बिहार राज्य

शर्मनाक-बोधगया में बौद्ध भिक्षु कर रहे थे नाबालिग बच्चों का यौन उत्पीड़न, बौद्ध भिक्षु संचालक गिरफ्तार

पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद अब गया जिले में बुद्ध भगवान की नगरी से एक और शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. गया जिले के अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध धर्म स्थल बोधगया स्थित एक बौद्ध मठ में असम के 15 बाल लामाओं का शारीरिक और यौन शोषण करने के आरोपी भंते संघप्रिया सुजॉय को गुुरुवार को न्यायिक हिरसात में जेल भेजा दिया गया।

गया के वरिष्ठ अधीक्षक राजीव मिश्रा ने इस मामले की जांच के लिए बोधगया पुलिस उपाधीक्षक रमन कुमार चौधरी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है जिसकी निगरानी पुलिस अधीक्षक (नगर) अनिल कुमार करेंगे।

पुलिस अधीक्षक (नगर) अनिल कुमार ने बताया कि गुरुवार को स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किये जाने के बाद गिरफ्तार भंते, जो कि एक बंगलादेशी नागरिक है, को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में गया केंद्रीय कारा भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्चों की मेडिकल जांच किए जाने के साथ न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष उनका बयान रिकॉर्ड किए जाने के बाद उन्हें अपने परिजनों के साथ घर जाने की इजाजत दे दी गयी है।

इस बीच अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिषद (आईबीसी) ने इस मामले पर विचार के लिए आज बोधगया में एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी जिसमें धार्मिक शिक्षा के नाम पर बच्चों के साथ इस तरह के घिनौने कृत्य की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें सच्चाई को सामने लाने में जांच दल को सभी तरह का सहयोग करने का संकल्प लिया गया।

परिषद के सदस्यों ने बोध गया स्थित प्रत्येक मठ की गतिविधियों पर नजर रखने का फैसला किया और कहा कि कुकृत्य में शामिल पाए गए लोगों को आईबीसी सदस्यता से वंचित कर दिया जाना चाहिए. आईबीसी सचिव प्रज्ञा भंते ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि बोध गया में 160 से अधिक बौद्ध मठ हैं जिनमें से केवल 55 ही परिषद के साथ या बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) के साथ पंजीकृत हैं।

आईबीसी सचिव ने कहा कि जिला प्रशासन को शेष मठों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उनका पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए. बोधगया के मस्तीपुर गांव में प्रसन्ना जयोति बुद्धिस्ट स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में पिछले एक साल से उपरोक्त बच्चों को बौद्ध धर्म को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा था. इन बच्चों के परिजन की शिकायत पर यह मामला प्रकाश में आया।