

Related Articles
मेरे पापा के खून से सींचा हुआ उड़नखटोला था मेरा, उसे किसी कबाड़ी को बेच दिया,,,दुःख तो होगा ही!
कश्मीरा शाह चतुर्वेदी ============== पाँच दिन की छूट्टियाँ बिता कर जब ससुराल पहुँची तो पति घर के सामने स्वागत में खड़े थे। अंदर प्रवेश किया तो छोटे से गैराज में चमचमाती गाड़ी खड़ी थी स्विफ्ट डिजायर!मैंने आँखों ही आँखों से पति से प्रश्न किया तो उन्होंने गाड़ी की चाबियाँ थमाकर कहा:-“कल से तुम इस गाड़ी […]
प्रिय सुरेश जी, आपको प्रसन्नता होगी कि अशोक का चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हो गया
R. S. Gupta ====== मदन जी का लड़का है अशोक, एमएससी पास। नौकरी के लिए मदन जी निश्चिन्त थे, कहीं न कहीं तो जुगाड़ लग ही जायेगी। अब लड़के का बियाह कर देना चाहिए। सुरेश जी की लड़की है ममता, वह भी एमए पहले दर्जे में पास है, सुरेश भी उसकी शादी जल्दी कर देना […]
वो रात इत्तेफाक़ से ख़्वाबों में आ गए…..By-शकील सिकंद्राबादी
Shakeel Sikandrabadi ============== · ग़ज़ल हम ये समझ रहे थे के फूलों में आ गए लेकिन वफाएँ कर के तो काँटों में आ गए हक़ का सवाल पूछने झूटों में आ गए आईना ले के आप भी अन्धों में आ गए मग़रूर हुस्न वालों की चालों में आ गए आशिक़ मिज़ाज लौग थे बातों में […]