उत्तर प्रदेश राज्य

संभल में मतदान के दौरान कई मुस्लिम बहुल इलाक़ों में लोगों ने वोट न डाले दिए जाने के आरोप लगाए, पुलिस वालों ने पहचान पत्र छीनकर फाड़ दिये : रिपोर्ट

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल में मंगलवार को मतदान के दौरान कई मुस्लिम बहुल इलाक़ों में लोगों ने वोट न डाले दिए जाने के आरोप लगाए हैं.

समाजवादी पार्टी ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया है- “संभल लोकसभा के अंतर्गत आने वाले कुंदरकी, बिलारी, चंदौसी, संभल एवं असमोली समेत सभी विधानसभा क्षेत्रों में पुलिसफ़ोर्स की ओर से मतदाताओं को पीटा एवं धमकाया जा रहा है. अनावश्यक रूप से वोटर पर्ची की चेकिंग करके मतदाताओं को परेशान करके मतदान को प्रभावित किया जा रहा है.”

बीबीसी को ऐसे कई वीडियो मिले हैं जिनमें लोग अपने साथ मारपीट किए जाने और पहचान पत्र छीने जाने का आरोप लगा रहे हैं.

कई लोगों का आरोप है कि पुलिसबलों ने उनके पहचान पत्र छीन लिए और मारपीट कर पोलिंग बूथ से भगा दिया.

आज तीसरे चरण के दौरान संभल में मतदान हो रहा है. इसके अलावा यूपी की नौ और सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं.

संभल से समाजवादी पार्टी के टिकट पर दिवंगत सांसद शफ़ीकुर्रहमान बर्क़ के पोते ज़ियार्रहमान बर्क़ इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हैं.

ज़ियाउर्रहमान बर्क़ ने ज़िला प्रशासन से मतदाताओं के साथ ज़बरदस्ती किए जाने की शिकायत की है.

ज़ियाउर्रहमान ने कहा है, “पुलिस प्रशासन पार्टी बनकर काम कर रहा है. मतदाताओं की पर्ची छीनी जा रही है. वोट नहीं डालने दिए जा रहे हैं.”

बीबीसी ने इस संबंध में संभल के ज़िलाधिकारी जो निर्वाचन अधिकारी भी हैं उनसे बात करने की कोशिश की.

उन्होंने कहा कि “इस संबंध में अधिक जानकारी लेकर ही वो कुछ कह सकेंगे.”

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस तरह की घटनाओं की सूचना पर कहा है कि ‘बीजेपी के लोग बूथ कैप्चर करने की कोशिश कर रहे हैं. उम्मीद है चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा.’

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “उम्मीद करता हूं कि चुनाव आयोग को जो शिकायत मिल रही है उस पर एक्शन लेगा. कई जगहों से सूचना मिल रही है कि बीजेपी के कार्यकर्ता बूथ कैप्चर करने की कोशिश कर रहे हैं. शुरुआती दौर में वो एजेंट नहीं बनने दे रहे थे.”

“मैंने यहीं एक अधिकारी को देखा है, जब मैं गाड़ी से आया तो उसे होश ही नहीं था कि वो क्या कर रहा है, लोगों से गाली-गलौज कर रहा है. पोलिंग बूथ के बाहर पुलिस नहीं चेक कर सकती है कि किसने वोट डाला है, किसने नहीं. मतदाताओं से अपील करता हूं कि बड़ी संख्या में वोट डालें और इस सरकार को हटाएं.”

दिलनवाज़ पाशा

बीबीसी संवाददाता