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‘‘बहू….बाथरूम में दो दिन से तुम्हारे कपड़े पड़े है…
विवेक कुमार ================ ‘‘बहू….बाथरूम में दो दिन से तुम्हारे कपड़े पड़े है… उन्हें धो कर फैला तो दो।सुनयना ने आंगन में झाड़ू लगाते हुए कहा।‘‘अच्छा…फैला दूंगी, आप तो मेरे पीछे ही पड़ जाती है।बहू ने अपने कमरे से तेज आवाज में उत्तर दिया।‘‘इस में चिल्लाने की क्या बात है।‘‘चिल्लाने की बात क्यों नहीं है।कपड़े मेरे […]
बुआ जी….मुंडन संस्कार की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थी, बस एक बुआ ही थीं, जो नहीं आईं थीं!
चित्र गुप्त =============== बुआ जी ****** घर में मध्यम दर्जे की गहमागहमी का माहौल था। उल्लास में फूला ने सुबह से ही पूरा घर सिर पर उठा रखा था। गिनती के कुछ रिश्तेदार दुआर पर खटिया डाले बैठे हुए थे। अखंड रामायण का पाठ थोड़ी देर पहले ही समाप्त हुआ था। हवन कराने के लिए […]
मैं समझ गई कि नौकरी और घर संभालने में बहुत अंतर होता है
Madhu Singh =================== जब मेरी शादी हुई, तो मैं घर की बड़ी बहू बनी। मेरे बाद मेरी दो देवरानियाँ आईं। मैं पढ़ाई में उनसे कम थी और नौकरी भी नहीं करती थी, लेकिन वे दोनों मुझसे अधिक शिक्षित और आधुनिक थीं। मुझे खुशी थी कि घर में दो मॉडर्न देवरानियाँ आने वाली थीं। मैं अपने […]