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शताब्दियों बाद जागा शक्ति का प्रताप, मां जोगणियां की महिमा अपार : कुशलगढ़ ज़िला बांसवाड़ा राजस्थान से धर्मेन्द्र सोनी की क़लम से

शताब्दियों बाद जागा शक्ति का प्रताप, मां जोगणियां की महिमा अपार

(विज्ञान चाहे कितने भी आविष्कार कर लें, अणु शक्ति से लेकर परमाणु शक्ति की क्षमता हासिल करले बावजूद ईश्वरीय शक्ति के आगे विज्ञान को नत मस्तक होना ही पड़ता है, चुकी मां के गर्म से जन्म लेते ही कोई व्यक्ति महान तथा वेज्ञ्यानिक नहीं बनजाता है,! माता पिता तो एक माध्यम है, हमारे वैदो पुराणों में हमे ईश्वरीय शक्ति का आभास होता है जब ईश्वरीय शक्ति के रंग में रंग कर हम भक्ती भाव व श्रध्दा से भजन कीर्तन करते हैं तो हमारे अंतर मन ने नई क्रांति का संचार होता है थके पेर हो या उम्र का अंतिम पड़ाव या जंजीरों में जकड़ा हुआ हम भक्ती और भजनों में इतना खो जाते हैं की हममें एक आत्मबल आ ही जाता है हमारा देश धर्म निर्पेक्ष देश है,सभी धर्म बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं हमारे देश में अनेकों शक्ति पीठ व चमत्कारी मंदिर है ज़हां श्रद्धा भक्ति व आस्था का संचार होता है इन शक्ति पीठो पर भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं,

आज हम राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उप खंड क्षेत्र के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र के नव गठित ग्राम पंचायत सरोना जो पाटन पुलिस थाना से महज तीन किलोमीटर दूर स्थित सरोना शक्ति पीठ माता रानी चौंसठ जौगनिया का अती प्राचीन शक्ति पीठ हे जो आज भी श्रद्धा भक्ति व आस्था का प्रतीक माना जाता है किदवंती अनुसार यह शक्ति पीठ सरोना महा भारत के समय का बताया गया है इस शक्ति पीठ पर अज्ञात वास के समय पांडव इस क्षेत्र में आए थे वेसे भी बांसवाड़ा जिले को लोडी काशी यानी लघु काशी भी कंहा जाता है, अज्ञात वास के समय पांचों पांडवों ने यहां घोटिया आंबा में अज्ञात वास के समय कुछ समय बिताया तथा भगवान शिव की आराधना व जप तब किया जंहा से भगवान शिव ने सत्य की असत्य पर विजय का आशीर्वाद दिया पांचों पांडव माता कुंती व पांचाली संग को शक्ति पीठ सरोना मातारानी चोसट जोगनिया की आराधना करने की बात कही, पांचों पांडव मातारानी चोसट जोगनिया की आराधना करने घोटिया आंबा से चले और पांच डुंगरी पर आएं ये पांचों डुंगरिया पहले महुडा पंचायत में आती थी जो अब नव गठित ग्राम पंचायत वरसाला में आज भी विधिमान है, किदवंती अनुसार पांडवों ने यंहा भी कुछ समय अज्ञात वास के समय गुजारा था एसा भी बताया की जब कर्ण को पता चला कि पांचों पांडव इस क्षेत्र में छुपे हुए हैं तों अज्ञात वास भंग करने कर्ण सेना लेकर आया पर ईश्वरीय शक्ति के कारण कर्ण दिग्ग भ्रमित हो गया ओर खाली हाथ चला गया,आज भी कर्ण घाटी गांव मौजूद हैं पांच डुंगरी से पांचों पांडव मातारानी चोसट जोगनिया के शक्ति पीठ सरोना मातारानी के पास पहुंचे जप तप व्रत कर अधर्म पर धर्म की वे असत्य पर सत्य की जीत हुई है वर्षो से यह शक्ति पीठ सरोना मातारानी चोसट जोगनिया खुर्द बुर्द व विरान पड़ा था, मध्यप्रदेश के एक दंपती के कोई संतान नहीं थी मन्नत के चलते संतान प्राप्ति के बाद इस शक्ति पीठ पर माता के जयकारे गुंजने लगे धिरे धिरे यहां भक्तों का सेलाब उमड़ता ही चला यंहा खुदाई के दौरान मातारानी चोसट जोगनिया विष्णु भगवान महिशासुर मर्दनी व बाल हनुमान व अनय प्राचीन प्रतिमाएं जमिन से निकली, शिल्पकोरो को बुलाकर खंडित प्रतिमाओं को तराशा गया, जैसें जेसे माता के चमत्कारों की गाथा दशो दिशाओं में फेलने लगी भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया इस दौरान पेशे से आर्युवेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ मधुसूदन शर्मा ने शक्ति पीठ सरोना पर भव्य मंदिर बनाने की इच्छा जताई, भरतपुर के बानसी पहाड़ पुर के पत्थर मंगवाकर शिल्पकारों को बुलाकर करीब डेढ़ करोड़ की लागत से मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है शक्ति पीठ सरोना पर लकवा निसंतान व अन्य रोग से ग्रस्त लोग आते हैं व मातारानी के आर्शीवाद व क्रुपा से सुधरकर अपने को धन्य मानते हैं हर रविवार को यंहा भक्तों का सेलाब उमड़ता है हर नवरात्री पर गरबों, भजनों कवी सम्मेलन आदी धार्मिक आयोजन होता है राजस्थान मध्यप्रदेश गूजरात व महाराष्ट्र सहित देश के कोने-कोने से मातारानी के भक्त यहां आंतें है पुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया या सहित अनेक राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि अधिकारी भी यहां पर आ कर मत्था टेक कर मातारानी का आर्शीवाद लेते हैं विडंबना है की यहां पर कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है जो दुख का विषय है ,यदी सरकार जनप्रतिनिधि व पुरा संपदा इस पर ध्यान दे तो यह दर्शनीय स्थल एक अनुठी पंहचान बनाने में सार्थक हो सक्ता हे यंहा पर जोगनिया महिमा फिल्म भी बन चुकी है मातारानी की चालिसा अष्टक आरती की पुस्तक भी उपलब्ध हे जिसमे रिपोर्टर धर्मेन्द्र सोनी कुशलगढ़ पुर्व एसडीएम सत्यनारायण आमेटा गितकार महेश शुक्ला द्वारा लिखी गई किताब है