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क्यों रे राघव बहू को घर कब लायेगा?
𝓟𝓻𝓲𝔂𝓪𝓷𝓴𝓪 𝓚𝓾𝓶𝓪𝓻𝓲 =============== · क्यों रे राघव बहू को घर कब लायेगा?” शम्भू चाचा ने खटिया पर लेटे-लेटे ही सवाल किया? राघव उनको अनसुना करते हुए, तेजी से पुराना कपड़ा हाथ मे उठाकर आँगन में रखी मोटरसाइकिल पोंछने लगा .. हुँह सब पर बोझ बनकर बैठे हैं, न घर बसाया न परिवार अब पराई स्त्रियों […]
क़िताब : धुँधलके शामों के, शायरा – नलिनी विभा ‘नाज़ली’ : ज़िंदगी कितनी हसीन है इसका अहसास होता है….
Nalini Vibha Nazli Lives in Hamirpur, Himachal Pradesh =========== मोहतरम कर्नल Vivek P Singh साहिब मुख़्तलिफ़ ज़बानों और अस्नाफ़ में माहिर और एक मुमताज़ तब्सिरः निगार हैं ।ऐसी अज़ीमतरीन शख़्सियत का मेरे अदना – से शे’री मज्मूए पर लिखना मेरे लिए बाइस-ए-फ़ख़्र है, जिसके लिए मैं तहे-दिल से ममनून हूँ ।आप तमाम मुअज़्ज़िज़ ख़वातीनो – […]
इस अभाव और ग़रीबी से निकलना है, तो शिक्षा की मशाल जलानी होगी, अन्यथा यहीं छटपटाते हुए जीवन व्यर्थ हो जाएगा
Madhu Singh ==================== “मम्मीजी, आप ज़रा चाचाजी को कुर्सी पर बैठने को कहिए, देखिए तो, लॉन में कैसे बैठे हैं.” बहू सुप्रिया के कहने पर मालती ने लॉन की ओर देखा काका भैरोमल आराम से घुटने तक धोती खिसकाए मूंगफली टूंगते हुए धीरे-धीरे तेल से घुटने की मालिश कर रहे थे. वो कुछ कहती उससे […]