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श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे देश छोड़कर भाग रहे थे, लोगों ने एयरपोर्ट पर दबोचा : रिपोर्ट

श्रीलंका के पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने मंगलवार को देश छोड़ने की कोशिश की लेकिन एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने उन्हें नहीं जाने दिया. बासिल राजपक्षे, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के छोटे भाई हैं.

कोलंबो एयरपोर्ट पर जब लोगों ने उन्हें श्रीलंका छोड़कर जाने की कोशिश करते हुए देखा तो विरोध करना शुरू कर दिया.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में यात्रियों को बासिल राजपक्षे की मौजूदगी का विरोध करते हुए देखा जा सकते हैं. वीडियो में लोग मांग कर रहे हैं कि उन्हें देश नहीं छोड़ने दिया जाए.

श्रीलंकाई इमिग्रेशन अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने राष्ट्रपति के भाई बासिल राजपक्षे को देश से बाहर जाने से रोक दिया है.\

DailyMirror
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Immigration and emigration officials withdrew from operations in the ‘Silk Route’ lounge at the BIA when former Minister Basil Rajapaksa attempted to leave Sri Lanka. Rajapksa was to fly to Washington via Dubai. #SriLanka #BasilRajapaksa #lka

ईंधन, भोजन और दूसरी ज़रूरी चीज़ों की कमी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों के चलते बासिल राजपक्षे ने अप्रैल के शुरू में अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था. उन्होंने जून में संसद में अपनी सीट भी छोड़ दी थी.

कौन हैं बासिल राजपक्षे

बासिल राजपक्षे, महिंदा और गोटाबाया के छोटे भाई हैं. वे अपने भाई और हाल तक प्रधानमंत्री रहे महिंदा राजपक्षे की सरकार में वित्त मंत्री थे.

वे दो महीने पहले श्रीलंका के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर भारत भी आए थे.

बासिल ने 1977 के आम चुनाव से ही चुनाव में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था. लेकिन शुरुआती चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

साल 2005 में महिंदा राजपक्षे के चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें श्रीलंका की संसद के लिए मनोनीत किया गया. 2010 के संसदीय चुनावों में वे सांसद चुने गए.

पिछले साल एक बार फिर उन्हें संसद का मनोनीत सदस्य नियुक्त किया गया. इसके तुरंत बाद उन्हें देश का वित्त मंत्री बना दिया गया. लेकिन बढ़ते विदेशी कर्ज और कोविड की मार से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था बिगड़नी शुरू हो चुकी है.

बासिल राजपक्षे के पास अमेरिका की भी नागरिकता है इसलिए संविधान में बदलाव करके उनके संसद सदस्य और वित्त मंत्री बनने में आने वाली कानूनी अड़चनों को हटा दिया गया.

बिगड़ते हालात के बीच बासिल संसद से दूर रहने लगे. उन पर भ्रष्टाचार के भी कई आरोप लगे हैं.

अप्रैल 2015 में उन्हें भ्रष्टाचार के केस में गिरफ़्तार किया गया था. वे अपने भाई के दूसरे कार्यकाल में आर्थिक विकास मंत्री रह चुके हैं. उन पर दो अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर राज्य की संपत्ति को हड़पने के आरोप लगे थे.