लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में जिले भर से लाभार्थी बुलाए गए थे। उज्ज्वला योजना के तहत लाभ लेने वाली महिलाएं बुलाई गई थी। मुस्लिम महिलाएं भी कार्यक्रम में पहुंची, लेकिन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले बुर्का पहन कर आईं मुस्लिम महिलाओं के बुर्के एंट्री गेट पर ही उतरवा लिए गए। तब उन्हें कार्यक्रम स्थल पर अंदर जाने की इजाजत दी गई।
भारतीय मुस्लिम विकास परिषद नाम की संस्था का कहा है कि इस काम में स्थानीय पुलिस और सीएम की सुरक्षा में लगी एजेंसियां शामिल थीं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इस संगठन के चेयरमैन और सचिव ने कहा है कि इस बावत सुरक्षा एजेंसियों को लिखित रूप से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि मुस्लिम महिलाओं के साथ हुआ व्यवहार अशोभनीय है।
संस्था के चेयरमैन शमी अघाई ने कहा, “इसके लिए सीएम को भी खेद जताना चाहिए, अन्यथा ये माना जाएगा कि मुस्लिम महिलाओं के साथ जो कुछ भी हुआ, इसमें सीएम की भी सहमति थी।”
भारतीय मुस्लिम विकास परिषद ने कहा कि पीएम मोदी और योगी दोनों ही सबका साथ-सबका विकास के बारे में बढ़ चढ़ कर दावे करते हैं। लेकिन दोनों नेता मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कुछ नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से सरकार की अच्छी छवि नहीं बनती है। शमी अघाई ने कहा कि इस मामले में पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है और कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं होती है तो वे लोग आंदोलन करने पर उतारू होंगे।
बता दें कि तीसरी बार फिरोजाबाद पहुंचे सीएम योगी ने कांच उद्योग को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का वाद किया उन्होंने आलू किसानों के लिए भी सरकारी मदद का जिक्र किया। सीएम ने कहा कि कांच उद्योग के लिए सरकार खास प्लान तैयार कर है। योगी ने कहा कि राज्य सरकार कांच उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करेगी। इसके लिए 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।