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लोगों की ख़ुशी के लिए पहली आवश्कता धर्म का अंत होना है : एक ख़ास विश्लेषण!

Meghraj Singh
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लोगों की ख़ुशी के लिए पहली आवश्कता धर्म का अंत होना है ।
काल मार्क्स
काल मार्क्स की इस कोटेशन से यह पता लगता है कि ना तो काल मार्क्स धर्म का पता था कि धर्म क्या होता है ।
और नाही काल मार्क्स अधर्म पता था कि अधर्म क्या होता है ।
धर्म के मसले पर काल मार्क्स की यह कोटेशन मेरे निजी अनुभव के अनुसार 100% प्रतिशत ग़लत है ।
धर्म और अधर्म के ऊपर एक ख़ास विश्लेषण—-
धर्म किसे कहते हैं —-
सच्चाई ईमानदारी दयालुता समानता विश्वास सब्र संतोष सहनशीलता स्वाभिमान अपनापन इंसानियत और प्यार इन गुणों को धर्म कहते हैं ।
अधर्म किसे कहते हैं—-
झूठ बेईमानी छल कपट धोखाधड़ी विश्वासघात दुराचार शैतानियत हैवानियत ऊँच नीच जात पात नस्लवाद और नफ़रत इन अवगुणो को अधर्म कहते हैं ।
सच बोलना ईमानदारी से काम करना इससे प्यार पैदा होता है इसको धर्म कहते हैं ।
झूठ बोलना बेईमानी करना इससे नफ़रत पैदा होती है इसको अधर्म कहते है ।
काले गोरे भूरे पूरे विश्व के लोग धार्मिक इंसानों की नज़रों में सब एक समान है ।
जिस इंसान के अंदर सच और ईमानदारी परीपूर्ण है वही धार्मिक इंसान है ।

नोट— काल मार्क्स की इस कोटेशन को हमने 100% ग़लत बताया है अगर किसी नास्तिक को आस्तिक को या वास्तविक इंसान को ऐसा लग रहा है कि हम झूठ बोल रहे हैं तो वह धर्म के मसले पर किसी भी TV चैनल पर आकर डिबेट कर सकते हैं ।
या अपना कोई सवाल भी लिख कर इस नंबर पर भेज सकते हैं ।
वॉट्सऐप नंबर+13474754233 USA
( M S Khalsa)

Meghraj Singh
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धर्म पूरे विश्व इंसानों के लिए बहुत ही ज़रूरी है और धर्म ही पूरे विश्व के लोगों के लिए लाभदायक होता है ।
जानिए धर्म इंसान के लिए कितना ज़रूरी है ।
जैसे की—-
सच ईमानदारी और प्यार का नाम धर्म है ।
झूठ बेईमानी और नफ़रत का नाम अधर्म है ।
जितना ज़रूरी इन्सान के शरीर के
लिए भोजन और पानी है ।
उतनी ही जरुरी इंसान के मन के लिए सच्चे महापुरुषों की वाणी है ।
सच्चे महापुरुषों के मुँह से निकला हुआ एक एक शब्द जो वाणी के रूप में ही धर्म है —
धर्म क्या क्या सिखाता है ——
1 सच बोलना ईमानदारी से काम करना और सबको एक समान प्यार करना यही धर्म सिखाता है इसके लिए सभी लोगों के लिए धर्म ज़रूरी है ।
2 सब लोगों को एक समान समझना सबके ऊपर दया करनी और मन में स्वाभिमान रखना यही धर्म सिखाता है इसीलिए धर्म सब लोगो के लिए ज़रूरी है ।
3 ऊँच नीच का भेद मिटाना नस्लवाद की नफ़रत मिटानी काले गोरे भूरे पूरे विश्व के लोगों को एक समान प्यार करना यही धर्म सिखाता है इसके लिए धर्म सब लोगो के लिए बहुत ज़रूरी है ।
4 झूठ बोलना बेईमानी करनी धोखा धड़ी करनी है विश्वासघात करना उंच नीच करना भेदभाव करना यह सब अवगुण है इनसे ही धर्म इंसान को बचाता है इसी लिए सब इंसान के लिए धर्म बहुत ज़रूरी है ।
5 बेख़ौफ़ रहना सब के भले के लिए सोचना पूरे विश्व में सच्चाई फैलाना और पूरे विश्व की भलाई के लिए काम करना यही धर्म सिखाता है इसके लिए पूरे विश्व के लोगों के लिए धर्म बहुत ज़रूरी है।
शायरी
जिसका मन दुखी उसका शरीर दुखी बिना धर्म के मन दुखी रहता है ।
जिसका मन सूखी उसका शरीर सूखी धर्म से ही मन सुखी रहता है ।
सच इमानदारी इंसानियत और प्यार जिसके मन में हों उस का मन ही सुखी रहता है ।
धार्मिक इंसान ही सच्चा ईमानदार और स्वाभिमानी होता है जो कि हमेशा ही परम आनंद में रहता है ।
नोट —धर्म नाम सच्चाई और ईमानदारी का है जिस किसी इंसान को ऐसा लग रहा है कि हम ग़लत बोल रहे हैं वह विश्व के किसी भी TV चैनल पर आकर धर्म के मसले के ऊपर विचार चर्चा कर सकते हैं ।
विचार चर्चा करने के लिए इस नंबर पर संपर्क करें ।
वॉट्सऐप नंबर+13474754233 USA
( M S Khalsa)


Meghraj Singh
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विश्व के सभी मर्द अपने आपको राजा कैसे महसूस कर सकते हैं ।
विश्व की सभी औरतें अपने आपको रानी कैसे महसूस कर सकती हैं ।
आओ इस पर एक ख़ास विश्लेषण करते हैं —-
दुनिया की नज़रों में राजा और रानी वह होते हैं जिनके पास धन दौलत हो दुनिया के सभी साधन हो और उनके हाथ में राजनीतिक ताक़त हो ।
लेकिन
सच्चे लोगों की नज़रों में राजा और रानी वह होते हैं जिनके अंदर सब्र संतोंष और सहनशीलता समानता इन्सानियत हो ।
असली राजा और रानी कौन है—-
अगर इंसान के पास दुनिया की सभी दौलत हो सभी प्रकार के संसाधान हो और पूरे विश्व की ताक़त उन इंसानों के हाथ में हो अगर उन इंसानों के अंदर लालच बेईमानी है तो वह नक़ली राजा और रानी है ।
अगर दुनिया के अंदर जिन इंसानों के पास धन दौलत हो या ना हो दुनिया के संसाधान हो या ना हो और उनके पास बॉडीगार्ड हो या ना हो अगर उन इंसानों के अंदर सच्चाई ईमानदारी और सब्र संतोष है तो वह असली राजा और रानी है ।
शायरी
जिन औरतों के अंदर लालच और बेईमानी है वह रानी होते हुए भी अपने आप को रानी महसूस नहीं कर पाएंगी ।
जिन मर्दों के अंदर लालच और बेईमानी है वह राजा होते हुए भी अपने आपको राजा महसूस नहीं कर पाएंगे ।
जिन औरतों के अंदर सब्र संतोंष और इंसानियत है वही अपने आपको रानी महसूस कर पाएंगी ।
जिन मर्दों के अंदर सब्र संतोष और इंसानियत है वही मर्द अपने आपको राजा महसूस कर पाएंगे ।
झूठ से लालच और बेईमानी पैदा होती है जिस से इंसान सारी ज़िंदगी भटकता ही रहता है ।
सच से सब्र संतोष और इंसानियत पैदा होती है जिसके कारण इंसान का मन राजा बन कर बैठ जाता है ।
नोट —विश्व अंदर कोई भी औरत अगर सचमुच ही सच को अपनाएगी वही अपने आप को रानी महसूस कर पाएगी और विश्व के अंदर कोई भी मर्द अगर सच को सचमुच ही अपनाएगा वही अपने आप को राजा महसूस कर पाएगा ।
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( M S khslsa )