नई दिल्ली: श्रीलंका के कैंडी शहर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के पूरे देश में फैलने के कारण वहां 7 दिनों के लिए इमरजेंसी लगा दी गई है, अभी तक इस हिंसा में 2 लोगों के मारे जाने की खबर है।
स्थानीय सरकार ने बढ़ती हिंसा पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को देशभर में इमरजेंसी लगा दी. कैंडी में हिंसा उस समय भड़क उठी जब एक बौद्ध अनुयायी की मौत हो गई और मुस्लिम व्यापारी को आग लगा दी गई, इसके बाद वहां हिंसा भड़क उठी और धीरे-धीरे यह सांप्रदायिक हिंसा में तब्दील हो गई. स्थिति पर नियंत्रण के लिए वहां कर्फ्यू लगा दिया गया।
#SriLanka declares state of emergency after increase in attacks against #Muslims https://t.co/aC51o3wuFF pic.twitter.com/mvZE0rdAY4
— Al Arabiya English (@AlArabiya_Eng) March 6, 2018
हिंसा के दूसरे शहरों में बढ़ते जाने के कारण सरकार ने इमरजेंसी लगा दी. हिंसा पर नियंत्रण के लिए दो दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि इस हिंसा में मुस्लिम समुदाय से जुड़ी चीजों पर हमले किए जा रहे हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, कैंडी के स्थानीय विधायक हिदायथ साथथार ने बताया कि हिंसा के दौरान अब तक 4 मस्जिद, 37 घर, 46 दुकानें और 35 वाहनों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है।
EMERGENCY DECLARED IN SRI LANKA
“Muslims Pose A Threat In Sri Lanka” | General secretary of the Sri Lankan ultra-nationalist Buddhist organisation Bodu Bala Sena (BBS) on charges of being the mastermind of many anti-Muslim riots
#Srilankahttps://t.co/Tw5ov0yvE0— Outlook India (@Outlookindia) March 6, 2018
पूरे घटनाक्रम पर संसद में बोलते हुए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बताया कि ड्राइवर की मौत के बाद स्थानीय बौद्ध और मुस्लिम समुदाय के बड़े बुजुर्ग बातचीत के जरिए तनाव को कम करने में लगे हुए हैं. हिंसा फैलाने में बाहरी तत्वों का हाथ है. बाहर से आए लोगों ने हिंसा भड़काई और सुनियोजित तरीके से तोड़फोड़ को अंजाम दिया।
हाल के दिनों में देश में मुस्लिम विरोधी हिंसा बढ़ी है. देश की बहुसंख्यक आबादी सिंघली बौद्धों की है और वो राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
एक हफ्ते पहले ट्रैफिक रेड लाइट पर विवाद के बाद कुछ मुस्लिम युवाओं ने एक बौद्ध युवक की पिटाई की थी और तभी से वहां तनाव बना हुआ है. इसी तरह देश के पूर्वी शहर अमपारा में मुस्लिम विरोधी हिंसा हुई थी।
अमूमन शांत कहे जाने वाले श्रीलंका में 2012 से ही सांप्रदायिक तनाव की माहौल बना हुआ है. कुछ कट्टरपंथी बौद्ध समूहों का आरोप है कि वहां जबरन धर्म परिवर्तन कराने और बौद्ध मठों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
2014 में कट्टरपंथी बौद्ध गुटों ने तीन मुसलमानों की हत्या कर दी थी जिसके बाद गाले में हिंसा भड़क उठी थी. 2009 में सेना के हाथों तमिल विद्रोहियों की हार के बाद से श्रीलंका का मुस्लिम समुदाय एक तरह से सियासत से दूर रहा है, लेकिन उस पर हमले बढ़े हैं।