

Related Articles
देह मेरी, हल्दी तुम्हारे नाम की……आरती दुबे की रचना
Aarti Dubey ============== · देह मेरी, हल्दी तुम्हारे नाम की । हथेली मेरी, मेहंदी तुम्हारे नाम की । सिर मेरा, चुनरी तुम्हारे नाम की । मांग मेरी, सिन्दूर तुम्हारे नाम का । माथा मेरा, बिंदिया तुम्हारे नाम की । नाक मेरी, नथनी तुम्हारे नाम की । गला मेरा, मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का । कलाई मेरी, […]
जन्म देने वाली माता की वंदना : देव राज बंसल के भजन पढ़िये!
Dev Raj Bansal Hyderabad From Kasauli ============== प्रभु को अर्जी भेज रहा प्रभु अर्जी मैं तुमको कहीं ना इसे दबा लेना स्वयं पढ़ने का समय ना हो किसी से इसे पढवा लेना धरती को तुमने क्या दिया बार-बार लेकर अवतार तब भी थी यह लाल हुई अब भी वह खून की धार जब तुम गए […]
धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे!
Kavita Krishnapallavi ============== धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे! ये इक्कीसवीं सदी के शुरुआती सौभाग्यशाली दशक थे जब विकटतम तिमिराच्छन्न दिनों के बावजूद हिन्दी भाषा के सभी अच्छे कवि इतने अच्छे थे, इतने अच्छे थे कि फ़ासिस्ट और हत्यारे तक उनकी कविताई के क़ायल थे I उनके दिल इतने अच्छे थे, इतने […]