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शर्मनाक :मुसलमानों को बंगलादेशी बताकर जुमे की नमाज़ पढ़ने से रोका-हिंदूवादी संगठनों के हौसले बुलंद

नई दिल्ली: गुरुग्राम में एक बार फिर से नमाज़ पढ़ने को लेकर नया विवाद फैला हुआ है,पिछले महीने नमाज़ पढ़ते मुसलमानों को परेशान करने वालो को पुलिस ने गिरफ्तार किया था ताकि आईन्दा कोई इस प्रकार की घटना न पेश आये,लेकिन एक बार फिर जुमे की नमाज़ को लेकर विवाद हुआ है,जिसमें मुसलमानों को बंगलादेशी बताकर उनकी देशप्रेम पर निशाना साधा है।

गुरुग्राम में हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कई जगह जुम्मे की नमाज नहीं पढ़ने दी। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 15 दिन पहले इसी शहर के वजीराबाद इलाके में शुरू हुआ नमाज विरोधी यह अभियान इस बार फैलता दिखा। आरोप है कि सड़कों व खुले स्थानों पर कम से कम 10 जगहों पर जुम्मे की नमाज पढ़ने से मुस्लिम समुदाय के लोगों को रोका गया।

संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति नाम के संगठन ने लोगों को खुले में नमाज पढ़ने से रोकने का दावा किया है। यह समिति 12 स्थानीय हिंदूवादी समूहों से मिलकर बनी है, जिसमें बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, शिव सेना, हिंदू जागरण मंच और अखिल भारतीय हिंदू क्रांति दल के लोग शामिल हैं।

हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने गाड़ियों में इन जगहों पर पहुंचकर लोगों को जुम्मे की नमाज अदा करने से रोक दिया। आरोप है कि इन लोगों ने नमाजियों को अवैध तरीके से देश में घुस आए बांग्लादेशी बताया और उन्हें यहां से चले जाने को कहा। नमाजियों में डर पैदा करने के लिए ये कार्यकर्ता ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगा रहे थे।

इनका यह भी आरोप है कि गुड़गांव शहर में बढ़ रहे अपराधों के लिए यही नमाजी जिम्मेदार हैं। हालांकि, इस दौरान पुलिस बल तैनात रहा, लेकिन अधिकतर जगह मूकदर्शक की स्थिति बनी रही। नमाज में खलल डालने वालों की जब विडियो बनाई जाने लगी, तो हुड़दंगी चले गए।

इनके जाने के बाद भी नमाज अदा नहीं हो सकी। वहीं, पुलिस ने देर शाम तक इस सिलसिले में किसी तरह का मामला दर्ज नहीं किया था। पुलिस का दावा है कि उसे किसी ने इस बारे में शिकायत भी नहीं की है।

अखिल भारतीय हिंदू क्रांति दल के नेता राजीव मित्तल ने कहा कि मुसलमानों को खुले में नमाज पढ़ने के लिए प्रशासन से मंजूरी लेनी होगी। बिना मंजूरी के हम नमाज नहीं पढ़ने देंगे। बजरंग दल के गुड़गांव इकाई के नेता अभिषेक गौर ने कहा कि हमने अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि कानून-व्यवस्था बनाए रखते हुए मुसलमानों को खुले में नमाज पढ़ने से रोका जाए।