कुलदीप कुमार, सीओ, असमोली।

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