प्रिगोज़िन रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के मालिक हैं, बगावत के आरोप में प्रिगोज़िन को 20 साल की सजा हो सकती है।
यूक्रेन युद्ध में इस संगठन की क्या भूमिका रही है?
पूर्वी यूक्रेन के बखमुत शहर पर कब्जे के दौरान वैगनर समूह के लड़ाके बड़े पैमाने पर सक्रिय थे। यूक्रेनी सैनिकों का दावा है कि वैगनर लड़ाकों को खुले मैदान में बड़े पैमाने पर हमले के लिए भेजा गया था, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग मारे गए। युद्ध के शुरुआत में रूसी सेना ने वैगनर समूह के लड़ाई में शामिल होने की पुष्टि नहीं की थी। हालांकि, बाद में इन भाड़े के सैनिकों की साहस की प्रशंसा की थी।
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वैगनर ग्रुप क्या है?
वैगनर समूह को आधिकारिक तौर पर PMC वैगनर कहा जाता है। यह समूह 2014 में पहली बार चर्चा में आया। तब यह समूह पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की मदद कर रहा था। उस समय यह एक गुप्त संगठन था। इस संगठन पर दुनियाभर के अलग-अलग देशों में रूसी सरकार के लिए छद्म युद्ध लड़ने के आरोप लगे। कहा जाता है कि यह संगठन अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय था। खासतौर पर लीबिया, सीरिया, मोजाम्बिक, माली, सूडान और मध्य अफ्रीका के देशों में इस समूह के गृह युद्ध में शामिल होने के आरोप लगे। 2015 से 2018 के बीच वैगनर ग्रुप रूस की सेना और बशर अल-असद की टुकड़ियों के साथ भी लड़ा है।
इस समूह को रूस की निजी सैन्य कंपनी के तौर पर जाना जाता है। पिछले साल युद्ध शुरू होने के बाद रूस की तरफ से इस ग्रुप को यूक्रेन के राष्ट्रपति को ही निशाना बनाने की सुपारी दी गई थी। बताया गया था कि रूस ने किराए पर काम करने वाले हत्यारों के समूह- वैगनर ग्रुप को जेलेंस्की की हत्या का जिम्मा सौंपा था।
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कैसे बढ़ा वैगनर समूह?
शुरुआत में इस संगठन के करीब पांच हजार लड़ाके थे। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती गई। इस वक्त इस समूह के करीब 50 हजार लड़ाके यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ रहे हैं। जनवरी में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की ओर से यह दावा किया गया था। इसमें कहा गया कि 2022 से इस संगठन ने बड़े पैमाने पर लड़ाकों की भर्ती शुरू की है, क्योंकि रूसी सेना में नियमित सैनिकों की भर्ती में मुश्किल हो रही थी।
इसी साल की शुरूआत में अमेरिकी नेशनल सिक्युरिटी काउंलिस ने दावा किया था कि करीब 80 फीसदी वैगनर लड़ाके यूक्रेन युद्ध में हिस्सा ले रहे हैं। दिलचस्प बात है कि रूस में भाड़े की सैनाएं गैर-कानूनी हैं। इसके बाद भी वैगनर समूह एक कंपनी में पंजीकृत है, इसका मुख्यालय सेंट पीटर्सबर्ग में है। इस कथित प्रतिबंध के बाद भी यह संगठन रूस के अलग-अलग शहरों में बड़े पैमाने पर भर्ती कर रहा है।
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