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बारह मासा का एक गीत……By-अवध बिहारी श्रीवास्तव
अवध बिहारी श्रीवास्तव Lives in Kanpur, Uttar Pradesh From Varanasi, India ============ मित्रों बारह मासा का एक गीत पूस कांधे पर अभाव की लाठी पूस घूमता गांव मे गन्ने के रस पर दिन बीता रात बिताएंगे नारायण काकी कथरी ओढ़े चुप हैं काका बांच रहे रामायण हाथ पसारें कैसे जकड़ीं मर्यादाएं पांव मे भइया ने […]
तू राम का नाम लेने के बाद बाद रेहड़ी को फलों से भरकर छोड़ कर आजा बस….!!!!
वाया : Lokesh Kumar Singh =============== कल बाज़ार में फल खरीदने गया, तो देखा कि एक फल की रेहड़ी की छत से एक छोटा सा बोर्ड लटक रहा था, उस पर मोटे अक्षरों से लिखा हुआ था… “घर मे कोई नहीं है, मेरी बूढ़ी माँ बीमार है, मुझे थोड़ी थोड़ी देर में उन्हें खाना, दवा […]
वेश्या के लिये समस्या हो ही नहीं सकती, लेकिन समस्या क्या है ?
मेरा मुझमें कुछ नहीं मैंने सुना है, एक सूफी फकीर के आश्रम में प्रविष्ट होने के लिये चार स्त्रियां पहुंचीं ! उनकी बड़ी जिद थी, बड़ा आग्रह था ! ऐसे सूफी उन्हें टालता रहा, लेकिन एक सीमा आई कि टालना भी असंभव हो गया ! सूफी को दया आने लगी, क्योंकि वे द्वार पर बैठी […]