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विनेश फोगाट : बृजभूषण और उसके द्वारा बैठाया गया डमी संजय सिंह हर तरीक़े से प्रयास कर रहे है कि कैसे मुझे ओलंपिक्स में खेलने से रोका जा सके!

भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट ने आरोप लगाया है कि उन्हें पेरिस ओलंपिक से बाहर करने के लिए डोप टेस्ट में फंसाने की साजिश हो सकती है.

विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “एशियन ओलंपिक क्वॉलिफाई टूर्नामेंट के लिए मेरे कोच और फिजियो को आधिकारिक मान्यता नहीं दी जा रही है. इसके बिना मेरे कोच और फीजियो कॉम्पीटिशन में नहीं जा सकते हैं.”

विनेश फोगाट ने आगे कहा, “बृजभूषण और उसके द्वारा बैठाया गया डमी संजय सिंह हर तरीक़े से प्रयास कर रहे है कि कैसे मुझे ओलंपिक्स में खेलने से रोका जा सके. जो टीम के साथ कोच लगाए गए हैं वे सभी बृजभूषण और उसकी टीम के चहेते हैं, तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वो मेरे मैच के दौरान मुझे मेरे पानी में कुछ मिला के ना पीला दे? अगर मैं ऐसा कहूं कि मुझे डोप में फंसाने की साजिश हो सकती है तो ग़लत नहीं होगा.”

विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में महिला रेसलिंग की 50 किलोग्राम कैटेगरी की रेस में बनी हुई है. विनेश फोगाट ने पिछले महीने नेशनल विमेंस रेसलिंग ट्रायल्स में इस कैटेगरी में जीत हासिल की.

 

Vinesh Phogat
@Phogat_Vinesh
19th अप्रैल को एशियन ओलम्पिक क्वालीफाई टूर्नामेंट शुरू होने जा रहा है। मेरे द्वारा लगातार एक महीने से भारत सरकार (SAI,TOPS) सभी से मेरे कोच और फिजियो की ACCREDITATION (मान्यता) के लिए रिक्वेस्ट की जा रही है। ACCREDITATION के बिना मेरे कोच और फिजियो का मेरे साथ कम्पटीशन ARENA में जाना संभव नहीं है। लेकिन बार-बार रिक्वेस्ट करने पर भी कहीं से भी कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है। कोई भी मदद करने को तैयार नहीं है। क्या हमेशा ऐसे ही खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खेला जाता रहेगा । बृजभूषण और उसके द्वारा बैठाया गया डैमी संजय सिंह हर तरीक़े से प्रयास कर रहे है कि कैसे मुझे ओलंपिक्स में खेलने से रोका जा सके। जो टीम के साथ कोच लगाए गए हैं वे सभी बृजभूषण और उसकी टीम के चहेते हैं, तो इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि वो मेरे मैच के दौरान मुझे मेरे पानी में कुछ मिला के ना पीला दे?? अगर मैं ऐसा कहूं कि मुझे डोप में फसाने की साजिश हो सकती है तो ग़लत नहीं होगा। हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। इतने महत्वपूर्ण कम्पटीशन से पहले ऐसे हमारे साथ मानसिक टॉर्चर कहाँ तक जायज़ है। क्या अब देश के लिए खेलने जाने से पहले भी हमारे साथ राजनीति ही होगी क्योंकि हमने सेक्सुअल हैरेसमेंट के ख़िलाफ़ आवाज़ उठायी?? क्या हमारे देश में गलत के खिलाफ आवाज उठाने की यही सजा है?
उम्मीद करती हूँ हमें देश के लिए खेलने जाने से पहले तो न्याय मिलेगा। जय हिन्द 🙏