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तीन क़िस्से भूतों के….खाना, कपड़ा, घर की भूतों को ज़रूरत होती नहीं थी, इसलिए उन्हें…!
Kavita Krishnapallavi ============== तीन किस्से भूतों के…. (किस्से तो मेरे पास भूतों के भी बहुत हैं ! अब इस भुतहे माहौल में भूतों से कोई क्या डरेगा भला ! बल्कि भूत आजकल ज्यादा डरे-डरे रहते हैं उनसे जिन्होंने देश को इस क़दर श्मशान बना डाला है कि श्मशान ज्यादा सुकूनतलब जगह लगने लगा है ! […]
लेखिका राजरानी_महात्मा गांधी जयंती पर विशेष। ‘बापू एक असाधारण व्यक्तित्व’
Ravi Press ============== लेखिका राजरानी_ महात्मा गांधी जयंती पर विशेष । बापू एक असाधारण व्यक्तित्व’ ऐसा कभी-कभी ही होता है कि जब कोई असाधारण आत्मा सामान्य स्तर से ऊपर उठकर ईश्वर के विषय में गहराई से चिंतन करती है ऐसी महान आत्मा का आलोक अंधकार में और अस्त-व्यस्त संसार के लिए प्रखर संकेत दीप का […]
* माँ की ममता *……..दुल्कान्ति समर सिंह, श्रीलंका निवासी लेखिका की कविता पढ़िये!
Dulkanthi Samarasinghe Kalutara South Sri Lanka ============= * माँ की ममता * सागर की गोद में, अनेक नदियाँ सोती हैं सागर ने कभी नदी को अस्वीकार नहीं किया हर माँ की ममता भी समुद्र की गोद जैसी है हर माँ की ममता भी रात की चाँदनी जैसी है सरिता समुद्र में ही जाती सत्वों को […]